ये लो जी! आ गया दुनिया का पहला AI Mobile Phone? बिना फोन छूए काम करेंगे फीचर और ऐप्स, इस कंपनी ने किया तैयार
न में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस अब सिर्फ चैट करने तक लिमिटेड नहीं रहा है, बल्कि वह सीधे अब आपके फोन को बिना टच किए ही सभी फीचर और ऐप्स को चलाने की क्षमता और काबिलियत जल्दी ही मिलने वाली है। असल में आपको जानकारी के लिए बता देते है कि TikTok की पैरेंट कंपनी ByteDance ने हाल ही में एक स्मार्टफोन प्रोटोटाइप Nubia M153 को दिखाया है, जो उनके इन-हाउस AI एजेंट Doubao पर काम करता है। यह AI स्क्रीन को बिना टच के चला सकता है, बिना स्क्रीन पर क्लिक किए किसी भी ऐप को ओपन कर सकता है, बटन टैप कर सकता था, कॉल कर सकता था, मैसेज टाइप कर सकता था और यहां तक कि टिकट बुक करने जैसे काम भी पूरी तरह खुद कर सकता था, इसके लिए यूजर को स्क्रीन पर एक बार भी टच करने की जरूरत नहीं है।
Surveyडेमो वीडियो भी हो चुका है वायरल
Shenzhen के एंटरप्रेन्योर Taylor Ogan के डेमो वीडियो वायरल होते ही लोगों में चिंता फैल गई। सबके मन में एक ही सवाल था। अगर AI को फोन पर इतनी सीधी पहुंच मिल गई, तो प्राइवेसी और सिक्योरिटी का क्या होगा? रिपोर्ट्स के मुताबिक, बढ़ती आलोचना के बाद ByteDance ने सिस्टम की ताकत को सीमित कर दिया और संवेदनशील फीचर्स पर AI की सीधी पहुंच रोक दी, जब तक कि पुख्ता सेफ्टी नियम लागू न हो जाएं।
Another DeepSeek moment. This is the world’s first actual smart phone. It’s an engineering prototype of ZTE’s Nubia M153 running ByteDance’s Doubao AI agent fused into Android at the OS level. It has complete control over the phone. It can see the UI, choose/download apps,… pic.twitter.com/lM9PYMoQek
— Taylor Ogan (@TaylorOgan) December 4, 2025
TikTok की कंपनी ला रही ऐसा फोन
यह प्रोटोटाइप ZTE के Nubia ब्रांड के साथ मिलकर बनाया गया था और कस्टम Android वर्जन पर चलने वाला है। Doubao को सिर्फ वॉयस असिस्टेंट की तरह नहीं, बल्कि एक फुल-स्टैक AI एजेंट के तौर पर डिजाइन किया गया था, जो ऐप्स के भीतर API पर निर्भर रहने के बजाय सीधे OS लेवल पर इंसान की तरह स्क्रीन देखकर काम कर सकता था। जैसे किसी ट्रेन टिकट की बुकिंग में यह खुद ऐप खोलता, लॉग-इन करता, स्क्रॉल करता और पूरा प्रोसेस ऑटोमैटिक पूरा करता।
फोन को क्या चीज बनाती है खास
यही ताकत इसे खास बनाती है, और यही सबसे बड़ा खतरा भी। स्क्रीन देखने और खुद काम करने के लिए AI को मैसेज, पेमेंट डिटेल्स और पर्सनल डेटा तक पहुंच चाहिए, जो प्राइवेसी के लिहाज से बेहद संवेदनशील मुद्दा बन जाता है। इसी वजह से ByteDance अब फुल-एक्सेस मॉडल से पीछे हटकर, लिमिटेड परमिशन के साथ इस टेक्नोलॉजी को Nubia के कुछ फोन्स में देने की तैयारी कर रहा है।
प्रतिस्पर्धा अब सही मायने में बढ़ने वाली है!
यह मामला बताता है कि AI और भरोसे के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। जहां OpenAI जैसे प्लेटफॉर्म ChatGPT को शॉपिंग रिसर्च असिस्टेंट बना रहे हैं और Apple अपने प्राइवेसी-फोकस्ड AI असिस्टेंट पर 2026 तक काम कर रहा है, वहीं ByteDance का यह एक्सपेरिमेंट दिखाता है कि जब AI को इंसान जैसी पूरी आज़ादी मिल जाए, तो मददगार होने और दखलअंदाज़ बनने की रेखा बेहद पतली रह जाने वाली है।
भविष्य में AI-एजेंट स्मार्टफोन का अगला बड़ा कदम हो सकते हैं, लेकिन Nubia M153 की कहानी यह साफ कर देती है कि तकनीक जितनी शक्तिशाली होगी, उतनी ही ज़्यादा सावधानी और भरोसे की ज़रूरत भी पड़ने वाली है।
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Ashwani Kumar
Ashwani Kumar has been the heart of Digit Hindi for nearly nine years, now serving as Senior Editor and leading the Vernac team with passion. He’s known for making complex tech simple and relatable, helping millions discover gadgets, reviews, and news in their own language. Ashwani’s approachable writing and commitment have turned Digit Hindi into a trusted tech haven for regional readers across India, bridging the gap between technology and everyday life. View Full Profile