दुनिया भर में Google Chrome ब्राउजर का उपयोग किया जाता है और अक्सर हम यहां डाउनलोडिंग भी करते हैं लेकिन क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि ये कितनी सिक्योर है या इसे कैसे सिक्योर किया जाए? यूं तो गूगल क्रोम (Google Chrome) अपने यूजर्स की सुरक्षा और प्राइवेसी पर बहुत गौर करता है। इसी का एक हिस्सा गूगल क्रोम से आपको इनसिक्योर डाउनलोडिंग के बारे में सूचित करता है। यानि अगर आप HTTPS के बजाए HTTP वेबसाइट से कुछ डाउनलोड करते हैं तो यह आपको फौरन वॉर्न करता है। लेटेस्ट रिपोर्ट की मानें तो गूगल अपने ब्राउजर के लिए एक ऐसे फीचर पर काम कर रहा है जिससे इस तरह के डाउनलोड पूरी तरह से ब्लॉक हो जाएंगे और यूजर्स की सुरक्षा और प्राइवेसी और भी मजबूत बनेगी।
अगर आप नहीं जानते तो बात दें HTTPS के आने के इतने सालों बाद भी अभी तक काफी वेबसाइट ऐसी हैं जिन्होंने HTTP से माइग्रेट नहीं किया है। Google Chrome पर एक ऐसा फीचर दिया गया है जो HTTP साइट डिटेक्ट कर यूजर्स को इसकी जानकारी दे देता है।
दो प्रोटोकॉल के बीच एकमात्र अंतर यह है कि HTTPS सामान्य HTTP रिक्वेस्ट और रिएक्शन्स को एन्क्रिप्ट करने के लिए और उन रिक्वेस्ट और रिएक्शन्स को डिजिटल रूप से साइन करने के लिए TLS (SSL) का उपयोग करता है। नतीजतन, HTTPS HTTP से कहीं अधिक सुरक्षित है।
क्रोम ने इसे ऑल्वेज यूज सिक्योर कनेक्शन नाम दिया है। इस विकल्प को इनेबल करने पर यह ऑटोमेटिकली नेविगेशन को HTTPS पर ले जाता है और बिना सपोर्ट वाली साइट पर जाते ही सूचित कर देता है। ध्यान दें कि यह वह नया फीचर नहीं जिसका जिक्र हमने शुरुआत में किया है। उस फीचर पर अभी भी काम चल रहा है।
इस सेटिंग को हमेशा ऑन रखने के लिए क्रोम पर जाकर सेटिंग्स में जाएं और यहां प्राइवेसी व सिक्योरिटी में जाकर सिक्योरिटी में जाएं। यहां ऑल्वेज यूज सिक्योर कनेक्शन के टॉगल को ऑन करना होगा।
इस फीचर को ऑन करने के बाद यह ऑटोमेटिकली वेबसाइट को HTTPS में ले जाएगा। यूजर्स को उन वेबसाइट्स से डाउनलोडिंग के लिए वॉर्न करेगा जो नुकसान पहुंचा सकती हैं।