साइबर स्कैम पर लगेगी लगाम! Jio, Airtel और Vi को माननी होगी ये बात, सरकार ने कर ली तैयारी

साइबर स्कैम पर लगेगी लगाम! Jio, Airtel और Vi को माननी होगी ये बात, सरकार ने कर ली तैयारी

क्या आपने कभी सोचा है कि कोई और आपके नाम पर बैंक अकाउंट खुलवा सकता है, बस आपका मोबाइल नंबर इस्तेमाल करके? यह सुनने में डरावना लगता है, लेकिन यह भारत के सबसे बड़े साइबर फ्रॉड में से एक है. बैंकों के पास अभी तक यह जांचने का कोई पक्का तरीका नहीं था कि जो मोबाइल नंबर आप KYC के लिए दे रहे हैं, वह वाकई आपका ही है या नहीं.

Digit.in Survey
✅ Thank you for completing the survey!

इसी खतरनाक लूपहोल को बंद करने के लिए, भारत का दूरसंचार विभाग (DoT) अब एक नया ‘डिजिटल ब्रह्मास्त्र’ लॉन्च कर रहा है. इस नए सिस्टम का नाम है ‘मोबाइल नंबर वैलिडेशन प्लेटफॉर्म (MNV)’ और यह Airtel, Jio, Vi जैसी टेलीकॉम कंपनियों को सीधे बैंकों से जोड़ेगा. आइए, जानते हैं कि यह नया नियम क्या है और यह आपको साइबर फ्रॉड से कैसे बचाएगा.

क्या है सरकार का नया प्लान?

ET टेलीकॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक, DoT के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि इन नियमों का उद्देश्य विभाग के लाइसेंस प्राप्त टेलीकॉम ऑपरेटर्स को बैंकों, वित्तीय संस्थानों, और बीमा फर्मों जैसी अन्य संस्थाओं के साथ इंटीग्रेट करना है.

हालांकि, कुछ टेक इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स ने चिंता जताई है कि गैर-टेलीकॉम फर्मों को DoT के दायरे में लाने से यूजर की प्राइवेसी को खतरा हो सकता है. इस पर DoT ने जोर देकर कहा है कि उनका नियामक लक्ष्य केवल टेलीकॉम कंपनियों तक ही सीमित है, बैंकों पर रेगुलेशन लगाना नहीं.

कैसे काम करेगा यह ‘MNV’ प्लेटफॉर्म?

इन नए नियमों का सबसे प्रमुख कंपोनेंट है DoT द्वारा ‘मोबाइल नंबर वैलिडेशन प्लेटफॉर्म’ (MNV) का विकास. यह प्लेटफॉर्म आने वाले महीनों में लॉन्च होने वाला है.

यह प्लेटफॉर्म बैंकों, वित्तीय संस्थानों, और बीमा फर्मों को नए अकाउंट खोलते समय ग्राहक के मोबाइल नंबर को वेरिफाई करने की अनुमति देगा. यह प्लेटफॉर्म तुरंत टेलीकॉम कंपनियों के KYC डिटेल्स से यह जांच करेगा कि मोबाइल नंबर सही यूजर का है या नहीं.

साइबर फ्रॉड रोकने के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है. वर्तमान में, संस्थाओं के पास यह वेरिफाई करने के लिए कोई कानूनी तंत्र नहीं है कि बैंक अकाउंट से लिंक्ड मोबाइल नंबर वास्तव में अकाउंट होल्डर का है भी या नहीं. स्कैमर्स इसी लूपहोल का फायदा उठाते हैं. वे किसी और की ID पर सिम लेते हैं और फिर उस नंबर का इस्तेमाल कर बैंक अकाउंट खोल लेते हैं या लोन ले लेते हैं, क्योंकि OTP तो उसी सिम पर आता है. DoT ने इस गैप को भरने के लिए ही MNV प्लेटफॉर्म की शुरुआत की है.

किन पर लागू नहीं होगा यह नियम?

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि नए रेगुलेशन का इस्तेमाल ई-कॉमर्स (जैसे Amazon/Flipkart) या फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म (जैसे Swiggy/Zomato) जैसे अन्य बिजनेस को रेगुलेट करने के लिए नहीं किया जाएगा. यह सिस्टम फिलहाल सिर्फ हाई-रिस्क फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन को सुरक्षित करने पर फोकस करेगा, ताकि साइबर क्राइम को रोका जा सके. यह डिजिटल इंडिया को सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.

यह भी पढ़ें: Jio का धमाका! 200 रुपये से कम में मिलेगा अनलिमिटेड डेटा, जान लीजिए कंपनी के सबसे सस्ते 5G प्लान

Sudhanshu Shubham

Sudhanshu Shubham

सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं. View Full Profile

Digit.in
Logo
Digit.in
Logo