हैक हो गए कई WhatsApp अकाउंट्स, पेगासस जैसे एक और इजरायली स्पाईवेयर से खलबली! Meta भी हुआ बेबस
WhatsApp का इस्तेमाल लगभग हर स्मार्टफोन यूजर करता है. इस पर कई सारी पर्सनल फाइल भी होती है. इसका इस्तेमाल कॉल करने से लेकर पेमेंट तक करने के लिए किया जाता है. लेकिन, नई रिपोर्ट ने यूजर्स को चिंतित कर दिया है. कई WhatsApp अकाउंट्स को हैक कर लिया गया है. कंपनी ने भी इसकी पुष्टि कर दी है.
SurveyWhatsApp ने इजरायली स्पाइवेयर फर्म Paragon Solutions पर एंडवांस सर्विलांस सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. कंपनी ने बताया है कि लगभग 100 पत्रकारों और सिविल सोसाइटी के मेंबर्स के WhatsApp अकाउंट को हैक किया गया. द गार्जियन की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस स्पाइवेयर को ग्रेफाइट कहा जाता है.
यह स्पाईवेयर बिना किसी यूजर इंटरैक्शन के भी फोन में घुसपैठ कर सकता है. इस वजह से यह एक गंभीर सुरक्षा का खतरा बन जाता है. WhatsApp ने कन्फर्म किया कि प्रभावित व्यक्तियों को संभावित उल्लंघन के बारे में सूचित कर दिया गया था. हालांकि, कंपनी ने इनलोगों की डिटेल्स नहीं बताई है.
मेटा ने Paragon कंपनी को इस स्पाईवेयर को बंद करने के लिए लेटर भेजा है. कंपनी ने कानूनी कार्रवाई की भी चेतवानी दी है. WhatsApp की जांच से पता चलता है कि ग्रेफाइट का उपयोग करके लगभग 90 लोगों को टारगेट किया गया था. इस स्पाईवेयर को बिना यूजर के किसी मैलेशियल लिंक पर क्लिक किए ही फोन में इंस्टॉल कर दिया गया है.
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इस तरीके को “जीरो-क्लिक अटैक” कहा जाता है. एक बार इंस्टॉल हो जाने के बाद यह टारगेट फोन का पूरा एक्सेस हैकर्स तक पहुंच जाता है. जिससे हैकर्स WhatsApp और Signal जैसे ऐप्स पर एन्क्रिप्टेड मैसेज को भी पढ़ सकते हैं.
पेगासस जैसा ही ग्रेफाइट
कुछ समय पहले आपने दूसरे इजरायली फर्म NSO ग्रुप द्वारा विकसित किए गए स्पाईवेयर पेगासस के बारे में सुना होगा. ग्रेफाइट भी उस तरह का ही स्पाईवेयर है. जिसको यूजर्स की जासूसी के लिए बनाया गया है. दोनों टूल का इस्तेमाल आमतौर पर सरकारी एजेंसियां करती हैं. लेकिन, इसका गलत इस्तेमाल कर पत्रकारों, एक्टिविस्टों और राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाया जा रहा है.
हालांकि, मेटा अभी तक पहचान नहीं पाया है कि इस अटैक को किसने अंजान दिया है. Paragon Solutions के अनुसार वे अपना स्पाई सॉफ्टवेयर सरकारी क्लाइंट्स को बेचते हैं. कंपनी के एक करीबी सूत्र ने दावा किया है कि Paragon के 35 सरकारी ग्राहक हैं. ये सभी लोकतांत्रिक राष्ट्रों से हैं. कंपनी ने यह भी कहा कि Paragon उन देशों के साथ बिजनेस नहीं करता है जिन पर पहले स्पाइवेयर के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है, जैसे इंडिया , मेक्सिको, ग्रीस , पोलैंड और हंगरी.
WhatsApp हैकिंग से किसको ज्यादा खतरा?
WhatsApp हैकिंग से आम यूजर्स को फिलहाल घबड़ाने की जरूरत नहीं है. इस तरह की हैकिंग के लिए काफी ज्यादा पैसे खर्च होते हैं. बिना किसी मोटिव के हर किसी को टारगेट नहीं किया जाता है. लेकिन, इस हैकिंग ने फिर से यूजर्स की चिंता तो बढ़ा ही दी है. इसके अलावा खास लोगों को भी अब ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है.
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Sudhanshu Shubham
सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं. View Full Profile