हर दवा दुकान पर होगा नया QR कोड, टोल-फ्री नंबर भी पूरे देश में होगा उपलब्ध, जानें किसमें आएगा काम
क्या कभी ऐसा हुआ है कि आपने कोई दवा खाई हो और आपको चक्कर आने लगे, शरीर पर लाल चकत्ते पड़ गए या अजीब सी घबराहट होने लगी? हम अक्सर इसे नजरअंदाज कर देते हैं या बस डॉक्टर को बताकर भूल जाते हैं. लेकिन ये ‘एडवर्स ड्रग रिएक्शन’ (दवा के दुष्प्रभाव) होते हैं, जिनकी जानकारी सरकार के पास होना बहुत जरूरी है ताकि खतरनाक दवाओं को बाजार से हटाया जा सके.
Surveyइसी को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने देश भर के सभी केमिस्ट्स और फार्मेसी दुकानों के लिए एक नया और सख्त नियम लागू कर दिया है. अब हर दवा की दुकान पर एक QR कोड और टोल-फ्री नंबर लगाना अनिवार्य होगा, जिसे स्कैन करके आप सीधे सरकार को दवा के साइड-इफेक्ट्स की शिकायत कर सकेंगे.
क्यों पड़ी इस नियम की जरूरत?
अक्सर ऐसा होता है कि कोई दवा खाने के बाद मरीज को रैशेज (rashes), चक्कर आना, सूजन, मतली या इससे भी गंभीर जटिलताओं का सामना करना पड़ता है. इसे तकनीकी भाषा में ‘एडवर्स ड्रग रिएक्शन’ (ADR) कहते हैं. भारत में अब तक ऐसी घटनाओं को ट्रैक करने का कोई आसान जरिया नहीं था, जिससे कई हानिकारक दवाएं बाजार में बिकती रहती थीं.
CDSCO के मुताबिक, यह उपाय जनता और हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स को स्वदेशी PvPI (फार्माकोविजिलेंस प्रोग्राम ऑफ इंडिया) के तहत एडवर्स ड्रग रिएक्शन मॉनिटरिंग सिस्टम (ADRMS) के माध्यम से प्रतिकूल घटनाओं की रिपोर्ट करने में मदद करेगा. अधिकारी इसे इस बात में एक बड़ा बदलाव मानते हैं कि भारत हानिकारक दवा घटनाओं को कैसे ट्रैक करता है, जो अक्सर रिपोर्ट नहीं किए जाते हैं.
कैसे काम करेगा यह सिस्टम?
यह प्रक्रिया बेहद सरल बनाई गई है. जब आप किसी फार्मेसी पर जाएंगे, तो वहां आपको एक QR कोड और एक टोल-फ्री नंबर (1800-180-3024) का पोस्टर या स्टिकर दिखाई देगा.
QR कोड स्कैन करें: अगर आपको किसी दवा से दिक्कत हुई है, तो आप अपने स्मार्टफोन से उस QR कोड को स्कैन कर सकते हैं. यह आपको सीधे ADRMS पोर्टल पर ले जाएगा, जहां आप अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं.
टोल-फ्री नंबर: जो लोग तकनीक के साथ सहज नहीं हैं, वे 1800-180-3024 पर कॉल करके अपनी समस्या बता सकते हैं.
केमिस्टों के लिए सख्त निर्देश
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ड्रग लाइसेंसिंग अधिकारियों को जारी एक सर्कुलर में, CDSCO ने कहा, “सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश दवा लाइसेंसिंग अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि देश भर में प्रत्येक खुदरा और थोक फार्मेसी परिसर के भीतर एक प्रमुख स्थान पर निर्दिष्ट QR कोड प्रदर्शित किया जाए.”
यह निर्णय इस साल जून में फार्माकोविजिलेंस प्रोग्राम ऑफ इंडिया (PvPI) की 16वीं वर्किंग ग्रुप मीटिंग के दौरान लिया गया था. रेगुलेटर्स इस नए साइनेज को रिपोर्टिंग की संस्कृति बनाने, निगरानी को मजबूत करने और दवाओं को सभी के लिए सुरक्षित बनाने के लिए एक सरल लेकिन शक्तिशाली टूल के रूप में देखते हैं. CDSCO ने कथित तौर पर राज्यों से तत्काल कार्यान्वयन शुरू करने, सभी लाइसेंस धारकों को निर्देशों का व्यापक प्रसार करने और अनुपालन की बारीकी से निगरानी करने के लिए कहा है.
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Sudhanshu Shubham
सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं. View Full Profile