क्या आपको भी आ रहे हैं KYC Verification के मैसेज, क्लिक करने से पहले जानें ये 7 बातें

क्या आपको भी आ रहे हैं KYC Verification के मैसेज, क्लिक करने से पहले जानें ये 7 बातें
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सरकार की ओर से ऑनलाइन बैंकिंग यूजर्स को घोटालों से खुद को बचाने की चेतावनी दी जा रही है

बैंकों ने जानकारी दी है कि सभी घोटालों से बचने के लिए यूजर्स को मोबाइल पर आने वाले किसी भी तरह के लिंक पर क्लिक करने से बचना चाहिए

सरकार की ओर से यह जानकारी दी जा रही है कि आखिर आप कैसे अपने बैंक अकाउंट को सुरक्षित रख सकते हैं, आइए जानते हैं

जैसे लोग जीवन के हर पहलू में ऑनलाइन बैंकिंग का खुशी-खुशी लाभ उठा रहे हैं, वैसे ही यह प्रणाली विभिन्न धोखाधड़ी के लिए एक बड़ा उपकरण या हथियार बनती जा रही है। बैंक (Bank) खाते से फर्जी (Fake) लिंक (Link) पर क्लिक कर पैसे गायब होने के मामले हमेशा सामने आते रहते हैं। हाल ही में, The Indian Computer Emergency Response Team or CERT-IN ऑनलाइन बैंकिंग पर केंद्रित एक नया साइबर हमले की जानकारी लेकर सामने आया है। इसे भी पढ़ें: Vodafone Idea यूजर्स को मिल रहा है डबल डेटा, देखें किन प्लान्स पर लागू है स्कीम

इन फ़िशिंग वेबसाइटों को 'Ngrok' प्लेटफॉर्म के माध्यम से होस्ट किया जा रहा है। इस प्रकार की धोखाधड़ी में खाताधारकों को बैंक (Bank) के केवाईसी (KYC) सत्यापन (KYC verification) के संबंध में फर्जी (Fake) मैसेज लिंक (Link) भेजे जा रहे हैं। जब भी उपयोगकर्ता उस verification link पर क्लिक करता है, तो उसके इंटरनेट बैंकिंग डिटेल्स और मोबाइल नंबर सहित सभी जानकारी अटैकर्स को भेज दी जाती है। इसे भी पढ़ें: Jio ने बिगाड़ा Airtel का खेल, 79 रुपये वाले प्लान को पटखनी देने बाजार में आया धाकड़ प्लान, कम पैसे में मिल रहा बहुत कुछ

एक बार यह सारी जानकारी मिल जाने के बाद अटैकर ग्राहक के नाम से बैंक (Bank) की असली वेबसाइट (Website) पर आसानी से पहुंच जाते हैं। यूजर अनजाने में फर्जी (Fake) वेबसाइट (Website) पर ओटीपी डालकर अटैकर को अपनी असली बैंक (Bank) की वेबसाइट (Website) से ओटीपी भी पहुंचा रहा है। नतीजतन, बैंक (Bank) खाते से एक पल में सारा पैसा गायब हो रहा है। इसे भी पढ़ें: कैसे Aadhaar Card में बदलें मोबाइल नंबर और ऑनलाइन कैसे करें डाउनलोड

सरकार की ओर से ऑनलाइन बैंकिंग यूजर्स को ऐसे घोटालों से खुद को बचाने की चेतावनी दी जा रही है। बैंक (Bank) ने जानकारी दी है कि ऐसे सभी घोटालों से बचने के लिए यूजर्स को मोबाइल पर आने वाले किसी भी तरह के लिंक (Link) पर क्लिक करने से बचना चाहिए. हालांकि, इस प्रकार की धोखाधड़ी वाली वेबसाइटों के लिंक (Link) में आमतौर पर कुछ विशेषताएं होती हैं जिन्हें अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए। आइए अब नजर डालते हैं उन बातों पर जिनका ध्यान रखकर आप आसानी से ऐसे फ्रॉड आदि से बच सकते हैं। आइए शुरू करते हैं और जानते हैं कि आखिर आपको किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है। इसे भी पढ़ें: क्या होता है Internet व कैसे इंटरनेट करता है काम, यहाँ जानें इंटरनेट से जुड़े हर सवाल का जवाब

