Pahalgam Attack: ..तो इस ऐप से टूरिस्ट तक पहुंचे आतंकवादी? वर्ना जंगलों में जाते भटक, Google Maps से भी कई गुना पावरफुल

Pahalgam Attack: ..तो इस ऐप से टूरिस्ट तक पहुंचे आतंकवादी? वर्ना जंगलों में जाते भटक, Google Maps से भी कई गुना पावरफुल

Pahalgam Attack: आतंकी हमले से देश में सदमे में हैं. हालांकि, सरकार की ओर कहा गया है कि इसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. लेकिन, बड़ा सवाल उठा आतंकी वहां तक पहुंचे कैसे? अब एक मैप ऐप का नाम सामने आ रहा है. जिसको लेकर कहा जा रहा है, आतंकवादी इस ऐप का इस्तेमाल नेविगेशन के लिए करते हैं.

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टेक्नोलॉजी बढ़ने के साथ इसके गलत इस्तेमाल की भी रिपोर्ट सामने आती रही है. आम लोग जहां रास्ते खोजने के लिए Google Maps का इस्तेमाल करते हैं वहीं आतंकवादी एक अलग ऐप का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे ही एक ऐप का नाम AlpineQuest GPS Hiking App है. हालांकि, इसका इस्तेमाल सामान्यतः ट्रैकिंग, हाइकिंग या रूट मैपिंग के लिए इस्तेमाल करते हैं. लेकिन, इसके फीचर्स की वजह से यह आतंकवादियों की भी पसंद बन गया है.

दुनियाभर में होता है इस्तेमाल

एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में आतंकवादी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले में भी AlpineQuest ऐप का इस्तेमाल हुआ है. आइए आपको बताते हैं यह ऐप कैसे काम करता है और इसमें क्या सब फीचर्स दिए गए हैं.

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AlpineQuest एक एंड्रॉयड ऐप है. इसको पहाड़ पर ट्रैकिंग के लिए जाने वाले या एडवेंचर के लिए जंगल में भटकने वालों के लिए बनाया गया था. इसमें ऑफलाइन फीचर भी दिया गया है. जिससे नेटवर्क ना आने पर भी यह आसानी से काम करता है. इसमें रियल टाइम लोकेशन ट्रैक से लेकर रूट प्लानिंग और वेपॉइंट सेविंग, टैरेन मैप्स और टोपोग्राफिक डिटेल्स जैसे फीचर्स दिए गए हैं. हालांकि, यह ऐप गूगल प्ले स्टोर पर अभी भी इसलिए उपल्बध है क्योंकि एडवेंचर लवर्स के लिए इसको काफी उपयोगी माना जाता है.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर कहा जा रहा है कि AlpineQuest ऐप का इस्तेमाल आतंकवादियों ने किया होगा. उस इलाके में नेटवर्क की दिक्कत के बाद भी यह ऐप आसानी से उनके लिए काम करता है. सुरक्षाकर्मी इसको ट्रैक नहीं कर पाते हैं क्योंकि यह ऐप ऑफलाइन भी काम करता है.

रास्ता खोजना आसान

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, AlpineQuest से पहाड़ी इलाके में रास्ता खोजना काफी आसान है. इसमें बंकर, सुरक्षित स्थान या हथियार छिपाने की जगह को पहले से सेव करके रखा जा सकता है और जरूरत पड़ने पर इसको आसानी से खोजा जा सकता है. बिना सिग्नल के भी यह परफैक्टली काम करता है.

इससे पहले भी कई बार सुरक्षा एजेंसियों ने कन्फर्म किया है कि आतंकी इसका इस्तेमाल भारत के खिलाफ करते हैं. पिछले साल कुछ आतंकवादियों के पास बरामद मोबाइल में यह ऐप भी मिला. इसका इस्तेमाल रूस और यूक्रेन में भी खूब किया जाता है. यूक्रेनी समूह रूसी सेना की लोकेशन ट्रैक करने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं.

इस बार इस ऐप का इस्तेमाल आतंकवादियों ने किया या नहीं, यह तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा. लेकिन, ऐप की खासियत इसको आतंकवादियों के लिए फेवरेट मैपिंग ऐप जरूर बनाती है.

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Sudhanshu Shubham

Sudhanshu Shubham

सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं. View Full Profile

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