सोना फिर हुआ महंगा, चांदी की कीमत में भी अचानक जोरदार उछाल, चेक करें आज का गोल्ड रेट
Today Gold Rate: आज सोने के साथ चांदी में भी चमक देखने को मिल रही है. आज यानी 13 अक्टूबर 2025 का गोल्ड रेट आपको यहां पर बताने वाले हैं. आज 24 कैरेट गोल्ड की कीमत 1,23,790 रुपये प्रति 10 ग्राम चल रही है. जबकि 22 कैरेट गोल्ड के लिए आपको 1,13,474.2 रुपये खर्च करने होंगे. 18 कैरेट गोल्ड की कीमत आज प्रति 10 ग्राम 92,842.5 रुपये चल रही है.
Surveyयानी पिछले दिन की तुलना में इसमें उछाल देखने को मिला है. कल 18 कैरेट गोल्ड की कीमत 91,110 रुपये, 22 कैरेट गोल्ड की कीमत 1,11,356.7 रुपये और 24 कैरेट गोल्ड की कीमत 1,21,480 रुपये रही थी. आज इन कीमतों मे उछाल देखने को मिल रहा है. माना जा रहा है कि धनतेरस-दिवाली तक यह बढ़ोत्तरी लगातार देखने को मिलेगी.
आज गोल्ड रेट
| कैरेट | 1 ग्राम | 10 ग्राम | 100 ग्राम |
| 18 कैरेट | 9284.25 रुपये | 92,842.5 रुपये | 9,28,425 रुपये |
| 22 कैरेट | 11,347.42 रुपये | 11,3474.2 रुपये | 11,34742 रुपये |
| 24 कैरेट | 12,379 रुपये | 1,23,790 रुपये | 12,37,900 रुपये |
कल क्या था 10 ग्राम सोने का रेट
| आज (13 अक्टूबर 2025) | 12 अक्टूबर 2025 | |
| 22 कैरेट | 1,13,474.2 रुपये | 1,11,356.7 रुपये |
| 24 कैरेट | 1,23,790 रुपये | 1,21,480 रुपये |
सिल्वर रेट
आज चांदी के दाम की बात करें तो इसकी कीमत 1 किलोग्राम के लिए 1 लाख 85 हजार रुपये है. जबकि कल इसकी कीमत 1 लाख 80 हजार रुपये थी. यानी आज 5 हजार रुपये का उछाल चांदी की कीमत में देखने को मिला है.
Apps के माध्यम से जानें गोल्ड प्राइस
हम यहाँ आपको कुछ ऐसे ऐप्स के बारे में जानकारी देने वाले हैं, जिन्हें अपने फोन में डाउनलोड और इंस्टॉल करके आप बड़ी ही आसानी से Gold Rate/ Sone ka Bhav/ Sone ka Daam जान सकते हैं। ये ऐप्स आपको डेली अपडेट्स में भी मदद करने वाले हैं।
Live Gold Price, इस ऐप के माध्यम से आप वर्तमान गोल्ड और सिल्वर/चांदी रेट्स को ट्रैक कर सकते हैं। यहाँ आपको गोल्ड से जुड़ी सभी जानकारी आसानी से मिलने वाली है। इसके अलावा आप Gold Price India पर आपको ताज़ा गोल्ड और सिल्वर रेट्स की जानकारी मिल जाने वाली है। BullionVault, एक ऐसा ऐप है जो आपको न केवल गोल्ड और सिल्वर/चांदी रेट्स दिखाता है बल्कि आपको गोल्ड और सिल्वर, चांदी खरीदने और बेचने की सुविधा भी प्रदान करता है। Kitco, यह ऐप वैश्विक गोल्ड और सिल्वर/चांदी रेट्स के साथ-साथ अन्य कीमती मेटल्स कए प्राइस भी आपको बताने में सक्षम है।
Gold Tracker, इस ऐप का उपयोग करके आप सोने चांदी, गोल्ड सिल्वर रेट्स को आसानी से ट्रैक कर सकते हैं, इतना ही नहीं, आप इस एप की मदद से पिछले रिकार्ड भी देख सकते हैं। Gold Price Live, यह ऐप आपको रियल-टाइम गोल्ड/चांदी रेट्स, रियल टाइम गोल्ड/चांदी का भाव, रियल टाइम गोल्ड/चांदी का दाम दिखाता है और पिछली दरों की तुलना करने की सुविधा भी देता है। इसके अलावा एक अन्य एप और भी है जिसे हम सभी Jewelxy के तौर पर जानते हैं, यह ऐप खास तौर पर ज्वेलर्स/आभूषणों के लिए डिज़ाइन किया गया है और इसमें आपको आज के गोल्ड रेट्स और सिल्वर रेट्स के साथ-साथ अन्य संबंधित जानकारी भी मिलती है।
भारत में सोने की कीमत को प्रभावित करने वाले कारक
