Dream11, My11Circle जैसे पैसे लगाने वाले गेम बैन..लोकसभा में बिल पास, प्रचार करने पर भी लगेगा भारी जुर्माना

Dream11, My11Circle जैसे पैसे लगाने वाले गेम बैन..लोकसभा में बिल पास, प्रचार करने पर भी लगेगा भारी जुर्माना

ऑनलाइन गेमिंग को लेकर लंबे समय से चल रही बहस पर आखिरकार केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. बुधवार को लोकसभा ने The Promotion and Regulation of Online Gaming Bill 2025 को वॉयस वोट से पास कर दिया. इस बिल का मकसद उन सभी ऑनलाइन मनी गेम्स को बैन करना है, जिनमें खिलाड़ी पैसे लगाते हैं और उसके बदले जीतने या हारने का रिस्क उठाते हैं. इसमें फैंटेसी स्पोर्ट्स, कार्ड गेम्स और अन्य मनी-बेस्ड गेम्स शामिल हैं.

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क्या कहा LS स्पीकर और मंत्री ने?

लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने सांसदों से इस बिल को लेकर एकजुटता दिखाने की अपील की. उन्होंने कहा, “यह एक अच्छा बिल है. हर दिन हम देखते हैं कि लोग इन प्लेटफॉर्म्स की वजह से आत्महत्या कर रहे हैं और परिवार बर्बाद हो रहे हैं. यह बिल राष्ट्रीय हित में है.”

वहीं, आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में बिल पेश करते हुए कहा कि ऑनलाइन मनी गेम्स समाज के लिए गंभीर खतरा बन चुके हैं. “कई लोग इसके आदी हो जाते हैं, जीवन भर की बचत कुछ ही पलों में खत्म हो जाती है और एल्गोरिद्म्स का इस्तेमाल कर फ्रॉड और चीटिंग की घटनाएं सामने आती हैं.”

बिल में क्या प्रावधान हैं?

  • ऑनलाइन मनी गेम्स के ऑपरेशन, विज्ञापन, प्रोमोशन और भागीदारी पर पूरी तरह प्रतिबंध.
  • सरकार एक अथॉरिटी का गठन करेगी जो ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा देगी.
  • बिल में कहा गया है कि coherent और इनबेलिंग लीगल फ्रेमवर्क की कमी के कारण जिम्मेदार गेमिंग प्रैक्टिसेस नहीं बन पाई थीं.
  • मोबाइल और इंटरनेट पर तेजी से फैले इन गेम्स ने समाज में सामाजिक, आर्थिक, मानसिक और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं खड़ी की हैं, खासकर युवाओं और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों में.

बिल पर उठे सवाल और संभावित चुनौतियां

इस बिल का ड्राफ्ट पहले पब्लिक कंसल्टेशन के लिए जारी नहीं किया गया था. इस पर सवाल उठे तो आईटी मंत्री ने कहा कि “बैन वाले कानून को कंसल्टेशन में लाने का कोई मतलब नहीं था. सरकार इंडस्ट्री से कई सालों से बातचीत कर रही थी.”

हालांकि, गेमिंग लॉ एक्सपर्ट विदुषपत सिंगानिया का कहना है कि यह बिल इंडस्ट्री के लिए “झटका” है. उनका मानना है कि इसे संवैधानिक चुनौती का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि यह ट्रेड रेस्ट्रिक्शन और लेजिस्लेटिव कॉम्पिटेंस के दायरे में सवाल खड़ा कर सकता है. वहीं, आईटी मंत्री का कहना है कि बिल तैयार करने वाले वकीलों को पूरा भरोसा है कि यह कोर्ट की चुनौती झेल सकेगा.

अब आगे क्या?

इंडस्ट्री फिलहाल इस पर चुप है, लेकिन माना जा रहा है कि अगर बिल मौजूदा स्वरूप में कानून बनता है, तो कंपनियां अदालत का दरवाजा खटखटा सकती हैं. दूसरी ओर, सरकार का रुख साफ है, मनी गेमिंग पर रोक और ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा देना.

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Sudhanshu Shubham

Sudhanshu Shubham

सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं. View Full Profile

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