दुश्मन के परखच्चे उड़ा देंगे ये देसी हथियार, मेड-इन-इंडिया का वार एक-एक पर पड़ेगा भारी!
भारत ने बीते कुछ वर्षों में रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़े कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियानों के तहत भारतीय सेना के लिए कई घातक हथियार और सबसे मॉडर्न सिस्टम अपने ही देश में विकसित किए जा रहे हैं। आज हम बात करने वाले हैं भारतीय रक्षा क्षेत्र के पांच प्रमुख ‘मेड-इन-इंडिया’ हथियारों और प्रणालियों की, जो न सिर्फ देश की सुरक्षा को मजबूती दे रहे हैं, बल्कि रक्षा आयात पर निर्भरता भी घटा रहे हैं।
Survey1. तेजस MkII फाइटर जेट
भारतीय वायुसेना के भविष्य के लिए तेजस MkII बेहद अहम प्रोजेक्ट है। यह एक एडवांस्ड सिंगल-इंजन फाइटर जेट है, जिसे Hindustan Aeronautics Limited (HAL) द्वारा बनाया गया है। तेजस MkII में ज्यादा पेलोड क्षमता, लॉंग-रेंज और बेहतर एवियोनिक्स सिस्टम होंगे। यह एयरक्राफ्ट 4.5 जनरेशन के फाइटर जेट्स की क्षमताओं से लैस होगा और इसमें GE-F414 इंजन का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके आने से भारतीय वायुसेना के पुराने MiG-29 और Jaguar जैसे विमानों को रिप्लेस किया जा सकेगा।
2. स्वदेशी मिसाइल सिस्टम
भारत ने अपने मिसाइल प्रोग्राम में भी बड़ी सफलता पाई है। DRDO द्वारा विकसित अस्त्र एयर-टू-एयर मिसाइल और आकाश एयर डिफेंस सिस्टम जैसे प्रोजेक्ट्स भारतीय सेनाओं को जबरदस्त ताकत दे रहे हैं। अस्त्र मिसाइल को फाइटर जेट से लॉन्च किया जाता है और यह 100 किमी से ज्यादा दूरी तक दुश्मन के विमानों को मार गिराने में सक्षम है।
आकाश मिसाइल सिस्टम, इंडियन आर्मी और एयरफोर्स को दुश्मन के हवाई खतरों से सुरक्षित रखने के लिए डिजाइन किया गया है। इसका नया वर्जन ‘आकाश-NG’ और भी ज्यादा मारने की क्षमता के साथ आ रहा है।
3. वाहन-आधारित एंटी-ड्रोन सिस्टम
आधुनिक युद्धों में ड्रोन का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। इसी को देखते हुए भारत ने वाहन-आधारित एंटी-ड्रोन सिस्टम तैयार किया है। इस सिस्टम को DRDO और निजी कंपनियों के सहयोग से डेवलप किया गया है। यह सिस्टम ड्रोन को हवा में ही पहचान सकता है, उसे जाम कर सकता है या फिर लेजर से नष्ट कर सकता है। खास बात यह है कि इसे सेना के ट्रकों या अन्य लड़ाकू वाहनों पर आसानी से तैनात किया जा सकता है। यह बॉर्डर के नजदीकी इलाकों और संवेदनशील ठिकानों की रक्षा के लिए गेमचेंजर साबित हो रहा है।
4. अर्जुन Mk1A मुख्य युद्धक टैंक
भारतीय सेना के लिए स्वदेशी टैंक ‘अर्जुन Mk1A’ एक बड़ी उपलब्धि है। Combat Vehicles Research and Development Establishment (CVRDE) द्वारा डेवलप किए गए इस टैंक में नई जनरेशन के हथियार, एक्टिव प्रोटेक्शन सिस्टम और बेहतर सटीकता दी गई है। अर्जुन Mk1A को खासतौर पर भारतीय इलाकों के हिसाब से तैयार किया गया है, ताकि रेगिस्तान से लेकर मुश्किल पहाड़ी इलाकों तक, हर जगह दमदार प्रदर्शन किया जा सके।
5. प्रलय और अग्नि-प्राइम मिसाइलें
भारत की नई जनरेशन की लड़ाकू मिसाइलों में प्रलय और अग्नि-प्राइम प्रमुख हैं। प्रलय मिसाइल एक शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है, जो दुश्मन के ठिकानों को 150 से 500 किमी तक की दूरी पर सटीकता से तबाह कर सकती है। अग्नि-प्राइम (Agni-P) भारत की नई जेनरेशन की परमाणु सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसकी मारने की क्षमता 1,000 से 2,000 किमी के बीच है। इसमें नई तकनीकें और हल्के मटीरियल का इस्तेमाल किया गया है।
आत्मनिर्भरता की ओर भारत का तेज़ कदम
इन स्वदेशी हथियारों और प्रणालियों के डेवलपमेंट के पीछे सरकारी संस्थानों और निजी क्षेत्र के बीच मजबूत साझेदारी का बड़ा योगदान है। DRDO, HAL, Bharat Electronics Limited जैसी संस्थाएं और कई निजी कंपनियां मिलकर देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना रही हैं। यह न केवल भारत की सैन्य क्षमता को बढ़ा रहा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को रक्षा उत्पादों के एक विश्वसनीय निर्यातक के रूप में स्थापित कर रहा है।
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Faiza Parveen
फाईज़ा परवीन डिजिट हिंदी में एक कॉन्टेन्ट राइटर हैं। वह 2023 से डिजिट में काम कर रही हैं और इससे पहले वह 6 महीने डिजिट में फ्रीलांसर जर्नलिस्ट के तौर पर भी काम कर चुकी हैं। वह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक स्तर की पढ़ाई कर रही हैं, और उनके पसंदीदा तकनीकी विषयों में स्मार्टफोन, टेलिकॉम और मोबाइल ऐप शामिल हैं। उन्हें हमारे हिंदी पाठकों को वेब पर किसी डिवाइस या सेवा का उपयोग करने का तरीका सीखने में मदद करने के लिए लेख लिखने में आनंद आता है। सोशल मीडिया की दीवानी फाईज़ा को अक्सर अपने छोटे वीडियो की लत के कारण स्क्रॉलिंग करते हुए देखा जाता है। वह थ्रिलर फ्लिक्स देखना भी काफी पसंद करती हैं। View Full Profile