Digital Arrest Scam से बचने के लिए PM Modi ने बताया रामबाण उपाय, जल्दी से कर लें ये काम
प्रधानमंत्री की यह अपील राष्ट्रीय राजधानी में हाल ही में हुई एक घटना के बाद आई है।
यह घटना 21 अक्टूबर की रात हुई, जब यह संदिग्ध victim के घर में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों के रूप में प्रवेश करते हैं।
डिजिटल अरेस्ट घोटाले में वास्तव में क्या होता है? या ये क्या है?
अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में बीते रविवार को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने देशवासियों से “डिजिटल अरेस्ट” के खिलाफ सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने दोहराया कि जांच एजेंसियां कभी भी फोन या वीडियो कॉल के माध्यम से किसी व्यक्ति से संपर्क नहीं करेंगी और न करती हैं। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि जांच एजेंसियां इस मुद्दे से निपटने के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम कर रही हैं, लेकिन इस अपराध से खुद को बचाने के लिए जागरूकता आवश्यक है।
SurveyPM Modi की देश से अपील?
प्रधानमंत्री की यह अपील राष्ट्रीय राजधानी में हाल ही में हुई एक घटना के बाद आई है। इस घटना में कुछ लोगों की ओर से एक एक व्यक्ति के घर DLF Farms पर ED के अधिकारी बनकर छापा मारा था। इसके अलावा उन्होंने इस व्यक्ति से लगभग 5 करोड़ रुपये की वसूली भी की थी। इस मामले को लेकर PM ने भी चिंता जताते हुए सभी देशवासियों से सतर्क और जागरूक रहने की बात कह दी थी।
कब की है ये डिजिटल अरेस्ट घटना?
यह घटना 21 अक्टूबर की रात हुई, जब यह संदिग्ध victim के घर में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों के रूप में प्रवेश करते हैं। हालांकि, victim ने अगले दिन authorities को सूचना दे दी थी, हालांकि यह सोचना तब दी गई जब पीड़ित को बड़ा आर्थिक नुकसान हो गया, असल में यह संदिग्ध इस पीड़ित को उसके कोटक बैंक, हौज़ खास ले जाने का भी प्रयास कर रहे थे, ताकि उसके अकाउंट से पैसे निकाले जा सके।

यह भी पढ़ें: दीवाली 2024 पर मनमोहक आतिशबाजी को कैमरा में कैद करने के लिए ये 5 स्मार्टफोन्स हैं बेस्ट
CERT-In ने जारी कर दी है चेतावनी
हाल के घटनाक्रमों, जैसे कि दिल्ली में हुई नकली छापेमारी, के मद्देनजर भारत की साइबर सुरक्षा एजेंसी, CERT-In, ने ऑनलाइन धोखाधड़ियों में वृद्धि के बारे में चेतावनी जारी की है। इनमें से एक “डिजिटल अरेस्ट” धोखाधड़ी है, जिसमें साइबर अपराधी सरकारी एजेंसियों के रूप में अपने आप को सभी के सामने पेश करते हैं। इसी कारण कहीं न कहीं आप इस घटना का शिकार हो जाते हैं, क्योंकि आपको यह पता ही नहीं चल पाता है कि आखिर यह सरकारी आधिकारिक असली है या नकली।
Beware of Digital Arrest frauds!
— PMO India (@PMOIndia) October 27, 2024
No investigative agency will ever contact you by phone or video call for enquiries.
Follow these 3 steps to stay safe: Stop, Think, Take Action.#MannKiBaat #SafeDigitalIndia pic.twitter.com/KTuw7rlRDK
क्या है डिजिटल अरेस्ट?
डिजिटल अरेस्ट घोटाले में वास्तव में क्या होता है? या ये क्या है? आइए जानते हैं। असल में इसे “पार्सल घोटाले” के रूप में भी जाना जाता है, ऐसे घोटाले के मामलों में, धोखेबाज कानून प्रवर्तन अधिकारियों या नियामक अधिकारियों का भेष बनाकर फोन या वीडियो कॉल के माध्यम से अलग अलग लोगों से संपर्क करते हैं।
वे दावा करते हैं कि पीड़ित गंभीर अपराधों के लिए जांच के दायरे में है। इसके अलावा वह अक्सर आरोप भी लगाते हैं कि अवैध वस्तुओं से भरा एक संदिग्ध पार्सल प्राप्त हुआ है, जिसमें उनका नाम शामिल है। इसी को इन दिनों डिजिटल अरेस्ट स्कैम कहा जाने लगा है।
अपने दावों में प्रामाणिकता जोड़ने के लिए, घोटालेबाज नकली पहचान, बैज या रेफ्रेंस संख्या प्रदान कर सकते हैं, और यहां तक कि आधिकारिक सोर्स आदि जैसा लगने वाला नकली फ़ोन नंबर का भी उपयोग कर सकते हैं। वे दावा करते हैं कि पीड़ित जुर्माना भरकर या जमा करके गिरफ्तारी या अन्य कानूनी परिणामों से बच सकता है।
पीड़ित को अक्सर “इंवेस्टिगेशन फीस” या “जमानत” की आड़ में पैसों को एक स्पेसिफिक अकाउंट में ट्रांसफर करने के लिए कहा जाता है, ऐसा करते ही पीड़ित को बड़ा आर्थिक नुकसान पहुंचता है। पिछले कुछ समय में कई बड़े मामले भी डिजिटल अरेस्ट स्कैम को लेकर सामने आए हैं। हम आपको कुछ मामलों के बारे में नीचे बताने वाले हैं।

बचाव के लिए आपको क्या करना चाहिए?
CERT-In की सलाह में ऐसी धोखाधड़ी से बचने के लिए आप कुछ टिप्स को अपना सकते हैं:
- किसी भी व्यक्ति की पहचान की पुष्टि करें जो सरकारी एजेंसी का प्रतिनिधित्व करने का दावा करता है, आप संबंधित प्राधिकरण से सीधे संपर्क कर सकते हैं, यहाँ से आपको पता चल जाने वाला है कि आखिर माजरा है क्या।
- अनजान कॉलर्स या इंटरनेट पर किसी के साथ भी पर्सनल या वित्तीय जानकारी सहरे न करें।
- दबाव बढ़ने के बाद भी किसी भी ऑनलाइन पैसे न भेजे, कोई भी वैलिड एजेंसी आपसे इंसटेंट पैसे देने के लिए नहीं कहती हैं।
- यदि आपको संदेह हो, तो ऐसे मामलों की रिपोर्ट राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा हेल्पलाइन नंबर 1930 पर या साइबरक्राइम वेबसाइट www.cybercrime.gov.in पर करें।
यह भी पढ़ें: 3 रुपये दिन के खर्च में 300 दिन की वैलिडिटी, फ्री कॉलिंग वाला BSNL प्लान, Jio-Airtel की बजा रहा बैंड
Ashwani Kumar
Ashwani Kumar has been the heart of Digit Hindi for nearly nine years, now serving as Senior Editor and leading the Vernac team with passion. He’s known for making complex tech simple and relatable, helping millions discover gadgets, reviews, and news in their own language. Ashwani’s approachable writing and commitment have turned Digit Hindi into a trusted tech haven for regional readers across India, bridging the gap between technology and everyday life. View Full Profile