भारत में सोने की कीमत को प्रभावित करने के पिछे कई कारक हैं। यह छोटे घरेलू कारकों या मुद्दों से लेकर महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय घटनाओं तक हो सकते हैं। आइए कुछ कारकों पर नजर डालते हैं जो गोल्ड रेट/ सोने के भाव/ सोने के दाम को प्रभावित कर सकते हैं, या करते हैं:
यूएस फेडरल रिजर्व: चूंकि सोने का व्यापार डॉलर में होता है, मुद्रा के वास्तविक मूल्य में किसी भी परिवर्तन से सोने की कीमत प्रभावित होगी। उदाहरण के लिए, यदि फेडरल रिजर्व अपनी ब्याज दर को थोड़ा भी बढ़ाने का निर्णय लेता है, तो सोने की कीमतों में अपने आप ही नाटकीय वृद्धि होती है। मूल रूप से, अमेरिकी डॉलर में किसी भी सुधार या गिरावट का वैश्विक लेवल पर सोने की कीमत पर प्रभाव पड़ेगा।
इसके लव अन्य महत्वपूर्ण देशों के केंद्रीय बैंक अभी भी आज सोने की कीमत को प्रभावित करते हैं, कुछ बैंकों द्वारा quantitative easing को चुनने के कारण महत्वपूर्ण प्रभाव की संभावना कम हो रही है।
वॉर जैसी घटनाएँ: लाखों निवेशकों (इनवेस्टरों) ने सोने को एक सुरक्षित ठिकाना बताया है, और इसके अच्छे कारण भी हैं—लोग अक्सर इस धातु में निवेश (इनवेस्टमेंट) करते हैं जब बाजार विशेष रूप से अप्रत्याशित हो जाता है। अमेरिका का सीरिया पर हमला, या फिर रूस का यूक्रेन पर हमला या इसके अलावा इस्राइल का ग़ज़ा पट्टी में हमला और ऐसे ही कई मुद्दे बाजार में उतार-चढ़ाव के प्रमुख कारण हैं।
जब ऐसी घटनाएं होती हैं, तो सोने की मांग बढ़ जाती है क्योंकि बाजार अस्थिरता पर चला जाता है। 2008 के वित्तीय संकट के दौरान लेहमन ब्रदर्स के पतन का एक और उदाहरण है, जिसने वैश्विक अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया। अन्य वस्तुओं की तुलना में, 2008 के वित्तीय संकट के दौरान सोने की कीमत पहले बढ़ी थी।
स्थानीय कारक: दिल्ली और आसपास के शहरों में सोने की कीमतें कहीं न कहीं परिवहन जैसे कारक से बड़े पैमाने पर प्रभावित होती हैं, क्योंकि इसके बाद ही सोने के दाम (Sone ke Daam/ Sone ke Bhav) निर्धारित किए जाते हैं।
भारत में सोने के महत्व और निवेश (इनवेस्टमेंट) के तरीके
सोना, जो सबसे कीमती और महंगे धातुओं (मेटल्स) में से एक है, भारत में अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है और वर्तमान समय में यह प्रमुख निवेश (इनवेस्टमेंट) विकल्पों में से एक है। केवल ज्वेलरी/सोने के आभूषण के रूप में ही नहीं, बल्कि सोने का मूल्य कला और सिक्कों के रूप में भी होता है। सोने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के बावजूद, भारत में लोग नियमित रूप से सोने में निवेश (इनवेस्टमेंट) करना जारी रखते हैं।
भारत में सोने की कीमतें कई कारकों के कारण बदलती रहती हैं, जिनमें वैश्विक बाजार की स्थिति और अमेरिकी डॉलर की ताकत शामिल हैं, जिससे शहर-शहर में मांग और आपूर्ति के आधार पर विभिन्न प्रभाव पड़ते हैं। यदि आप भी सोने में निवेश (इनवेस्टमेंट) करने की योजना बना रहे हैं, तो निम्नलिखित डिटेल्स को एक बार आपको जरूर देख लेना चाहिए।
भारत में सोने की दरों को जानने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातें
यहाँ हम आपको सोने से जुड़ी कुछ खास बातें बताने वाले हैं, यहाँ आप सोना खरीदने से पहले या सोने के आभूषण खरीदने से पहले किन बातों का ध्यान रख सकते हैं, उन सभी का जिक्र किया गया है। आइए इनपर भी एक नजर डालते हैं।
22 कैरेट और 24 कैरेट सोने में अंतर
यहाँ हम आपको 22 कैरेट सोने और 24 कैरेट सोने के बीच के अंतर को बताने वाले हैं, आप यहाँ जान पाएंगे कि आखिर इन दोनों के बीच में क्या अंतर होता है।
