धरती को मिला दूसरा चांद! NASA ने कर दिया कन्फर्म, क्या बनेगा हमारे लिए कोई खतरा?

धरती को मिला दूसरा चांद! NASA ने कर दिया कन्फर्म, क्या बनेगा हमारे लिए कोई खतरा?

क्या आपने कभी सोचा है कि आसमान में दो-दो चांद दिखें? यह कोई साइंस फिक्शन फिल्म की स्क्रिप्ट नहीं है, और न ही इसके पीछे क्रिस्टोफर नोलन का हाथ है. लेकिन, ऐसा लगता है कि हमारी पृथ्वी को एक नया ‘दूसरा चांद’ (Second Moon) मिल गया है. NASA के एस्ट्रोनॉमर्स ने एक ऐसी खोज की है जिसने सबको हैरान कर दिया है.

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हमारे पुराने चांद को अब एक ‘साथी’ मिल गया है. तो क्या यह कोई टक्कर देने आया है, या बस कुछ दिनों का मेहमान है? आइए, जानते हैं इस रहस्यमयी ‘नए चांद’ के बारे में. खगोलविदों ने एक छोटे से नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट, 2025 PN7, की पहचान की है. इस ऑब्जेक्ट को अब पृथ्वी का ‘क्वासी-सैटेलाइट’ (quasi-satellite) या ‘अर्ध-उपग्रह’ का दर्जा दिया गया है. इसका सीधा सा मतलब है कि हमारी पृथ्वी के पास प्रभावी रूप से एक ‘दूसरा चांद’ है.

‘नया चांद’ 2025 PN7

यह कोई विशालकाय पिंड नहीं है. 2025 PN7 बहुत छोटा है. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इसका आकार लगभग 18 से 36 मीटर के बीच है (यानी एक छोटी बिल्डिंग जितना). इसे पहली बार इसी साल अगस्त में, हवाई के हलेकला ऑब्जर्वेटरी में Pan-STARRS सर्वे द्वारा देखा गया था.

लेकिन कहानी में एक और ट्विस्ट है. यह कोई नया मेहमान नहीं है. पुरानी आर्काइवल तस्वीरों को खंगालने पर लगता है कि यह शायद दशकों से, संभवतः 1960 के दशक से ही, पृथ्वी के साथ-साथ यात्रा कर रहा है. यानी, यह एक पुराना दोस्त है जिससे हमारी मुलाकात अब हुई है.

यह असली चांद से कैसे अलग है?

अब आप सोच रहे होंगे कि अगर यह 1960 से यहीं था, तो हमें दिखा क्यों नहीं? और यह हमारे असली चांद से कैसे अलग है? दरअसल, यह हमारे असली चांद की तरह सीधे-सीधे पृथ्वी की परिक्रमा नहीं करता है. इसके बजाय, यह पृथ्वी के ही रास्ते पर सूर्य की परिक्रमा करता है. वैज्ञानिक इसे “1:1 रेजोनेंस” कहते हैं. यह हमेशा हमारे आस-पास ही मंडराता रहता है और ऐसा लगता है मानो यह हमारा पीछा कर रहा हो.

कब तक रहेगा यह हमारा ‘साथी’?

NASA ने कन्फर्म किया है कि यह ऑब्जेक्ट पृथ्वी के पास एक रास्ते पर चल रहा है और वैज्ञानिकों की कैलकुलेशन के मुताबिक, 2025 PN7 लगभग 2083 तक ही हमारे साथ इस सह-परिक्रमा व्यवस्था में रहेगा. यानी, यह बस कुछ और दशकों का ही मेहमान है. उसके बाद, सूर्य, पृथ्वी और शायद अन्य पिंडों के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से, यह अपने मौजूदा रास्ते से भटक कर दूर चला जाएगा.

क्या इससे पृथ्वी को कोई खतरा है?

अब सबसे बड़ा सवाल क्या इससे हमें कोई खतरा है? क्या हमारे पुराने ‘OG मून’ (पुराने चांद) को कोई कॉम्पिटिशन मिल गया है? विज्ञान का कहना है कि आप बिल्कुल निश्चिंत रहें. 2025 PN7 से पृथ्वी को कोई खतरा नहीं है. यह बहुत छोटा है और इसकी ऑर्बिट (कक्षा) इस संदर्भ में स्थिर है. और जहां तक कॉम्पिटिशन की बात है, तो यह हमारे असली चांद का मुकाबला नहीं कर सकता. यह एक ‘सच्चा चांद’ नहीं है क्योंकि यह गुरुत्वाकर्षण से पृथ्वी से बंधा हुआ नहीं है.

क्या हम इसे देख सकते हैं?

तो क्या आप आज रात बाहर जाकर आसमान में दो चांद देख सकते हैं? इसका जवाब भी ‘नहीं’ है. यह ऑब्जेक्ट इतना छोटा और धुंधला है कि इसे नंगी आंखों से देखना नामुमकिन है. यहां तक कि आम एमेच्योर टेलीस्कोप से भी इसे देख पाना लगभग असंभव है. इसे सिर्फ बहुत पावरफुल वेधशालाएं ही देख सकती हैं.

तो अगर यह दिखता भी नहीं है और असली चांद भी नहीं है, तो इतनी चर्चा क्यों? क्योंकि यह वैज्ञानिक रूप से बहुत दिलचस्प है. यह हमें सौर मंडल में छोटे पिंडों के व्यवहार और ऑर्बिटल डायनामिक्स को स्टडी करने का एक मौका देता है. यह खोज हमें याद दिलाती है कि हमारा ब्रह्मांड अभी भी रहस्यों से भरा है.

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Sudhanshu Shubham

Sudhanshu Shubham

सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं. View Full Profile

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