लिंक (Link) के अंत में बैंक (Bank) का नाम-

आमतौर पर वेरीफाइड बैंकिंग वेबसाइट (Website) के लिंक (Link) में लिंक (Link) की शुरुआत में बैंक (Bank) का नाम होता है। हालांकि  नकली (Fake) वेबसाइट (Website) लिंक (Link) के अंत में आमतौर पर बैंक (Bank) का नाम होता है। यह भी पढ़ें: कहीं नकली तो नहीं आपका Aadhaar Card? एक मिनट में ही जानें इस वेबसाइट से

जैसे "http; // la4af3e03758.ngrok [.] Io / xxxbank"

लिंक (Link) में केवाईसी (KYC) पूरा करने को लेकर उल्लेख हो सकता है-

आमतौर पर असल बैंक (Bank) की वेबसाइट (Website) लिंक (Link) में ऐसा कोई उल्लेख नहीं होता है। हालाँकि, नकली (Fake) वेबसाइट (Website) लिंक (Link) "http; // la6af402567.ngrok [.] Io / xxxbank / fullkyc.php" जैसा हो सकता है। यह भी पढ़ें: Amazon की सबसे बढ़िया डील्स, Rs 1000 से कम में बेस्ट ब्लुटूथ हैडफोन

'http' प्रोटोकॉल के आधार पर बनाए जाते हैं फेक लिंक (Link)-

चूंकि 'https' प्रोटोकॉल सबसे सुरक्षित है, सभी बैंकों की वेरीफाइड वेबसाइटें इस प्रोटोकॉल के आसपास बनाई गई हैं। 'http' प्रोटोकॉल का इस्तेमाल आमतौर पर फर्जी (Fake) बैंकिंग वेबसाइटों पर देखने को मिलता है। जैसे "http; // lb6cf502467.ngrok [.] Io / xxxbank / fullkyc.php" इसे भी पढ़ें: Vodafone Idea यूजर्स को मिल रहा है डबल डेटा, देखें किन प्लान्स पर लागू है स्कीम

कुछ फर्जी (Fake) लिंक (Link) 'https' प्रोटोकॉल पर मिल सकते हैं-

जबकि अधिकांश नकली (Fake) लिंक (Link) 'http' प्रोटोकॉल पर आधारित होते हैं, कुछ नकली (Fake) लिंक (Link) 'https' प्रोटोकॉल का भी उपयोग करते हैं। हालांकि, उन वेबसाइट (Website) लिंक (Link) के मामले में, बैंक (Bank) का नाम अंत में होना चाहिए। जैसे "http; // ld4cf3e03758.ngrok [.] Io / xxxbank" इसे भी पढ़ें: 5G के आने से कुछ यूँ बदल जायेगी आपकी ज़िन्दगी, देखें फायदे और नुकसान

अधिकांश फर्जी (Fake) लिंक (Link) में रेंडम अंक और अक्षर होते हैं-

अधिकांश फर्जी (Fake) बैंक (Bank) वेबसाइट (Website) लिंक (Link) में एक ही समय में विभिन्न अंक और अक्षर होते हैं। जैसे "http; // lb6cf3e04759.ngrok [.] Io / xxxbank" इसे भी पढ़ें: अगर आप Airtel यूजर हैं तो पा सकते हैं Rs 4 लाख का लाभ¸जानें क्या है स्कीम

छोटी वेबसाइट (Website) लिंक (Link)-

झूठे वेबसाइट (Website) लिंक (Link) अक्सर उपयोगकर्ता के लिए छोटे आकार में आ सकते हैं। लिंक (Link) पर क्लिक करने के बाद यूआरएल एक बड़ा पेज खोल सकता है। यह भी पढ़ें: 2021 के बेस्ट स्मार्टफोंस हैं ये, क्या आप यूज़ कर रहे हैं इनमें से एक?

दूसरे बैंक (Bank) के नाम के केवाईसी (KYC) मैसेज में भी यही लिंक (Link) दिख सकता है-

हो सकता है कि यूजर को दूसरे बैंक (Bank) के केवाईसी (KYC) फिलअप वेबसाइट (Website) लिंक (Link) जैसा ही लिंक (Link) मिल जाए। जैसे "http; // lb6cf3e04759.ngrok [.] Io / yyybank" इसे भी पढ़ें: Vodafone Idea यूजर्स को मिल रहा है डबल डेटा, देखें किन प्लान्स पर लागू है स्कीम

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