जिसे समझ था नालायक, वही निकल सूर्यवंशम? देखें Ghibli को लेकर किसने कह दी ये बात
अगर आप कुछ देर से सोशल मीडिया पर स्क्रॉल कर रहे हैं, तो आपने बहुत सारा Ghibli-स्टाइल AI आर्टवर्क देखा होगा। OpenAI के लेटेस्ट इमेज-जनरेशन अपडेट ने क्रिएटिविटी की एक लहर को जन्म दिया है, जिसमें यूजर्स ने सोशल मीडिया पर शानदार AI-जनरेटेड तस्वीरों बाढ़ ला दी है जो स्टूडियो गिबली स्टाइल से मिलती जुलती हैं।
Surveyलेकिन इस ट्रेंड के बीच, Studio Ghibli के को-फाउंडर, Hayao Miyazaki का एक पुराना वीडियो (जो 2016 से चला आ रहा है) ऑनलाइन दोबारा सामने आया है। उस वीडियो में Miyazaki एआई-जनरेटेड एनिमेशन की आलोचना कर रहे हैं और उसे “जीवन का अपमान” कह रहे हैं।
इस वीडियो में Miyazaki और स्टूडियो गिबली के प्रोड्यूसर Toshio Suzuki उनके सामने प्रस्तुत किए गए एक एआई-जनरेटेड एनिमेशन पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। एनिमेशन में एक जॉम्बी जैसी चीज थी जो एक अप्राकृतिक तरीके से हिल रही है।
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Since this utter garbage is trending, we should take a look at what Hayao Miyazaki, the founder of Studio Ghibli, said about machine created art. https://t.co/1TMPcFGIJE pic.twitter.com/IvaM9WZL3T
— Nuberodesign (@nuberodesign) March 26, 2025
एक प्रस्तुतकर्ता ने एनिमेशन का वर्णन करते हुए कहा, “ऐसा लगता है कि यह डांस कर रहा है। यह अपने सिर का इस्तेमाल करके हिल रहा है। उसे कोई दर्द महसूस नहीं हो रहा और उसे अपने सिर की सुरक्षा का भी कोई ख्याल नहीं है। यह अपने सिर को एक टांग की तरह इस्तेमाल कर रहा है। यह हरकत इतनी डरावनी है कि इसे ज़ॉम्बी वीडियो गेम में भी अप्लाई किया जा सकता है। आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस हमें ऐसी विचित्र गतिविधियां दिखा सकता है जिनकी हम मनुष्य कल्पना भी नहीं कर सकते।”
हालांकि, Miyazaki ने अपना उत्साह साझा नहीं किया। उन्होंने उस एनिमेशन की तुलना अपने विकलांग दोस्त से की जो बेसिक मूवमेंट्स भी ठीक से नहीं कर पाता, जिससे यह साफ हो गया कि उन्हें एआई-जनरेटेड मोशन इनोवेटिव के बजाए परेशान करने वाला लगा।
उन्होंने कहा, “मैं यह सब देखकर इसे दिलचस्प नहीं कह सकता। जो भी इसे बनाता है, उसे दर्द के बारे में कुछ भी पता नहीं है। मैं इससे पूरी तरह से निराश हूँ। अगर आप वाकई खौफनाक चीजें बनाना चाहते हैं, तो आप आगे बढ़ सकते हैं और ऐसा कर सकते हैं। मैं कभी भी इस तकनीक को अपने काम में शामिल नहीं करना चाहूँगा। मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह जीवन का अपमान है।”
इस पर एक डेवलपर ने जवाब देते हुए कहा, “यह सिर्फ हमारा प्रयोग है और हम इसे दुनिया को दिखाकर कुछ नहीं करना चाहते। फिर कमरे में मौजूद एक और शक्स ने टीम के उद्देश्य पर सवाल उठाया, और उन्होंने स्वीकार किया कि उनका लक्ष्य एक ऐसी मशीन बनाना था जो मनुष्यों की तरह चित्र बना सके।
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Faiza Parveen
फाईज़ा परवीन डिजिट हिंदी में एक कॉन्टेन्ट राइटर हैं। वह 2023 से डिजिट में काम कर रही हैं और इससे पहले वह 6 महीने डिजिट में फ्रीलांसर जर्नलिस्ट के तौर पर भी काम कर चुकी हैं। वह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक स्तर की पढ़ाई कर रही हैं, और उनके पसंदीदा तकनीकी विषयों में स्मार्टफोन, टेलिकॉम और मोबाइल ऐप शामिल हैं। उन्हें हमारे हिंदी पाठकों को वेब पर किसी डिवाइस या सेवा का उपयोग करने का तरीका सीखने में मदद करने के लिए लेख लिखने में आनंद आता है। सोशल मीडिया की दीवानी फाईज़ा को अक्सर अपने छोटे वीडियो की लत के कारण स्क्रॉलिंग करते हुए देखा जाता है। वह थ्रिलर फ्लिक्स देखना भी काफी पसंद करती हैं। View Full Profile