दहशत का दूसरा नाम है 1 घंटे 51 मिनट की ये फिल्म, झिंझोड़ कर रख देगा क्लाइमैक्स, IMDb पर मिली इतनी रेटिंग
हॉरर फिल्मों को लेकर दर्शकों की दीवानगी एक बार फिर चरम पर है. डर और रोमांच से भरपूर कहानियां देखने के लिए लोग आज भी उतने ही उत्साहित रहते हैं, चाहे उसके बाद रात की नींद ही क्यों न उड़ जाए. इसी माहौल में एक ऐसी सस्पेंस और साइकोलॉजिकल हॉरर फिल्म ओटीटी पर मौजूद है, जिसे बिना किसी खर्च के देखा जा सकता है. इस फिल्म का नाम ‘बिगिनिंग’ है, जो शुरुआत से लेकर आखिरी सीन तक दर्शकों को अपने रहस्यमय माहौल में जकड़े रखती है.
Surveyतमिल भाषा में बनी इस फिल्म ने अपनी मजबूत कहानी और कसावट भरी पटकथा के दम पर दर्शकों का ध्यान खींचा है. कहानी एक ऐसे रिटायर्ड पुलिस अधिकारी के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसकी जिंदगी अतीत की एक अनसुलझी घटना से प्रभावित रही है. फिल्म के हर सीन में नया सस्पेंस सामने आता है और जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, रोमांच और दहशत का स्तर भी बढ़ता चला जाता है. अंत में कहानी ऐसा मोड़ लेती है, जिसकी उम्मीद शायद ही कोई करता हो.
1 घंटे 51 मिनट की साइकोलॉजिकल हॉरर
आनंद एकर के निर्देशन में बनी इस फिल्म की अवधि 1 घंटा 51 मिनट है. इसमें विनीत श्रीनिवासन, सूरज वेंजरामुडु, गौरी किशन और दर्शन राजेंद्रन जैसे कलाकार अहम किरदारों में नजर आते हैं. ‘बिगिनिंग’ को 24 फरवरी 2023 को सिनेमाघरों में रिलीज किया गया था और अब यह फिल्म अमेज़न प्राइम वीडियो और यूट्यूब जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर घर बैठे मुफ्त में देखी जा सकती है. IMDb पर इस फिल्म को 6.8/10 की रेटिंग मिली है, जो इसकी कहानी और प्रस्तुति को लेकर दर्शकों की पसंद को दर्शाती है.
कहानी क्या है
फिल्म की कहानी जोसेफ नाम के एक रिटायर्ड पुलिस ऑफिसर पर केंद्रित है. अपने सेवा काल के दौरान वह एक हत्या के मामले को सुलझा नहीं पाता, जिसका पछतावा उसे अंदर ही अंदर तोड़ देता है. इसी अपराधबोध से परेशान होकर वह केरल के एक सुनसान गांव में जाकर एकांत जीवन बिताने लगता है. इसी गांव में विनोद नाम का एक युवक आता है, जिसका अतीत कई रहस्यों से भरा है और जो किसी न किसी तरह जोसेफ के बीते हुए जीवन से जुड़ा हुआ है.
कहानी जैसे-जैसे आगे बढ़ती है, गांव में अजीब और डरावनी घटनाएं सामने आने लगती हैं. रात के समय रहस्यमयी आवाजें सुनाई देना, घर के भीतर किसी अनजान मौजूदगी का एहसास होना और अचानक एक महिला की लाश का मिलना पूरे इलाके में दहशत फैला देता है. जोसेफ अपने अनुभव और समझ के सहारे इन घटनाओं की तह तक जाने की कोशिश करता है, लेकिन जांच के दौरान विनोद के अतीत से जुड़े ऐसे सच सामने आते हैं, जो कहानी को और भी चौंकाने वाला बना देते हैं.
झिंझोड़ देने वाला है क्लाइमैक्स
फिल्म का सबसे बड़ा सवाल यही है कि इन हत्याओं और घटनाओं के पीछे किसी इंसान की चाल है या फिर कोई अलौकिक ताकत काम कर रही है. यही रहस्य दर्शकों को आखिरी पल तक स्क्रीन से बांधे रखता है. डर का माहौल बनाने के लिए फिल्म में अंधेरी रातों, बुझती रोशनी और रोंगटे खड़े कर देने वाली आवाजों का प्रभावी इस्तेमाल किया गया है. इसका क्लाइमैक्स इतना झिंझोड़ देने वाला है कि अंत तक पहुंचने से पहले कहानी का अंदाजा लगा पाना लगभग नामुमकिन हो जाता है.
Faiza Parveen
फाईज़ा परवीन डिजिट हिंदी में एक कॉन्टेन्ट राइटर हैं। वह 2023 से डिजिट में काम कर रही हैं और इससे पहले वह 6 महीने डिजिट में फ्रीलांसर जर्नलिस्ट के तौर पर भी काम कर चुकी हैं। वह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक स्तर की पढ़ाई कर रही हैं, और उनके पसंदीदा तकनीकी विषयों में स्मार्टफोन, टेलिकॉम और मोबाइल ऐप शामिल हैं। उन्हें हमारे हिंदी पाठकों को वेब पर किसी डिवाइस या सेवा का उपयोग करने का तरीका सीखने में मदद करने के लिए लेख लिखने में आनंद आता है। सोशल मीडिया की दीवानी फाईज़ा को अक्सर अपने छोटे वीडियो की लत के कारण स्क्रॉलिंग करते हुए देखा जाता है। वह थ्रिलर फ्लिक्स देखना भी काफी पसंद करती हैं। View Full Profile