OTT सब्सक्रिप्शन कैंसिल करना हो जाएगा मुश्किल? रिपोर्ट में हुआ हैरान करने वाला खुलासा
अमेरिका में 'Click-to-Cancel' नियम पर कोर्ट ने लगाई रोक।
OTT कंपनियां सब्सक्रिप्शन कैंसिलेशन को फिर से जटिल बना सकती हैं।
भारत में भी यूजर्स को इसका अप्रत्यक्ष असर झेलना पड़ सकता है।
भारत में फिल्मों और वेब सीरीज को लेकर दर्शकों में जबरदस्त उत्साह देखा जाता है। पहले जहां लोग फिल्मों के थिएटर रिलीज का इंतजार करते थे, वहीं अब ज्यादातर लोग OTT प्लेटफॉर्म्स पर उनकी रिलीज़ का इंतजार करते हैं। Netflix, Amazon Prime, Disney+ Hotstar, Zee5 और SonyLIV जैसे प्लेटफॉर्म्स के भारत में लाखों सब्सक्राइबर्स हैं। लेकिन अकसर यह शिकायत सुनने को मिलती है कि इन सेवाओं का सब्सक्रिप्शन कैंसिल करना यूजर्स के लिए एक पेचीदा प्रोसेस बन चुका है। अब इसी मुद्दे पर अमेरिका से एक बड़ी अपडेट सामने आई है, जो भारत समेत बाकी देशों पर भी असर डाल सकती है।
Surveyक्या है ‘Click-to-Cancel’ नियम?
अमेरिका की फेडरल ट्रेड कमीशन (FTC) ने एक नया नियम प्रस्तावित किया था, जिसे ‘Click-to-Cancel’ कहा गया। इसका उद्देश्य यह था कि यूजर्स को जैसे आसानी से किसी OTT प्लेटफॉर्म की सर्विस लेने का विकल्प मिलता है, ठीक वैसे ही उन्हें बिना किसी परेशानी के एक क्लिक में सब्सक्रिप्शन कैंसिल करने की सुविधा भी मिले।
नियम के अनुसार, कंपनियों को यह स्पष्ट करना होता कि फ्री ट्रायल कब समाप्त होगा और इसके बाद पेमेंट कैसे लिया जाएगा। इसके अलावा, बिना ग्राहक की अनुमति के कोई भी ऑटो-रिन्युअल नहीं होना चाहिए और प्रमोशनल ऑफर्स के साथ उनकी असल कीमतों की जानकारी भी ट्रांसपेरेंट रूप से दी जानी चाहिए।
यह भी पढ़ें: वोडाफोन आइडिया का धमाका प्लान, खास इन यूजर्स के लिए है सबसे फायदेमंद, कीमत 100 रुपए से भी कम
कोर्ट ने क्यों लगाई रोक?
यह नियम अमेरिका में 14 जुलाई से लागू होने वाला था, लेकिन इसके ठीक पहले एक फेडरल अपीलीय कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी। कोर्ट का कहना है कि FTC ने इस नियम को लागू करने से पहले इसके आर्थिक प्रभावों का सही मूल्यांकन नहीं किया। इसलिए फिलहाल इस नियम को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है और अब कंपनियों पर सब्सक्रिप्शन कैंसिलेशन को आसान बनाना अनिवार्य नहीं रहेगा।
कंपनियों की स्ट्रैटेजी
भले ही कुछ प्लेटफॉर्म अभी भी सब्सक्रिप्शन को कैंसिल करने के लिए यूजर्स को आसान विकल्प दे रहे हैं, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर निगरानी नहीं रखी गई, तो ये सुविधाएं जटिल प्रक्रियाओं में बदल सकती हैं। कंपनियां जानबूझकर कैंसिलेशन का ऑप्शन छुपा सकती हैं, स्टेप्स बढ़ा सकती हैं या फिर यूजर्स को कस्टमर केयर पर कॉल करने के लिए बाध्य कर सकती हैं।
भारत पर क्या होगा असर?
भले ही यह कोर्ट का फैसला अमेरिका में लागू होगा, लेकिन इसका असर ग्लोबल हो सकता है, और भारत तक भी आ सकता है। यहां बहुत से यूजर्स खर्च को लेकर सचेत रहते हैं और सब्सक्रिप्शन को समय-समय पर कैंसिल और रिन्यू करना उनकी आदत में शामिल है, ताकि बढ़ती स्ट्रीमिंग फीस को कंट्रोल किया जा सके।
यह भी पढ़ें: मनोज बाजपेयी का बड़ा खुलासा, The Family Man 3 इस महीने हो सकता है रिलीज, जानें पूरी डिटेल
Faiza Parveen
फाईज़ा परवीन डिजिट हिंदी में एक कॉन्टेन्ट राइटर हैं। वह 2023 से डिजिट में काम कर रही हैं और इससे पहले वह 6 महीने डिजिट में फ्रीलांसर जर्नलिस्ट के तौर पर भी काम कर चुकी हैं। वह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक स्तर की पढ़ाई कर रही हैं, और उनके पसंदीदा तकनीकी विषयों में स्मार्टफोन, टेलिकॉम और मोबाइल ऐप शामिल हैं। उन्हें हमारे हिंदी पाठकों को वेब पर किसी डिवाइस या सेवा का उपयोग करने का तरीका सीखने में मदद करने के लिए लेख लिखने में आनंद आता है। सोशल मीडिया की दीवानी फाईज़ा को अक्सर अपने छोटे वीडियो की लत के कारण स्क्रॉलिंग करते हुए देखा जाता है। वह थ्रिलर फ्लिक्स देखना भी काफी पसंद करती हैं। View Full Profile