5G तकनीकी क्या है जाने 4G तकनीकी से कितनी है फ़ास्ट

5G तकनीकी क्या है जाने 4G तकनीकी से कितनी है फ़ास्ट
HIGHLIGHTS

5G को लेकर काफी समय से चर्चा चल रही है

आखिर क्या है 5G आज हम जानने वाले हैं

और यह कैसे काम करता है इसके विषय के बारे में भी हम जानेंगे

CES 2018 में हमने 5G को लेकर क्या नहीं हुआ है, आपको बता देते हैं कि इस तकनीकी के बारे में जितनी इस समय चर्चा हो रही है, असल में क्या यह उतनी ही प्रभावी होने वाली है, इस बारे में तो हमें असल में बाद ही इसके लॉन्च के बाद ही पता चलने वाला है। लेकिन अभी क्योंकि इसके लॉन्च होने के कुछ देरी है, तो आइये जानते हैं आखिर क्या है 5G तकनीकी और असल में यह 4G से कितनी तेज़ है, और कब तक बाजार में आने की संभावना है। आइये इन सभी बातों पर एक बाजार डालते हैं। 

अगर हम सैमसंग की मानें तो आपको बता देते हैं कि वह 5G तकनीकी को वायरलेस फाइबर कहे रहा है। जिसके माध्यम से आपको सुपर फ़ास्ट लो-लेटेंसी इंटरनेट हर स्थान पर मिलने वाला है। इसके अलावा ऐसा भी कहा जा सकता है कि 5G नेटवर्क किसी भी होम केबल इंटरनेट कनेक्शन से भी ज्यादा तेज़ होने वाला है, एक बात यहाँ ध्यान रखने वाली यह है कि यह तकनीकी वायरलेस होने वाली है। इसका मतलब है कि आपको बिना तारों के भी सुपर फ़ास्ट स्पीड में इंटरनेट मिलने वाला है। 

क्या है 5G?

5G को हम एक इंडस्ट्री स्टैण्डर्ड कहा जा सकता है, जो वर्तमान में चल रही 4G LTE स्टैण्डर्ड से भी ज्यादा फ़ास्ट होने वाला है। उसी तरह जैसे 3G की जगह पर 4G आया है, उसी तरह से 4G के स्थान पर पांचवी पीढ़ी का नेटवर्क 5G के तौर पर सामने आया है, इसे आप एक नई पीढ़ी का स्टैण्डर्ड कह सकते हैं। 

अगर हम 4G LTE तकनीकी की चर्चा करें या उस तकनीकी पर नजर डालें तो आपको बता देते हैं कि यह नया नेटवर्क यानी 5G इससे भी कहीं तेज़ यानी फ़ास्ट होने वाला है। इसके माध्यम से आप अपनी कार में स्मार्टफोन आदि में या अपने घर आदि में ही ऐसा भी कह सकते हैं कि कहीं भी किसी भी स्थान पर फास्टर इंटरनेट का लाभ उठा सकते हैं, वो भी सुपर फ़ास्ट स्पीड के साथ। अब आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि आखिर यह कितना तेज़ होने वाला है। 

आने वाले भविष्य में आपको देखने को मिलने वाला है, दुनियाभर में सभी स्मार्टफोंस और अन्य डिवाइस जिनपर इंटरनेट काम करता है, आपको 4G LTE तकनीकी के स्थान पर 5G से लैस होकर मिलने वाले हैं। आज जिस तरह से 4G LTE नेटवर्क काम कर रहा है, आने वाले समय में यह स्थान 5G लेने वाला है। 

कितना तेज़ होने वाला है 5G नेटवर्क

5G को लेकर सभी उत्साहित हैं, और ऐसा माना जा रहा है कि 4G के मुकाबले यह काफी तेज़ होने वाला है। अगर हम 4G की चर्चा करिएँ तो यह आपको 100 मेगाबाईट यानी 100Mbps प्रति सेकंड की स्पीड देने में सक्षम हैं, वहीँ 5G को लेकर कहा जा रहा है कि यह 10Gigabites प्रतिसेकंड यानी 10Gbps की स्पीड के साथ आने वाला है। इसका मतलब है कि 4G नेटवर्क के मुकाबले 5G नेटवर्क 100 गुना ज्यादा तेज़ होने वाला है। यह अभी तक की सबसे ज्यादा इन्टरनेट स्पीड होने वाली है। 

