जामताड़ा से भी आगे निकला बिहार का ये गांव, कन्नड़ एक्टर का WhatsApp हैक कर ठग लिए लाखों रुपये, ऐसे हुआ भांडाफोड़

जामताड़ा से भी आगे निकला बिहार का ये गांव, कन्नड़ एक्टर का WhatsApp हैक कर ठग लिए लाखों रुपये, ऐसे हुआ भांडाफोड़

साउथ इंडस्ट्री के दिग्गज अभिनेता उपेन्द्र और उनकी पत्नी प्रियंका उपेन्द्र को निशाना बनाने वाले साइबर अपराधी को आखिरकार पुलिस ने पकड़ लिया है. यह गिरफ्तारी एक संयुक्त ऑपरेशन में हुई, जिसमें बेंगलुरु सिटी पुलिस और सेंट्रल डिवीजन साइबर क्राइम यूनिट ने बिहार तक पहुंचकर आरोपी को ट्रैक किया.

Digit.in Survey
✅ Thank you for completing the survey!

आरोपी की पहचान विकास कुमार के रूप में हुई है, जो बिहार के गया जिले के दशरथपुर गांव का रहने वाला है. यह वही गांव है, जहां से देशभर में दर्जनों साइबर फ्रॉड गिरोह एक्टिव हैं.

कैसे हुआ पूरा फर्जीवाड़ा?

यह मामला 15 सितंबर को शुरू हुआ जब प्रियंका उपेन्द्र ने ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान एक लिंक पर क्लिक किया जो देखने में असली लग रहा था. लिंक पर क्लिक करते ही हैकर्स को उनके फोन और WhatsApp अकाउंट तक पहुंच मिल गई.

कुछ ही मिनटों में, प्रियंका के दोस्तों को “इमरजेंसी मनी रिक्वेस्ट” वाले मैसेज आने लगे. मैसेज में लिखा था “प्लीज 55,000 रुपये तुरंत भेज दो, बहुत जरूरी है.” कई लोगों ने बिना शक किए पैसे भेज दिए, जिनमें कपल का बेटा भी शामिल था. कुछ लोगों ने जब प्रियंका को कॉल किया, तो फोन “डिस्कनेक्ट” बताया गया. ऐसा इसलिए क्योंकि तब तक हैकर्स ने कॉल सेटिंग्स भी बदल दी थीं.

पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, 1.5 लाख से अधिक की राशि कुछ ही घंटों में हैकर्स के खातों में चली गई. जब तक प्रियंका ने अपने पति और मैनेजर को सूचित किया, तब तक दोनों के मोबाइल भी हैक हो चुके थे. इसके बाद दोनों ने सदाशिवनगर पुलिस स्टेशन में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई.

दशरथपुर में मिला साइबर क्राइम का ठिकाना

बेंगलुरु पुलिस ने जब डिजिटल ट्रेसिंग शुरू की, तो लोकेशन बिहार के दशरथपुर गांव तक पहुंची. यह पिछले कुछ वर्षों से भारत के उभरते साइबर फ्रॉड हॉटस्पॉट्स में गिना जाता है. जब पुलिस टीम वहां पहुंची, तो उन्होंने पाया कि गांव में 20 से 25 साल के करीब 150 युवक लगातार ऑनलाइन ठगी कर रहे हैं, जिनका टारगेट देशभर के हाई-प्रोफाइल लोग होते हैं. ये लोग खासतौर पर फिशिंग लिंक, OTP क्लोनिंग और WhatsApp Spoofing जैसी तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं.

पुलिस ने डिजिटल सर्विलांस, बैंक अकाउंट ट्रेसिंग और IP लोकेशन डेटा की मदद से विकास कुमार को पकड़ा. उसे अब बेंगलुरु लाया गया है, जहां उससे पूछताछ जारी है. प्राथमिक जांच में यह भी सामने आया है कि विकास कुमार एक संगठित गिरोह का हिस्सा है, जो Telegram, WhatsApp और फेक पेमेंट गेटवे के जरिए ठगी करता है. अधिकारियों के मुताबिक, पुलिस अब नेटवर्क के अन्य सदस्यों की पहचान में जुटी है और बिहार पुलिस से भी समन्वय किया जा रहा है.

भारत में WhatsApp क्लोनिंग के मामले बढ़े

यह घटना केवल एक केस नहीं है. पिछले कुछ महीनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां WhatsApp अकाउंट्स को क्लोन कर दोस्तों और परिवार से पैसे ऐंठे गए. साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स के अनुसार लोग किसी जानकार के नाम से आए मैसेज पर भरोसा कर लेते हैं, लेकिन अपराधी अब उसी भरोसे का फायदा उठाकर सीधे बैंक ट्रांसफर करा लेते हैं.

कैसे बचें WhatsApp क्लोनिंग से?

  • किसी भी लिंक पर क्लिक न करें, चाहे वह परिचित व्यक्ति से ही क्यों न आया हो.
  • दो-स्टेप वेरिफिकेशन ऑन रखें ताकि WhatsApp को रिमोट एक्सेस न मिले.
  • WhatsApp Web/Linked Devices को समय-समय पर जांचें.
  • अप्रत्याशित मनी रिक्वेस्ट आने पर व्यक्ति को कॉल कर पुष्टि करें.
  • किसी भी तरह की ठगी होने पर तुरंत cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें.

यह भी पढ़ें: दिल्ली के लड़के ने घर पर बनाया Air Purifier, मिनटों में 400 से 50 पर पहुंच गया AQI, खर्च 2000 रुपये से भी कम

Sudhanshu Shubham

Sudhanshu Shubham

सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं. View Full Profile

Digit.in
Logo
Digit.in
Logo