24 कैरेट सोना:
प्योरिटी: 24 कैरेट सोना 99.9% शुद्ध होता है। इसमें कोई अन्य धातु नहीं मिलाई जाती, यानी यह पूरी तरह से सोने का बना होता है।
उपयोग: इसकी प्योरिटी के कारण यह बहुत नरम होता है, इसलिए ज्वेलरी/सोने के आभूषण बनाने के लिए यह उपयुक्त नहीं होता। इसका उपयोग मुख्य रूप से निवेश (इनवेस्टमेंट) के लिए सोने के बिस्कुट, बार, और सिक्कों के रूप में किया जाता है।
22 कैरेट सोना:
प्योरिटी: 22 कैरेट सोना 91.67% शुद्ध होता है। इसमें 8.33% अन्य धातुओं (मेटल्स) (जैसे चांदी, तांबा) का मिश्रण होता है।
उपयोग: इस मिश्रण के कारण यह 24 कैरेट सोने की तुलना में अधिक मजबूत होता है और इसलिए ज्वेलरी/सोने के आभूषण बनाने के लिए अधिक उपयुक्त होता है।
यहाँ आपको बता देते है कि 24 कैरेट सोना अधिक चमकदार और पीला होता है, क्योंकि इसमें केवल शुद्ध सोना होता है। हालांकि इसके उलट 22 कैरेट सोना थोड़ा कम चमकदार होता है, क्योंकि इसमें मिश्रित धातुएं होती हैं। इन दोनों के ही प्राइस की बात करें तो आप ऊपर देख ही चुके हैं कि दोनों के प्राइस में कितना अंतर होता है, हालांकि फिर भी जान लीजिए कि प्योरिटी के कारण, 24 कैरेट सोने का मूल्य 22 कैरेट सोने से अधिक होता है।
24 कैरेट सोने का कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है?
निवेश (इनवेस्टमेंट): मुख्य रूप से निवेश (इनवेस्टमेंट) के लिए उपयोग किया जाता है। इसे विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स और चिकित्सा उपकरणों में भी उपयोग किया जा सकता है। हालांकि इसके अलावा दूसरे यानि 22 कैरेट सोने को ज्वेलरी/सोने के आभूषण बनाने के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।
धार्मिक और सांस्कृतिक समारोहों में भी व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। आइए अब जानते है कि आखिर इन दोनों के अलावा 18 कैरेट सोने किस काम आता है, 18 कैरेट सोने का प्राइस क्या होता है और इसे कहाँ और कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है।
18 कैरेट सोने की डिटेल्स
18 कैरेट सोना भारतीय ज्वेलरी/सोने के आभूषण बाजार में एक लोकप्रिय ऑप्शन के तौर पर देखा जाता है, जो अपने संतुलित प्योरिटी और मजबूती के कारण बहुत पसंद किया जाता है। यह सोने और अन्य धातुओं (मेटल्स) का मिश्रण होता है, जिससे यह न केवल सुंदर बल्कि टिकाऊ भी होता है।
18 कैरेट सोने की विशेषताएं
प्योरिटी: 18 कैरेट सोना 75% शुद्ध सोने और 25% अन्य धातुओं (मेटल्स) (जैसे चांदी, तांबा, जिंक) का मिश्रण होता है।
इस मिश्रण के कारण यह 22 और 24 कैरेट सोने की तुलना में अधिक मजबूत होता है। 18 कैरेट सोना विभिन्न रंगों में उपलब्ध होता है, जिनमें पीला, सफेद और गुलाबी सोना शामिल हैं।
यह रंग मिश्रण में उपयोग की जाने वाली धातुओं (मेटल्स) पर निर्भर करता है। पीला सोना, इसमें चांदी और तांबे का मिश्रण होता है। सफेद सोना: इसमें चांदी, पैलेडियम या निकेल का मिश्रण होता है। इसके अलावा गुलाबी सोना: इसमें तांबे का अधिक प्रतिशत होता है।
18 कैरेट सोने के दाम/ 18 कैरेट सोने के भाव और 18 कैरेट सोने के प्राइस की बात करें तो 18 कैरेट सोना 22 और 24 कैरेट सोने की तुलना में कम महंगा होता है।
18 कैरेट सोने का उपयोग:
