RBI-UPI को वित्त मंत्रालय ने किया अलर्ट! भारत-पाकिस्तान टेंशन के बीच बड़ा फैसला, क्या पड़ेगा आप पर असर?
पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर होने के बाद भारत-पाकिस्तान तनाव चरम पर पहुंच गया. पाकिस्तान ने जम्मू, पठानकोट, उधमपुर और अन्य रणनीतिक स्थानों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए. जिन्हें भारतीय सशस्त्र बलों ने सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया. जवाब में, भारत ने कड़ा रुख अपनाया और वित्त मंत्रालय, दूरसंचार विभाग (DoT) और अन्य एजेंसियों ने साइबर सुरक्षा और टेलीकॉम कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए तत्काल कदम उठाए.
Surveyवित्त मंत्रालय की साइबर सुरक्षा चेतावनी
वित्त मंत्रालय ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI), नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) और प्रमुख बैंकों को साइबर सुरक्षा बढ़ाने का निर्देश दिया है. यह कदम UPI जैसे रियल-टाइम पेमेंट सिस्टम और देश के वित्तीय ढांचे की सुरक्षा के लिए उठाया गया है. मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने पुष्टि की कि यह एडवाइजरी वित्तीय संस्थानों और अन्य महत्वपूर्ण संगठनों को संभावित साइबर हमलों से बचाने के लिए जारी की गई है.
कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) और RBI ने पहले ही बैंकों और पेमेंट कंपनियों को साइबर खतरों के लिए तैयार रहने की सलाह दी थी. 9 मई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक हाई-लेवल मीटिंग की, जिसमें RBI, NPCI, NSE, BSE, और प्रमुख बैंकों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. मीटिंग में कोर बैंकिंग सिस्टम, पेमेंट गेटवे और UPI इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुरक्षित करने पर जोर दिया गया.
बैंकों को कई कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं.
- एंटी-DDoS सिस्टम लागू करना.
- 24/7 साइबर सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर्स (CSOCs) सक्रिय रखना.
- मॉक ड्रिल्स और फिशिंग अलर्ट्स के जरिए कर्मचारियों को जागरूक करना.
- रियल-टाइम मॉनिटरिंग और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को अनिवार्य करना.
- UPI, IMPS और RuPay नेटवर्क्स को संचालित करने वाले NPCI को क्रिटिकल इन्फॉर्मेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर (CII) का हिस्सा माना गया है. जिसकी सुरक्षा के लिए CERT-In और नेशनल क्रिटिकल इन्फॉर्मेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर (NCIIPC) समन्वय कर रहे हैं.
टेलीकॉम ऑपरेटर्स की आपातकालीन तैयारी
दूरसंचार मंत्रालय के डिजास्टर मैनेजमेंट डिपार्टमेंट ने जियो, एयरटेल, BSNL और Vi जैसे टेलीकॉम ऑपरेटर्स को इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर्स (EOCs) के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. DoT ने 7 मई को एक पत्र जारी कर 2020 के स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर्स (SOP) का सख्ती से पालन करने को कहा.
इनको निर्देश दिया गया है:
- सीमा से 100 किमी के दायरे में बेस ट्रांसीवर स्टेशन (BTS) को हर समय चालू रखना.
- डीजल जनरेटर (DG) सेट्स के लिए पर्याप्त डीजल रिजर्व रखना.
- रिपेयर क्रू और क्रिटिकल स्पेयर पार्ट्स के साथ रिजर्व टीमें तैनात करना.
- इंट्रा-सर्कल रोमिंग (ICR) सुविधा का टेस्टिंग और जरूरत पड़ने पर DDG (डिजास्टर मैनेजमेंट) के जरिए एक्टिवेशन.
DoT ने लोकल सर्विस एरिया (LSA) प्रमुखों को राज्य सरकारों के साथ समन्वय करने का निर्देश दिया ताकि आपात स्थिति में टेलीकॉम टीमों की लॉजिस्टिक आवाजाही आसान हो और टेलीकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा सुनिश्चित हो. ऑपरेटर्स को सीमावर्ती जिलों में महत्वपूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर की अपडेटेड लिस्ट बनाए रखने को भी कहा गया है.
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Sudhanshu Shubham
सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं. View Full Profile