उदाहरण के लिए अगर हमें देखें तो अभी वर्तमान में 4G और 3G नेटवर्क पर आप एक ढाई घंटे की फिल्म को क्रमश: 6 मिनट और 26 घंटे में डाउनलोड कर पाते हैं, हालाँकि 5G पर आप इस मूवी को मात्र 3।6 सेकंड में ही डाउनलोड कर पाएंगे। हालाँकि इतना ही नहीं है कि आपको 5G में बेहतर स्पीड ही मिलने वाले है, इसके अलावा आपको इस नेटवर्क पर लो लेटेंसी भी मिलने वाली है। इसका मतलब है कि आपका लोड टाइम काफी तेज़ हो जाने वाला है, साथ ही रेस्पोंस भी काफी तेज हो जाने वाला है। 

5G नेटवर्क कैसे करेगा काम?

5G नेटवर्क में एक बिलकुल ही नए रेडियो स्पेक्ट्रम बैंड पर काम करता है, आपको बता देते हैं कि 5G मिलीमीटर वेव्स कस इस्तेमाल करता है, इसके बाद एक फ्रीक्वेंसी को ब्रोडकास्ट करता है, जो 30 से 300 GHz पर काम करता है, इसके पहले यह 6GHz पर काम करता है। अर्थात् 4G के लिए वर्तमान में इस बैंड का इस्तेमाल किया जाता है। अभी तक इस तकनीकी को सॅटॅलाइट और राडार सिस्टम के बीच में कम्युनिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जाता था,  हालाँकि मिलीमीटर वेव्स किसी भी बिल्डिंग या अन्य किसी सॉलिड ऑब्जेक्ट के बीच में से से आसानी से ट्रेवल नहीं कर सकती हैं, इसके कारण ही 5G को स्मॉल सेल्स का भी एडवांटेज मिलता है। इसके लिए लगभग हर 250 मीटर पर एक स्मॉलर मिनिएचर आधारित स्टेशन स्थापित किया गया है। इसके कारण ही किसी भी जगह पर आपको बढ़िया कवरेज मिलती है। 

यह बेस स्टेशन massive MIMO का भी इस्तेमाल करते हैं। MIMO का मतलब है कि मल्टीपल इनपुट और मल्टीपल आउटपुट। ऐसा भी हो सकता है कि आपके पास एक होम वायरलेस राऊटर हो जो MIMO तकनीकी पर काम करता हो, जिसका मतलब है कि इसके पास बहुत से एंटेना हैं, जो कई अलग अलग डिवाइस के बीच आसानी से समन्वय बैठाकर काम कर सकता है। Massive MIMO एक ही समय में एक ही बेस स्टेशन पर एक ही समय में बहुत से एंटेना को इस्तेमाल कर सकते हैं। अन्य कई चीजों के कारण भी यह नेटवर्क इतना स्ट्रोंग बन जाता है। 

कब और कहा होने वाला है उपलब्ध

अगर हम USA की चर्चा करें तो आपको बता देते हैं कि वेरिज़ोन को लेकर ऐसा कहा जा सकता है कि वह एक नॉन-स्टैण्डर्ड 5G वर्जन को 2018 के दूसरे चरण में ला चुका है। और इसका इस्तेमाल भी होम इन्टरनेट के तौर पर लगभग 5 अलग अलग शहरों में कर रहा है। हालांकी जो डिवाइस 5G को सपोर्ट करते हैं, वह इसके साथ कनेक्ट नहीं किये जा सकते हैं। हालाँकि ऐसा भी है कि यह फोंस के लिए है ही नहीं। AT&T के लिए भी कुछ ऐसा ही कहा जा रहा है और क्वालकॉम को लेकर भी ऐसा ही कहा जा रहा है ऐसा माना जा रहा है कि कई स्मार्टफोंस के लिए 2019 में यह सेवा आ जाने वाली है। लेकिन अभी भी इस सेवा को आने में कुछ समय लग सकता है। असल में 2020 तक ही इस सेवा को हम बहुत से देशों में देखने वाले हैं। 

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