18 कैरेट सोना ज्वेलरी/सोने के आभूषण बनाने के लिए बहुत उपयुक्त होता है। इसकी मजबूती और विविधता इसे विभिन्न प्रकार के आभूषणों, जैसे अंगूठी, कंगन, हार और झुमके, के लिए आदर्श बनाती है। यह विशेष रूप से उन डिजाइनों के लिए पसंद किया जाता है जिन्हें अधिक बारीकी और विवरण की आवश्यकता होती है। आइए अब जानते है कि आखिर हॉलमार्क सोना और गैर हॉलमार्क सोने क्या होता है और दोनों के बीच अंतर क्या है।
हॉलमार्क और गैर-हॉलमार्क गोल्ड (हॉलमार्क और गैर-हॉलमार्क सोना भाव, दाम)
भारत में सोना खरीदते समय, हॉलमार्क और गैर-हॉलमार्क गोल्ड के बीच का अंतर समझना बेहद महत्वपूर्ण है। हॉलमार्क सोने की क्वालिटी और प्योरिटी की पुष्टि करता है, जबकि गैर-हॉलमार्क गोल्ड में यह प्रमाणिकता नहीं होती।
हॉलमार्क गोल्ड: हॉलमार्क गोल्ड वह सोना होता है जिसे ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) द्वारा प्रमाणित किया गया हो। हॉलमार्क का मतलब है कि सोने की प्योरिटी और क्वालिटी को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप रखा गया हो। हॉलमार्क सोने पर एक विशेष निशान होता है जो उसकी प्योरिटी की पुष्टि करता है। यह निशान BIS द्वारा प्रयोगशालाओं में सोने की टेस्टिंग के बाद ही लगाया जाता है।
हॉलमार्क सोना 22 कैरेट, 18 कैरेट, और 14 कैरेट के रूप में उपलब्ध होता है, जो सोने की प्योरिटी के विभिन्न लेवल्स को दर्शाता है। 22 कैरेट गोल्ड में 91.67% सोना होता है, 18 कैरेट में 75% सोना और 14 कैरेट में 58.33% सोना होता है।
गैर-हॉलमार्क गोल्ड: गैर-हॉलमार्क गोल्ड वह सोना होता है जो प्रमाणित नहीं होता और जिसकी प्योरिटी की पुष्टि किसी आधिकारिक संस्था द्वारा नहीं की जाती। गैर-हॉलमार्क गोल्ड की प्योरिटी को मापना मुश्किल होता है और इसके अंदर मिलावट की संभावना अधिक होती है। गैर-हॉलमार्क गोल्ड का बाजार मूल्य (Sone Ka Market Price) हॉलमार्क गोल्ड के मुकाबले कम होता है क्योंकि इसकी प्योरिटी सुनिश्चित नहीं होती।
सोने में निवेश (इनवेस्टमेंट) करने से पहले ध्यान देने योग्य बातें
अगर आप सोने में इन्वेस्ट करने जा रहे हैं तो आपको कुछ बातों का खास ध्यान देना जरूरी है, अगर आप ऐसा करते हैं तो आप नुकसान से बच जाते हैं, हालांकि अगर इन बातों का ध्यान नहीं रखते हैं तो आप कहीं न कहीं नुकसान उठा सकते हैं। इसी कारण आपको इन बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
सोने के ज्वेलरी/सोने के आभूषण, कला और सिक्के:
सोने का मूल्य (Sone Ka Bhav, Sone Ka Daam) न केवल ज्वेलरी/सोने के आभूषण के रूप में बल्कि कला और सिक्कों के रूप में भी होता है। यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने निवेश (इनवेस्टमेंट) ऑप्शन्स को चेंज कर सकते हैं, केवल ज्वेलरी/सोने के आभूषण ही नहीं, बल्कि आप अन्य रूपों में भी सोने में निवेश (इनवेस्टमेंट) कर सकते हैं।
लगातार निवेश (इनवेस्टमेंट):
सोने की कीमतों में लगातार वृद्धि के बावजूद, भारत में लोग नियमित रूप से सोने में निवेश (इनवेस्टमेंट) करना जारी रखते हैं। यह दर्शाता है कि सोने में निवेश (इनवेस्टमेंट) एक लंबे समय के लिए फायदेमंद हो सकता है, भले ही कीमतें बढ़ती रहें।
स्थानीय बाजार की स्थितियाँ:
शहर-शहर में सोने की कीमतें बदलती रहती हैं, इसलिए स्थानीय बाजार की स्थितियों को ध्यान में रखें और सबसे अच्छी डील के लिए विभिन्न सोर्सेस से दरों की तुलना करें। इन महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखते हुए, आप भारत में सोने में निवेश (इनवेस्टमेंट) करने के अपने निर्णय को और भी बेहतर बना सकते हैं।
