धनतेरस-दिवाली पर शॉपिंग का है प्लान? पहले समझ लें AC-फ्रिज में ‘Star’ का मतलब, बिल पर सही में पड़ता है असर या हवा-हवाई बातें?
जब भी हम कोई नया AC, फ्रिज या गीजर खरीदने जाते हैं तो उस पर लगे 1 से 5 स्टार वाले स्टीकर पर हमारी नजर जरूर जाती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन स्टार का असली मतलब क्या होता है? क्या 5-स्टार वाला प्रोडक्ट खरीदना वाकई फायदेमंद है, या यह सिर्फ एक मार्केटिंग गिमिक है?
Surveyअसल में, ये स्टार्स आपकी जेब और पर्यावरण, दोनों पर बड़ा असर डालते हैं. दिवाली आने वाली है, ऐसे में कई लोग इस टाइम शॉपिंग करते हैं. आइए, भारत सरकार के इस स्टार रेटिंग सिस्टम को आसान भाषा में समझते हैं और जानते हैं कि अगली बार शॉपिंग करते समय आपको इन सितारों को कैसे पढ़ना चाहिए.
क्या है यह स्टार रेटिंग?
यह स्टार रेटिंग भारत सरकार के अधीन एक संस्था, ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (Bureau of Energy Efficiency – BEE) द्वारा जारी की जाती है. BEE के अधिकारियों के अनुसार, इस सिस्टम को इसलिए डिजाइन किया गया है ताकि ‘उपभोक्ताओं को यह बताया जा सके कि कोई उपकरण कितनी बिजली बचाता है और कितनी बिजली की खपत करता है’.
यह रेटिंग 1 से 5 स्टार तक होती है. इसे समझना बहुत आसान है.
- 1-स्टार: मतलब कम एनर्जी एफिशिएंसी, यानी यह प्रोडक्ट ज्यादा बिजली की खपत करेगा.
- 5-स्टार: मतलब सबसे ज्यादा एनर्जी एफिशिएंसी, यानी यह प्रोडक्ट बहुत कम बिजली की खपत करेगा.
सरल शब्दों में, जितने ज्यादा स्टार, उतनी ज्यादा बिजली की बचत.
5-स्टार खरीदने से कितना पैसा बचता है?
अब आपके मन में सवाल होगा कि इन स्टार्स से आखिर कितना फर्क पड़ता है? फर्क बहुत बड़ा है, और यह सीधे आपके हर महीने के बिजली बिल पर असर डालता है. BEE की एक रिपोर्ट इसका एक बेहतरीन उदाहरण देती है.
एक 5-स्टार रेफ्रिजरेटर साल में लगभग 199 यूनिट बिजली की खपत करता है, जबकि एक 1-स्टार मॉडल लगभग 487 यूनिट की खपत करता है, यानी दोगुने से भी ज्यादा. यह अंतर दिखाता है कि कैसे एफिशिएंसी रेटिंग सीधे आपके घरेलू खर्चों को प्रभावित कर सकती है.माना कि 5-स्टार प्रोडक्ट्स शुरुआत में थोड़े महंगे होते हैं, लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि बिजली के बिल में होने वाली बचत से कुछ ही समय में यह अतिरिक्त लागत वसूल हो जाती है. इसके अलावा, कम बिजली की खपत करके आप पर्यावरण की सुरक्षा में भी अपना योगदान देते हैं.
खरीदारी करते समय किन बातों का रखें ध्यान?
जब आप अगली बार कोई इलेक्ट्रॉनिक एप्लायंस खरीदने जाएं, तो सिर्फ स्टार्स की गिनती ही न देखें, बल्कि कुछ और जरूरी बातों का भी ध्यान रखें.
ऑफिशियल स्टिकर देखें: हमेशा प्रोडक्ट पर आधिकारिक BEE लोगो और स्टार स्टिकर की जांच करें. स्टिकर पर मॉडल नंबर, रेटिंग का साल और अनुमानित वार्षिक बिजली खपत जैसी डिटेल्स दी होती हैं.
लेटेस्ट रेटिंग जांचें: BEE हर साल रेटिंग के मानकों को अपडेट करता है. इसलिए, यह सुनिश्चित करें कि आप लेटेस्ट सर्टिफिकेशन वाला मॉडल ही खरीद रहे हैं. हो सकता है कि जो प्रोडक्ट पिछले साल 5-स्टार था, वह इस साल के मानकों के हिसाब से 4-स्टार हो.
नकली स्टिकरों से सावधान: कुछ कंपनियां मार्केटिंग के लिए भ्रामक स्टिकरों का उपयोग कर सकती हैं. इसलिए, खरीदारी करने से पहले हमेशा प्रामाणिकता की जांच कर लें.
यह भी ध्यान देने योग्य है कि हर प्रोडक्ट पर स्टार रेटिंग नहीं होती है. यह सिस्टम केवल उन उपकरणों पर लागू होता है जो ज्यादा एनर्जी का उपयोग करते हैं.
यह भी पढ़ें: बड़े बूढ़े ही नहीं..कोई भी हो सकता है डिजिटल स्कैम का शिकार! जानें स्कैमर्स कैसे आपके दिमाग को कर लेते हैं हैक
Sudhanshu Shubham
सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं. View Full Profile