अलंकित ने ई-राही मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया

अलंकित ने ई-राही मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया
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जीएसटी सुविधा प्रदाता (जीएसपी) अलंकित लिमिटेड ने ई-राही की शुरूआत की है। कंपनी ने कहा है कि यह एक बटन पर क्लिक से ई-वे बिल्स निकालने के लिए एक आसान और लागत प्रभावी मोबाइल एप्लिकेशन और डेस्कटॉप सॉफ्टवेयर है।

जीएसटी सुविधा प्रदाता (जीएसपी) अलंकित लिमिटेड ने ई-राही की शुरूआत की है। कंपनी ने कहा है कि यह एक बटन पर क्लिक से ई-वे बिल्स निकालने के लिए एक आसान और लागत प्रभावी मोबाइल एप्लिकेशन और डेस्कटॉप सॉफ्टवेयर है। अलंकित ई-राही एप्लिकेशन पहले 1000 बिल 1000 रुयपे की प्रतिस्पर्धी कीमत पर जेनरेट करने की पेशकश करता है। एक बयान में कहा गया है कि यह एप्लिकेशन गूगल प्लेस्टोर पर उपलब्ध है और यह एन्ड्रॉइड पर इस्तेमल हो सकती है। इसकी विशेषताओं के तौर पर, ई-राही यूजर से आप ई-वे बिल्स जेनरेट, उन्हें एडिट और एसएमएस, व्हॉट्सऐप और ई-मेल के जरिए शेयर कर सकते हैं। अगर यूजर को बिल की हार्ड कॉपी चाहिए तो बिल का फॉर्मेट ऐसा होता है कि उसका प्रिंट आउट निकाला जा सकता है। 
 
बयान के मुताबिक, ई-राही अलंकित जल्द ही जीएसटी मुनीम जी (क्लाउड आधारित अनुपालन सॉफ्टवेयर) के साथ एकीकृत होगा, इससे ट्रान्जेक्शन का विवरण अपलोड करने की जरूरत नहीं रहेगी। वर्तमान में, पहले 1000 बिलों की शुरुआती कीमत 1000 रुपये है। अलंकित 1000 से ज्यादा बिल जेनरेट करने के लिए प्रतिस्पर्धी कीमत वाले पैकेज की पेशकश कर रहा है। 
 
अलंकित लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अंकित अग्रवाल ने ऐप के बारे में कहा, "वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क के अनुसार इसमें प्रति दिन 70 लाख ई-वे बिल तक जेनरेट करने की क्षमता है। वर्तमान में सिर्फ क्षमता का 18 फीसदी ही इस्तेमाल किया जाता है। ई-राही पूरे भारत में वस्तुओं के स्थानांतरण को एक आसान प्रक्रिया बनाकर इसके बढ़ते उपयोग के लिए तैयार है। ई-राही का लक्ष्य डिजिटलीकरण को बढ़ावा देना, ट्रान्जिट टाइम के मसले को हल करना और जीएसटी ढाचे में प्राचीन परिवहन उद्योग का उपयोग करने में सरकार की मदद करना है।"
 
उन्होंने कहा कि ई-राही से यूजर की न सिर्फ आसान पहुंच बनती है बल्कि वह एसएमएस या मेल के जरिए आसानी से शेयर कर पाता है। बिल फोन पर भी सेव करने के बाद संबंधित व्यक्ति को व्हाट्सऐप के जरिए भेजा जा सकता है। 
 
ई-राही के साथ-साथ अलंकित ने हाल ही में एक अलंकित चैटबोट की शुरुआत की है, जोकि बार-बार की पूछताछ को हल करने के लिए एक आसान, व्यापक माध्यम है। चैटबोट हर रोज 400-500 सवालों का समाधान करता है और इसमें एक स्मार्ट अपने आप से सीखने वाला मेकेनिज्म भी है, जोकि नए पैटर्न/सवालों का निरीक्षण करता है। जीएसटी क्या है? और मैं अपने रिटर्न कैसे फाइल कर सकता/सकती हूं? जैसे प्रश्न तुरंत हल हो जाते हैं।

IANS

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