भारत का S-400 vs पाकिस्तान का HQ-9: जानें दोनों एयर डिफेंस सिस्टम में कौन सबसे पावरफुल, रेंज देख रह जाएंगे हैरान

भारत का S-400 vs पाकिस्तान का HQ-9: जानें दोनों एयर डिफेंस सिस्टम में कौन सबसे पावरफुल, रेंज देख रह जाएंगे हैरान

India S-400 vs Pakistan HQ-9: पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर (हवाई हमले) के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है. पाकिस्तान भारत की इस कार्रवाई से बौखला गया है. इस बौखलाहट में उसने भारतीय क्षेत्रों पर कई हवाई हमले शुरू किए, लेकिन वह बुरी तरह विफल रहा.

Digit.in Survey
✅ Thank you for completing the survey!

भारत की उन्नत S-400 वायु रक्षा प्रणाली ने इन हमलों को पूरी तरह नाकाम कर दिया. भारतीय वायुसेना और भारतीय सेना द्वारा उपयोग की जा रही अत्याधुनिक तकनीक और रक्षा तंत्र ने पाकिस्तानी खतरों को बेअसर कर दिया. जैसे-जैसे स्थिति पूर्ण युद्ध की ओर बढ़ रही है, भारत के S-400 और पाकिस्तान के HQ-9 वायु रक्षा प्रणालियों की तुलना चर्चा का केंद्र बन गई है.

S-400: भारत का अभेद्य सुरक्षा कवच

रूस द्वारा विकसित S-400 ट्रायम्फ को दुनिया की सबसे शक्तिशाली वायु रक्षा प्रणाली माना जाता है. भारत ने रूस के साथ पांच S-400 प्रणालियों की खरीद के लिए समझौता किया था, जिनमें से तीन पहले ही तैनात हो चुकी हैं. यह प्रणाली भारत को रणनीतिक बढ़त देती है, जो कई खतरों को एक साथ नष्ट करने में सक्षम है.

S-400 की मुख्य विशेषताएं:

  • दूरी: 600 किमी तक.
  • मिसाइल हमला दूरी: 400 किमी तक.
  • मिसाइल प्रकार: 120 किमी, 200 किमी, 250 किमी, और 400 किमी रेंज की मिसाइलें.
  • क्षमता: लड़ाकू विमान, बैलिस्टिक मिसाइलें, ड्रोन, और क्रूज मिसाइलों को सेकंडों में नष्ट करने में सक्षम.
  • संरचना: प्रत्येक स्क्वाड्रन में 16 वाहन, जिनमें लॉन्चर, रडार, कमांड सेंटर, और सपोर्ट वाहन शामिल हैं.

S-400 भारत के लिए एक अभेद्य हवाई ढाल की तरह काम करता है, जो कई लक्ष्यों को एक साथ पहचानकर और नष्ट करके दुश्मन के हमलों को विफल करता है. ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद के पाकिस्तानी हमलों में इस प्रणाली ने अपनी प्रभावशीलता साबित की, जिसमें पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइलें बेअसर हो गए.

HQ-9: पाकिस्तान की सीमित वायु रक्षा प्रणाली

पाकिस्तान की HQ-9 वायु रक्षा प्रणाली, जिसे चीन से खरीदा गया, रूस की पुरानी S-300 प्रणाली पर आधारित है. हालांकि चीन दावा करता है कि HQ-9 क्रूज मिसाइलें, विमान, और बैलिस्टिक मिसाइलों को रोक सकता है, लेकिन रिपोर्ट्स बताती हैं कि यह S-400 की तुलना में कम प्रभावी और सीमित क्षमता वाली है.

HQ-9 की मुख्य विशेषताएं:

  • दूरी: केवल 200 किमी तक.
  • मिसाइल रेंज: मध्यम दूरी की अवरोधन क्षमता.
  • तकनीक: पुरानी सोवियत तकनीक पर आधारित, जिसमें आधुनिक प्रणालियों की सटीकता और बहुमुखी प्रतिभा का अभाव.
  • कमजोरी: 7 मई के भारतीय हवाई हमलों में HQ-9 भारतीय विमानों को पहचानने में विफल रहा.
  • नुकसान: भारत की जवाबी कार्रवाई में HQ-9 इकाइयों को नुकसान पहुंचा, जिसने इसकी कमजोरियों को उजागर किया.

S-400 बनाम HQ-9: तुलनात्मक विश्लेषण

S-400 और HQ-9 की तुलना में भारत की प्रणाली स्पष्ट रूप से आगे है. S-400 की 600 किमी पहचान और 400 किमी हमला दूरी HQ-9 की 200 किमी पहचान और मध्यम रेंज से कहीं अधिक है. S-400 एक साथ कई लक्ष्यों को ट्रैक और नष्ट कर सकता है, जबकि HQ-9 की क्षमता सीमित है.

S-400 आधुनिक तकनीक पर आधारित है, जबकि HQ-9 पुरानी S-300 तकनीक का उन्नत संस्करण है. ऑपरेशन सिंदूर और बाद के हमलों में S-400 ने सभी खतरों को निष्क्रिय किया, जबकि HQ-9 भारतीय विमानों को रोकने में असफल रहा और खुद नुकसान झेला.

यह भी पढ़ें: भारत ने तबाह कर दिया पाकिस्तान का AWAC, जानें क्या है ये सर्विलांस जेट और कितनी खतरनाक है ये जासूसी आंख

Sudhanshu Shubham

Sudhanshu Shubham

सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं. View Full Profile

Digit.in
Logo
Digit.in
Logo