PAN 2.0 अगले साल होगा लॉन्च, मौजूदा सिस्टम से कितना अलग होगा और क्या होंगे फायदे? 6 पॉइंट्स में जानें सबकुछ
आयकर विभाग (इनकम टैक्स डिपार्टमेंट) अगले साल अपने 1,435 करोड़ रुपए के महत्वकांक्षी PAN 2.0 प्रोजेक्ट को लॉन्च करने जा रहा है. इस प्रोजेक्ट के लिए IT सेक्टर की प्रमुख कंपनी LTIMindtree को मैनेज्ड सर्विस प्रोवाइडर (Managed Service Provider – MSP) नियुक्त किया गया है, जो इसके डिज़ाइन, विकास, कार्यान्वयन, संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी संभालेगी.
Surveyक्या है PAN 2.0?
पैन 2.0 एक “वन-स्टॉप प्लेटफॉर्म” होगा, जो पैन और टैक्स डिडक्शन अकाउंट नंबर (TAN) से जुड़ी सभी सेवाओं जैसे आवंटन, अपडेट या सुधार, आधार-पैन लिंकिंग, री-इश्यू रिक्वेस्ट, ऑनलाइन पैन वेरिफिकेशन आदि को एकीकृत रूप से संभालेगा. इसका उद्देश्य पैन और टैन प्रक्रियाओं को सरल बनाना, सर्विस क्वालिटी को बढ़ाना और शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत करना है.
मौजूदा सिस्टम से अंतर
कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति (Cabinet Committee on Economic Affairs – CCEA) ने 25 नवंबर 2024 को इस 1,435 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी. फिलहाल पैन से जुड़ी सेवाएं तीन अलग-अलग पोर्टल्स: ई-फाइलिंग पोर्टल, UTIITSL पोर्टल और Protean e-Gov पोर्टल पर उपलब्ध हैं. पैन 2.0 इन सभी सेवाओं को एक ही पोर्टल पर लाकर इंटीग्रेट कर देगा.
यह सिस्टम पूरी तरह पेपरलेस होगा और इसमें पैन आवंटन, अपडेट और सुधार मुफ्त में किया जा सकेगा. ई-पैन (e-PAN) सीधे रजिस्टर्ड ईमेल आईडी पर भेजा जाएगा.
मौजूदा पैन कार्ड धारकों को क्या करना होगा?
पर्मानेंट अकाउंट नंबर (PAN) एक 10-अंकों का अल्फ़ा-न्यूमेरिक नंबर होता है जिसे आयकर विभाग भारतीय करदाताओं को जारी करता है. इसी तरह, टैक्स डिडक्शन एंड कलेक्शन अकाउंट नंबर (TAN) उन लोगों के लिए ज़रूरी होता है जो स्रोत पर टैक्स काटते हैं या टैक्स लेते हैं.
फिलहाल पैन धारकों की संख्या 81.24 करोड़ से ज्यादा है, जबकि टैन धारक 73 लाख से ज्यादा हैं. पैन 2.0 लागू होने के बाद मौजूदा पैन धारकों को नया पैन बनवाने की ज़रूरत नहीं होगी.
क्या होंगे पैन 2.0 के लाभ?
इस प्रोजेक्ट के तहत लोगों को बेहतर और तेज़ सेवाएं मिलेंगी, डेटा की विश्वसनीयता सुनिश्चित होगी, पेपरलेस प्रोसेस होंगे जिससे एनवायरनमेंट फ्रेंडली पहल को बढ़ावा मिलेगा, और इन्फ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा व अनुकूलन के साथ लागत में भी कमी आएगी.
पैन 2.0 की जरूरत क्यों पड़ी?
सरकार इसे डिजिटल इंडिया के तहत लागू कर रही है ताकि पैन को अलग-अलग सरकारी एजेंसियों की डिजिटल प्रणालियों के लिए कॉमन आइडेंटिफायर के तौर पर इस्तेमाल किया जा सके. इस नई प्रणाली का उद्देश्य मौजूदा PAN/TAN 1.0 ईको-सिस्टम को अपग्रेड करना है, जिसमें कोर और नॉन-कोर पैन/टैन गतिविधियों के साथ-साथ पैन वैलिडेशन सेवा को भी एकीकृत किया जाएगा.
QR कोड से क्या फायदा होगा?
पैन कार्ड में QR कोड की शुरुआत 2017-18 से हो चुकी है. पैन 2.0 के तहत इसमें और सुधार किए जाएंगे और एक डायनामिक QR कोड जोड़ा जाएगा, जो पैन डेटाबेस में मौजूद लेटेस्ट डिटेल्स को दिखाएगा. जिनके पास पुराना पैन कार्ड है जिसमें QR कोड नहीं है, वे मौजूदा PAN 1.0 सिस्टम या आने वाले PAN 2.0 सिस्टम में नया पैन कार्ड QR कोड के साथ बनवा सकते हैं.
Faiza Parveen
फाईज़ा परवीन डिजिट हिंदी में एक कॉन्टेन्ट राइटर हैं। वह 2023 से डिजिट में काम कर रही हैं और इससे पहले वह 6 महीने डिजिट में फ्रीलांसर जर्नलिस्ट के तौर पर भी काम कर चुकी हैं। वह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक स्तर की पढ़ाई कर रही हैं, और उनके पसंदीदा तकनीकी विषयों में स्मार्टफोन, टेलिकॉम और मोबाइल ऐप शामिल हैं। उन्हें हमारे हिंदी पाठकों को वेब पर किसी डिवाइस या सेवा का उपयोग करने का तरीका सीखने में मदद करने के लिए लेख लिखने में आनंद आता है। सोशल मीडिया की दीवानी फाईज़ा को अक्सर अपने छोटे वीडियो की लत के कारण स्क्रॉलिंग करते हुए देखा जाता है। वह थ्रिलर फ्लिक्स देखना भी काफी पसंद करती हैं। View Full Profile