“Saiyaara” मूवी का बदल गया क्लाइमैक्स..AI ने कर दिया खेल, जानें क्या हो गई कहानी

“Saiyaara” मूवी का बदल गया क्लाइमैक्स..AI ने कर दिया खेल, जानें क्या हो गई कहानी

आमतौर पर किसी फिल्म के अंत (Ending) को तय करने के लिए डायरेक्टर और प्रोड्यूसर अनुभवी स्क्रिप्ट राइटर्स, स्टोरी एडिटर्स और क्रिएटिव कंसल्टेंट्स की मदद लेते हैं. लेकिन रोमांटिक ड्रामा “Saiyaara” के लिए टीम में एक अनपेक्षित “मेंबर” भी शामिल हुआ ChatGPT.

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AI चैटबॉट जो अब तक कविताओं से लेकर प्रेस रिलीज तक लिखने के लिए जाना जाता है, इस बार उसे फिल्म के क्लाइमेक्स के लिए आइडिया देने के लिए कहा गया. हालांकि मार्केटिंग और प्रमोशन में AI का इस्तेमाल अब आम है, लेकिन किसी बड़े बॉलीवुड प्रोजेक्ट के अंत को आकार देने में इसका रोल अभी भी दुर्लभ है.

इस प्रयोग ने राइटिंग रूम में उत्साह तो बढ़ाया, लेकिन कई सवाल भी खड़े कर दिए क्या एक AI लिखी एंडिंग सच में वैसा इमोशन, पेसिंग और कल्चरल गहराई दे सकती है, जैसा कहानी मांगती है? और सबसे अहम क्या फिल्ममेकर सच में इसे अपनाएंगे?

कैसे आया ChatGPT का आइडिया

‘Saiyaara’ टीम हफ्तों से फिल्म के अंत पर चर्चा कर रही थी. कई ड्राफ्ट तैयार हुए, लेकिन कोई भी ड्रामा और यथार्थ का सही संतुलन नहीं बना पा रहा था. एक असिस्टेंट राइटर ने मज़ाक में सुझाव दिया “क्यों न ChatGPT से पूछें?”

टीम ने कैरेक्टर्स की जर्नी, इमोशनल स्टेक्स और क्लाइमेक्स से पहले के कॉन्फ्लिक्ट्स का डिटेल्ड प्रॉम्प्ट चैटबॉट को दिया. कुछ सेकंड में, ChatGPT ने तीन अलग-अलग एंडिंग्स तैयार कर दीं, वो भी डायलॉग-हेवी और सिनेमैटिक अंदाज में.

AI की एंडिंग जो लगभग बन गई थी फाइनल

इनमें से एक वर्ज़न ने टीम का ध्यान तुरंत खींचा. इसमें लीड कपल रेलवे स्टेशन पर बिछड़ जाता है, अलग-अलग ट्रेनों में बैठते हुए वे एक आखिरी मुस्कान शेयर करते हैं. यह आइडिया पुराने बॉलीवुड रोमांस ट्रॉप्स की झलक देता था, लेकिन एक मॉडर्न और सटल टोन में. टीम के कुछ मेंबर्स को लगा कि ये एंडिंग मशीन से आई होने के बावजूद आश्चर्यजनक रूप से इमोशनल थी, खासकर जब सोचा जाए कि ChatGPT ने कभी प्यार या दिल टूटने का अनुभव ही नहीं किया.

फिल्ममेकर्स ने आखिर क्यों चुना अलग रास्ता

हालांकि, यह AI एंडिंग अच्छी लगी, लेकिन फाइनल कट में जगह नहीं मिली. डायरेक्टर के मुताबिक, ChatGPT का सीन “तकनीकी रूप से सही” था, लेकिन उसमें वो कल्चरल बारीकियां और इमोशनल बिल्डअप नहीं था, जो कहानी को चाहिए था.

टीम का मानना था कि फिल्म के सबसे अहम पल में AI पर निर्भर होना, उस मानवीय कहानी कहने की ताकत को कम कर सकता है, जिस पर बॉलीवुड गर्व करता है. अंततः, उन्होंने ऐसा एंड चुना जिसने इमोशनल इंटेंसिटी बनाए रखी लेकिन कैरेक्टर आर्क्स को और गहराई दी, वैसी, जैसी उन्होंने पहले दिन से प्लान की थी.

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Sudhanshu Shubham

Sudhanshu Shubham

सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं. View Full Profile

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