ये लो जी! Reliance लाने वाली है ChatGPT का भारतीय वर्जन “Hanooman” ये है कंपनी का प्लान

ये लो जी! Reliance लाने वाली है ChatGPT का भारतीय वर्जन “Hanooman” ये है कंपनी का प्लान
HIGHLIGHTS

Hanooman को ChatGPT का भारतीय ऑल्टरनेटिव कहा जा सकता है, यह क्षेत्रीय भाषाओं को भी समझ सकेगा।

BharatGPT ग्रुप, जिसे भारत सरकार और Reliance Industries की ओर से चलाया जा रहा है, ने अपने ने LLM मॉडल की एक झलक दी है।

AI Model Hanooman की ओर से यूजर्स को Speech-to-text क्षमता मिलने वाली है।

हम एक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) कहानी के साथ फिर से वापस आ गए हैं लेकिन इस बार की यह कहानी हमारे घर यानि भारत से ही सामने आ रही है। आप तब तक एक चट्टान के नीचे रह रहे हैं जब तक आप एआई जगत से अनजान हैं जो इस समय दुनिया भर के लिए चर्चा का विषय बन चुका है। एआई क्षेत्र में विकास आसमान छू रहा है और हर कोई हर जगह सिर्फ एआई के बारे में बात कर रहा है।

इसके अलावा तकनीकी कंपनियां भी इसमें ज्यादा से ज्यादा दिलचस्पी ले रही हैं। इस समय हर कोई एआई क्षेत्र में आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा है। लेकिन आज हम Hanooman नामक एक भारतीय पहल के बारे में बात करने जा रहे हैं जो हमें चैटजीपीटी का एक भारतीय alternative नजर आ रहा है, असल इसमें यह क्षेत्रीय भाषाओं को भी समझ सकता है।

अभी तक Hanooman के बारे में क्या सामने आया है?


मुंबई में हो रहे नैसकॉम आईटी उद्योग सम्मेलन में, भारत सरकार और रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा समर्थित भारतजीपीटी समूह, जो आईआईटी बॉम्बे सहित आठ विश्वविद्यालयों से संबद्ध है, ने अपने बड़े भाषा मॉडल (एलएलएम) की एक झलक दी। यह अपनी तरह की पहली निजी-सार्वजनिक भागीदारी है, जो एक बड़े कारनामे को अंजाम देने के लिए तैयार है। इवेंट के दौरान चलाए गए टीज़र में उपयोगकर्ताओं को हिंदी, तमिल आदि क्षेत्रीय भाषाओं में मॉडल के साथ बातचीत करते दिखाया गया है।

इस मॉडल को Hanooman कहा जाता है और एक बार सफल होने के बाद यह मौजूदा एआई दौड़ में मजबूती से खड़े होने में भारत का स्पेशल कार्ड बन सकता है। भारतजीपीटी ने चार मुख्य क्षेत्रों: स्वास्थ्य देखभाल, शासन, वित्तीय सेवाओं और शिक्षा में 11 स्थानीय भाषाओं का उपयोग करके काम करने के मॉडल पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बनाई है।

अब Hanooman क्या कर सकता है? आइए इसके बारे में जानते हैं! एआई मॉडल Hanooman काफी हद तक चैटजीपीटी के समान होगा, ऐसा माना जा सकता है और यह speed-to-text क्षमताओं की पेशकश करेगा। इस क्षमता के साथ मॉडल और अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल बन जाता है।


एक बार जब एआई मॉडल सफलतापूर्वक शुरू हो जाएगा, तो रिलायंस जियो विभिन्न उपयोगों के लिए अनुकूलित मॉडल बनाएगा, जैसा कि आईआईटी बॉम्बे के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष गणेश रामकृष्णन ने बताया है।

अब हमें यह देखने के लिए कि आखिर यह भागीदार कैसी होती है, और यह एआई मॉडल कितना कुशल होता है। इसके बारे में तो आने वाले समय में ही जानकारी मिलने वाली है।

Ashwani Kumar

Ashwani Kumar

अश्वनी कुमार डिजिट हिन्दी में पिछले 7 सालों से काम कर रहे हैं! वर्तमान में अश्वनी कुमार डिजिट हिन्दी के साथ सहायक-संपादक के तौर पर काम कर रहे हैं। View Full Profile

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