WhatsApp पर सुरक्षा होगी फर्स्ट क्लास! इस मोड से हैक नहीं होगा अकाउंट, स्पैम से भी होगा बचाव
WhatsApp अब अपने यूजर्स की डिजिटल सुरक्षा को अगले स्तर पर ले जाने की तैयारी में है. WABetaInfo की रिपोर्ट के मुताबिक ऐप में जल्द एक नया फीचर आने वाला है. जिसको “Strict Account Settings” मोड कहा जा रहा है. ये खास तौर पर उन यूजर्स के लिए डिजाइन किया गया है जिन्हें टारगेटेड साइबरअटैक या अकाउंट हैकिंग का खतरा है. यह नया “लॉकडाउन स्टाइल” सिक्योरिटी सिस्टम WhatsApp की अब तक की सबसे एडवांस सुरक्षा व्यवस्था मानी जा रही है.
SurveyStrict Account Settings मोड क्या है?
नए फीचर को WhatsApp के Android बीटा वर्जन 2.25.33.4 में देखा गया है. यह फीचर यूजर्स को एक सिंगल टॉगल स्विच से सारे एडवांस सिक्योरिटी ऑप्शन एक साथ ऑन करने की सुविधा देगा ताकि बार-बार अलग-अलग प्राइवेसी सेटिंग्स एडजस्ट न करनी पड़ें. साधारण शब्दों में कहें तो यह फीचर उन लोगों के लिए है जो ज्यादा प्राइवेसी-कॉन्शस या साइबर रिस्क में हैं, जैसे एक्टिविस्ट, जर्नलिस्ट, पब्लिक फिगर्स या हाई-प्रोफाइल प्रोफेशनल्स.
कैसे काम करेगा यह सिक्योरिटी मोड?
WABetaInfo के अनुसार, ‘Strict Account Settings’ मोड एक्टिव होने पर WhatsApp ऑटोमैटिकली कई सुरक्षा उपाय लागू करेगा.
IP एड्रेस प्रोटेक्शन
कॉल के दौरान यूजर का IP एड्रेस छिपाया जाएगा. WhatsApp सर्वर के जरिए कॉल रूट की जाएगी ताकि लोकेशन या नेटवर्क ट्रैकिंग असंभव हो जाए.
अनजान सेंडर्स से मीडिया ब्लॉकिंग
किसी अनजान नंबर से आने वाली फोटो, वीडियो या डॉक्यूमेंट्स अपने-आप डाउनलोड नहीं होंगे. यह फिशिंग या मैलवेयर अटैक रोकने में मदद करेगा. ऐसे कॉन्टैक्ट्स से केवल टेक्स्ट चैट ही संभव होगी.
लिंक प्रिव्यू डिसेबल करना
WhatsApp अक्सर लिंक प्रिव्यू दिखाने के लिए वेबसाइट से कनेक्ट होता है, जिससे यूज़र का IP एड्रेस एक्सपोज़ हो सकता है. नया मोड इसे ऑटोमैटिकली बंद कर देगा ताकि डेटा ट्रैकिंग के जोखिम कम हों.

स्पैम कॉल और ग्रुप इनवाइट पर कंट्रोल
अंजान नंबरों से आने वाली कॉल्स को ऑटोमेटिकली म्यूट किया जाएगा, ताकि स्पैम या ज़ीरो-क्लिक अटैक का खतरा घटे. केवल सेव किए गए कॉन्टैक्ट्स ही यूज़र को ग्रुप चैट में जोड़ सकेंगे. यूजर की प्रोफाइल फोटो, लास्ट सीन और स्टेटस जैसी डिटेल्स सिर्फ कॉन्टैक्ट्स को दिखेंगी. यह उन लोगों के लिए बेहद उपयोगी फीचर होगा जिन्हें रोजाना दर्जनों स्पैम ग्रुप इनवाइट्स या फेक कॉल्स मिलते हैं.
टू-स्टेप वेरिफिकेशन और सिक्योरिटी अलर्ट्स
‘Strict Mode’ में WhatsApp टू-स्टेप वेरिफिकेशन (PIN ऑथेंटिकेशन) को डिफॉल्ट रूप से ऑन कर देगा. इससे किसी भी हैकर को अकाउंट एक्सेस करने के लिए आपका पिन कोड भी चाहिए होगा, जिससे अकाउंट हाईजैकिंग या आइडेंटिटी थेफ्ट की संभावना लगभग खत्म हो जाएगी.
इसके अलावा, जब भी किसी कॉन्टैक्ट का एन्क्रिप्शन कोड बदलेगा, WhatsApp तुरंत सिक्योरिटी नोटिफिकेशन भेजेगा ताकि आप चैट की ऑथेंटिसिटी चेक कर सकें.
स्पैम और अनजान मैसेज लिमिटेशन फीचर
WhatsApp एक और समानांतर फीचर पर भी काम कर रहा है, जो अज्ञात नंबरों से आने वाले मैसेज की संख्या सीमित करेगा. सिस्टम AI की मदद से उन खातों को पहचान सकेगा जो असामान्य रूप से अधिक संदेश भेज रहे हैं और उन्हें अस्थायी रूप से ब्लॉक कर देगा. यह फीचर विशेष रूप से फिशिंग बॉट्स और स्कैम अकाउंट्स को रोकने के लिए डिजाइन किया गया है.
क्यों जरूरी है यह अपडेट
हाल के वर्षों में WhatsApp पर फिशिंग लिंक्स, फेक OTP मैसेज और मालवेयर अटैक बढ़े हैं. साइबर एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यह नया “Strict Mode” डिजिटल प्राइवेसी का फुल-प्रोटेक्शन पैकेज बन सकता है. यह मोड वैकल्पिक रहेगा यानी जो यूजर हाई-रिस्क में हैं वे इसे एक्टिव कर सकते हैं, जबकि बाकी यूजर्स के लिए WhatsApp की डिफॉल्ट एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन पहले की तरह जारी रहेगी.
WhatsApp की सुरक्षा रणनीति अब AI और नेटवर्क हाइडिंग की ओर
यह कदम WhatsApp की सुरक्षा रणनीति में एक बड़ा बदलाव दिखाता है. जहां पहले फोकस केवल चैट एन्क्रिप्शन पर था, अब कंपनी का उद्देश्य है कि नेटवर्क-लेवल प्राइवेसी भी सुनिश्चित की जाए यानी कोई भी यूजर का डेटा, लोकेशन या डिवाइस ट्रैक न कर सके. Meta के अनुसार, आने वाले अपडेट्स में WhatsApp AI-आधारित थ्रेट डिटेक्शन सिस्टम भी इंटीग्रेट करेगा, जो संदिग्ध गतिविधियों की पहचान कर सकेगा.
यह भी पढ़ें: AQI बढ़ने से हवा हुई जहरीली, पहली बार खरीदने जा रहे Air Purifier? गांठ बांध लें ये 5 बातें, वर्ना ‘डब्बा’ लगेगा हाथ
Sudhanshu Shubham
सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं. View Full Profile