भारत के बहुभाषी माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू ऐप (Koo App) ने इस वर्ष जनवरी से लेकर अब तक यूजर्स, जुड़ाव और मंच पर दिए जाने वाले वक्त में जबर्दस्त बढ़ोतरी के चलते पांच करोड़ डाउनलोड्स का आंकड़ा पार कर लिया है।
पिछले कुछ माह में ऐप के इंस्टालेशन और इस पर बिताए जाने वाले औसत समय के चलते इसे अपनाने वालों की तादाद काफी बढ़ी है।
यह प्लेटफॉर्म भारत के देसी जुबान बोलने वालों के बीच सभी को डिजिटल रूप से एकजुट करने का सिलसिला बनाए हुए है।
भारत के बहुभाषी माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू ऐप (Koo App) ने इस वर्ष जनवरी से लेकर अब तक यूजर्स, जुड़ाव और मंच पर दिए जाने वाले वक्त में जबर्दस्त बढ़ोतरी के चलते पांच करोड़ डाउनलोड्स का आंकड़ा पार कर लिया है। पिछले कुछ माह में ऐप के इंस्टालेशन और इस पर बिताए जाने वाले औसत समय के चलते इसे अपनाने वालों की तादाद काफी बढ़ी है और यह प्लेटफॉर्म भारत के देसी जुबान बोलने वालों के बीच सभी को डिजिटल रूप से एकजुट करने का सिलसिला बनाए हुए है।
इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुएकू ऐप के सीईओ और सह-संस्थापक अप्रमेय राधाकृष्ण ने कहा, “5 करोड़ डाउनलोड का मील का पत्थर पार करने पर हम काफी उत्साहित महसूस कर रहे हैं। यह ‘सबसे पहले भारत’ को ध्यान में रखते हुए बनाए गए एक बहुभाषी सोशल मीडिया नेटवर्क पर दैनिक विचारों को साझा करने में अलग-अलग जुबान बोलने वाले भारतीयों को शामिल करने की मांग की पुष्टि करता है। हमारे मंच की तेजी से होती बढ़ोतरी और इसे अपनाया जाना इस बात का प्रमाण है कि हम एक अरब भारतीयों की समस्या का समाधान कर रहे हैं।”
वर्तमान में, कू ऐप हिंदी, मराठी, गुजराती, पंजाबी, कन्नड़, तमिल, तेलुगू, असमिया, बंगाली और अंग्रेजी समेत 10 भाषाओं में उपलब्ध है। कू ऐप पर 7500 से अधिक मशहूर हस्तियां, लाखों छात्र, शिक्षक, उद्यमी, कवि, लेखक, कलाकार, अभिनेता आदि मौजूद हैं जो सक्रिय रूप से त्योहारों, संस्कृति और समृद्ध विरासत का जश्न मनाने के लिए मंच पर मूल भाषा में पोस्ट करते हैं।
अप्रमेय ने आगे कहा, “अभी आगे बढ़ने की काफी संभावनाएं हैं। देश में तकरीबन 80 करोड़ इंटरनेट यूजर्स हैं, जिनमें से ज्यादातर अपनी मूल जुबान में खुद को अभिव्यक्त करना चाहते हैं। इन यूजर्स के विचारों का आदान-प्रदान आपसी समूहों और जान-पहचान के लोगों तक ही सीमित है और ये ओपन इंटरनेट में आजाद अभिव्यक्ति और खोजे जाने में सक्षम नहीं हैं। हमें देसी भाषा बोलने वाले 90 प्रतिशत भारतीयों को एकजुट करने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सक्षम करने के हमारे मिशन पर गर्व है। हम जैसे-जैसे आगे बढ़ेंगे, भारत और दुनियाभर में मूल जुबान बोलने वाले यूजर्स के लिए डिजिटल आजादी को तेज करने के लिए ‘सबसे पहले यूजर’ के लक्ष्य के साथ मंच का निर्माण और अपनी तकनीक में निवेश का सिलसिला जारी रखेंगे।”
‘सबसे पहले भाषा’ दृष्टिकोण को लेकर बनाए गए सभी को एकजुट करने वाला मंच होने के नाते, कू ऐप का मिशन समान विचारधारा वाले यूजर्स को उनकी पसंद की जुबान में जोड़ना है। एमएलके (मल्टी-लैंगुएज कूइंग), लैंग्वेज कीबोर्ड, 10 भाषाओं में टॉपिक्स, भाषा अनुवाद, एडिट फंक्शन और मुफ्त सेल्फ-वेरिफिकेशन जैसे फीचर्स, इस मंच को अद्वितीय बनाते हैं और अपने यूजर्स को सार्थक चर्चा में जुड़ने की आजादी प्रदान करते हैं। आने वाले वक्त में, प्लेटफ़ॉर्म का मकसद यूजर्स के अनुभव को बेहतर करने की अपनी लगातार कोशिश के सिलसिले में और नए फीचर्स की घोषणा करना है।
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