UPI पेमेंट में हो रहा बड़ा बदलाव..30 जून से बदल जाएंगे नियम, आम आदमी से लेकर दुकानदार तक होंगे प्रभावित
UPI Rule Change: नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया यानी NPCI UPI पेमेंट्स में बड़ा बदलाव करने जा रहा है. UPI को सुरक्षित रखने के लिए NPCI ने यह कदम उठाया है. अभी तक UPI नंबर या वर्चुअल ID के जरिए पेमेंट्स में पैसे भेजने वाले को रिसीवर की असली पहचान नहीं पता थी. लेकिन अब यह बदलने वाला है. आपको बता दें कि यह बदलाव आपको 30 जून 2025 से देखने को मिलेंगे.
NPCI ने इसको लेकर 24 अप्रैल को ही सर्कुलर जारी कर दिया है. सर्कुलर में कहा गया है कि 30 जून 2025 से सभी UPI ऐप्स को प्री-ट्रांजेक्शन पेज पर पेमेंट रिसीव करने वाले की असली पहचान यानी बैंक में रजिस्टर्ड नाम दिखाना होगा. इससे यूजर्स को पेमेंट करने से पहले यह पता होगा कि पैसा किसके अकाउंट में जा रहा है.
मर्चेंट नाम भी नहीं दिखेगा
NPCI के इस सर्कुलर के मुताबिक, P2P और P2PM ट्रांजेक्शंस में UPI ऐप्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि यूजर को केवल उस व्यक्ति या मर्चेंट का नाम दिखे, जो Core Banking Solutions (CBS) में रजिस्टर्ड है. QR कोड से निकाले गए नाम, यूजर द्वारा बनाए गए कस्टम नेम्स या कोई दूसरा लॉजिक अब UPI ऐप्स में नहीं दिखेगा.
आपको बता दें कि P2P ट्रांजेक्शंस दो लोगों के बीच बिना किसी मध्यस्थ के होते हैं, जबकि P2PM में छोटे मर्चेंट्स जैसे लोकल किराना स्टोर्स शामिल हैं. NPST के फाउंडर और CEO दीपक चंद ठाकुर का कहना है कि अभी तक UPI ट्रांजेक्शंस में दिखने वाला नाम अलग-अलग हो सकता था. कई दुकानदार को पेमेंट करने पर मर्चेंट नाम डिस्प्ले होता था. यह सुविधाजनक था लेकिन इसमें स्टैंडर्डाइजेशन की कमी थी, जिससे गलत पेमेंट का खतरा रहता था.
अब 30 जून 2025 से सभी UPI और थर्ड-पार्टी सर्विस प्रोवाइडर ऐप्स में केवल बैंक में रजिस्टर्ड नेम ही दिखेगा. Economic Laws Practice के सीनियर काउंसल मुकेश चंद ने ET को बताया कि अभी कुछ UPI ऐप्स में ऐप ID बनाई जाती है, जो CBS में रजिस्टर्ड नेम से अलग हो सकती है. इससे स्कैमर्स फर्जी डिस्प्ले नेम्स बनाकर लोगों को ठग लेते हैं.
नया नियम इस तरह की गड़बड़ी को रोकेगा क्योंकि यूजर्स को पेमेंट से पहले रिसीवर का असली नाम दिखेगा. NPCI ने साफ कहा है कि UPI ऐप्स को यूजर्स को बेनिफिशियरी नेम बदलने की सुविधा बंद करनी होगी.
यह नियम लागू होने से UPI ट्रांजेक्शंस की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव नहीं आएगा. यह बदलाव मुख्य रूप से पेमेंट रिसीवर के नाम को डिस्प्ले करने के तरीके को प्रभावित करेगा. यूजर्स को पेमेंट करने से पहले वेरिफाइड नेम दिखेगा, जिससे गलत अकाउंट में पैसे जाने का खतरा कम होगा.
ट्रांजैक्शन्स पर बढ़ेगा भरोसा
यह ट्रांजैक्शन्स में भरोसा और पारदर्शिता बढ़ाएगा. शुरुआत में कुछ यूजर्स को निकनेम्स या ब्रांड नेम्स की जगह असली नाम देखने में थोड़ी दिक्कत हो सकती है, लेकिन यह बदलाव छोटा है. NPCI का यह नियम UPI फ्रॉड्स को कम करने में बड़ा रोल अदा करेगा.
हालांकि, नई गाइडलाइन से यूजर्स स्कैम से बचेंगे और डिजिटल पेमेंट ज्यादा भरोसेमंद बनेगा. यूजर्स सेफ्टी के लिए UPI पेमेंट्स के लिए Google Pay, PhonePe, Paytm या Amazon Pay जैसे आधिकारिक प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करें. अनजान QR कोड्स, WhatsApp मैसेज या सोशल मीडिया लिंक्स से पेमेंट करने से बचें.
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Sudhanshu Shubham
सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं. View Full Profile