इस शादी के कार्ड को भूल कर भी न छूना.. वर्ना मिनटों में खाली हो जाएगा बैंक अकाउंट, तेजी से फैल रहा स्कैम!
एक छोटी-सी डिजिटल इनवाइट ने कई परिवारों की बचत पर कालिख गिरा सकती है. शादी-समारोह का मौसम आ गया है. लेकिन, WhatsApp पर आए शादी के आकर्षक कार्ड आपकी खुशी बढ़ाने के बजाय आपकी फाइनेंशियल सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं. यह स्कैम एक बार फिर से एक्टिव हो गया है.
Surveyक्या है शादी कार्ड स्कैम?
साइबर ठग इस फ्रॉड को बेहद पेशेवर तरीके से तैयार करते हैं. इसमें नाम, तारीख के अलावा भव्य डिजाइन होता है. कई बार तो विवाह-स्टाइल का भरोसा जगाने वाले एलिमेंट तक कार्ड में डाले जाते हैं. अंतर केवल इतना है कि फाइल PDF या JPG नहीं बल्कि .apk एक्सटेंशन वाली Android इंस्टॉलेबल फाइल होती है. कई लोगों ने अनजान स्रोत से आने वाला इस ऐप को कार्ड या शादी का इनवाइट समझकर ओपन कर देते हैं.
एक बार इंस्टॉल होते ही यह नकली ‘Wedding Blessing App’ बैकग्राउंड में सिस्टम-लेवल परमिशन हासिल करने की कोशिश करता है. ऐप SMS, कॉल-लॉग, गैलरी, नोटिफिकेशन एक्सेस और बैंकिंग/UPI ऐप्स तक पहुँच कर लेता है. कुछ मालवेयर सीधे ही OTP/UPI PIN इंटरसेप्ट कर लेते हैं या फोन में की-लॉगर जैसी तकनीक डाल देते हैं.जिसकी वजह से मिनटों में खाते से पैसे ट्रान्सफर हो जाते हैं और पीड़ित को यह पता भी नहीं चलता कि क्या हुआ.
तेजी से फैल रहा है स्कैम
पुलिस और साइबर टीमों को मिली रिपोर्ट्स के मुताबिक यह स्कैम तेजी से फैल रहा है. सबसे अधिक केस उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर से सामने आए हैं. शादी-समारोहों के बढ़ते संदेश और ग्रुप-फॉरवर्डिंग की वजह से एक ही मैलिशियस फाइल कई लोगों तक पहुँच जाती है. ज्यादातर पीड़ितों ने कहा कि संदेश किसी परिचित के खाते से आया था, जो पहले ही कॉम्प्रोमाइज्ड हो चुका था, इसलिए ट्रैप और भी विश्वसनीय दिखा.
क्या करें?
सबसे आसान नियम किसी भी .apk फाइल को कभी खोला नहीं जाना चाहिए. अक्सर लोग संदेह के बावजूद गलती से क्लिक कर लेते हैं. इस वजह से परिवार और दोस्तों को पहले ही सचेत करना जरूरी है. अगर गलती से आपने इंस्टॉल कर लिया है, तो फोन तुरंत एयरप्लेन मोड पर रखें, इंटरनेट बंद कर दें और तुरंत बैंक/UPI एप के पासवर्ड/पिन बदलें.
इसके अलावा उस डिवाइस से लॉग-आउट कर देना और बैंक को सूचना देना भी जरूरी है. स्थानीय पुलिस या साइबर सेल में एफआईआर दर्ज कराना और डाइटेल्ड बैंक स्टेटमेंट के साथ ग्लोबल ब्लॉक-रिक्वेस्ट जमा कराना मदद कर सकता है.
पुलिस ने रेड अलर्ट जारी कर सार्वजानिक चेतावनी दी है और सोशल-मीडिया मॉनिटरिंग बढ़ा दी है ताकि मैलिशियस फाइल्स के फॉरवर्ड-चेन को ट्रेस किया जा सके. WhatsApp जैसे प्लेटफॉर्म्स को भी रिपोर्ट कर के संदिग्ध स्रोतों को ब्लॉक या लिमिट करने का दबाव बनाया जा रहा है. बैंकों और पेमेंट प्लेटफॉर्म्स ने भी ग्राहकों से कहा है कि वे किसी भी संदिग्ध ट्रांजैक्शन की शीघ्र सूचना दें ताकि फ्रॉड को रिवर्स करने की कोशिश की जा सके.
शादी का मौसम खुशियों का समय है, लेकिन डिजिटल-जगह पर थोड़ी सावधानी ही बड़ी मुसीबत से बचा सकती है. फाइल एक्सटेंशन देखें, अनजान भेजने वालों से आए लिंक पर क्लिक न करें, और परिवार में सबको यह नियम साझा करें कि .apk इनवाइट को कभी न खोलें. थोड़ा समय लेकर जांच करने की आदत आपकी सबसे बड़ी ढाल बन सकती है.
Sudhanshu Shubham
सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं. View Full Profile