भारत/ दिल्ली में सोने में निवेश (इनवेस्टमेंट) के बेहतरीन तरीके
यहाँ हम आपको बताने वाले है कि आखिर कितने अलग अलग तरीकों से सोने में निवेश (इनवेस्टमेंट) कर सकते हैं, आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।
गोल्ड स्कीम्स
आमतौर पर, ज्वेलर्स अपने वफादार ग्राहकों के लिए नियमित रूप से कई गोल्ड प्रोग्राम्स पेश करते हैं। SIP की तरह, गोल्ड प्लान में निवेश (इनवेस्टमेंट)कों को समय-आधारित निवेश (इनवेस्टमेंट) करने की आवश्यकता होती है। जब निवेश (इनवेस्टमेंट) परिपक्व होता है, तो निवेशक (इनवेस्टमेंट) के पास एक राशि होती है, जिसे वे सोना खरीदने के लिए उपयोग कर सकते हैं।
फिजिकल गोल्ड में निवेश (इनवेस्टमेंट)
सोने के सिक्के, बिस्कुट, या बार जैसे फिजिकल गोल्ड ऑब्जेक्ट्स में पैसा लगाना निवेश (इनवेस्टमेंट) का एक पारंपरिक तरीका है। इस शुद्ध प्रकार की खरीद में नकली होने का जोखिम सबसे कम होता है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स
भारतीय सरकार ने 2015 में भारतीय रिजर्व बैंक की निगरानी में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम बनाई गई थी। इसे ठोस सोने में निवेश (इनवेस्टमेंट) का एक वैकल्पिक तरीका प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स आमतौर पर पांच साल की लॉक-इन अवधि के साथ आते हैं और बाद आप कैश में इसे निकाल सकते हैं।
गोल्ड म्यूचुअल फंड्स
गोल्ड म्यूचुअल फंड्स एक निवेश (इनवेस्टमेंट) उपकरण हैं जो निवेशकों (इनवेस्टमेंट) को सोने की कीमतों में निवेश (इनवेस्टमेंट) करने की सुविधा प्रदान करते हैं, बिना वास्तविक सोना खरीदने और स्टोर करने की आवश्यकता के। ये फंड्स म्यूचुअल फंड कंपनियों द्वारा संचालित होते हैं और सोने से संबंधित एसेट्स में निवेश (इनवेस्टमेंट) करते हैं, जैसे कि गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETFs)। गोल्ड म्यूचुअल फंड्स का निवेश (इनवेस्टमेंट) प्रमुख रूप से गोल्ड ETFs में होता है। इन फंड्स का उद्देश्य सोने की कीमतों को ट्रैक करना और निवेशकों (इनवेस्टमेंट) को सोने में निवेश (इनवेस्टमेंट) का लाभ प्रदान करना होता है।
सोने की दर पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न: दिल्ली में सोने की दर को कौन-कौन से अंतरराष्ट्रीय कारक प्रभावित करते हैं?
उत्तर: दिल्ली में सोने की कीमत को कई कारक प्रभावित करते हैं, जैसे कच्चे तेल की कीमतें, अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं का मूल्य आदि।
प्रश्न: दिल्ली में सोना खरीदने से पहले मुझे किन कारकों की जांच करनी चाहिए?
उत्तर: दिल्ली में सोना खरीदने से पहले ध्यान में रखने वाली कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं: सोने की प्योरिटी का लेवल, प्रति ग्राम सोने की कीमत, लेंडर के बाय-बैक टर्म्स, और मेटल का सर्टिफिकेशन आदि ।
प्रश्न: क्या दिल्ली में सोने की कीमत बदलती रहेगी?
उत्तर: दिल्ली में सोने की कीमत विभिन्न कारकों के कारण बदलती या फ्लक्चुएट करती रह सकती है, जो देश में सोने की कीमत को प्रभावित करते हैं।
प्रश्न: दिल्ली में हॉलमार्क सोना क्या है?
उत्तर: यदि आप जिस सोने को खरीदते हैं उस पर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) का हॉलमार्क होता है, तो इसका मतलब है कि सोना देश में BIS द्वारा निर्धारित स्टैन्डर्डस का पालन कर रहा है।
प्रश्न: दिल्ली में आमतौर पर सोने का वजन कैसे किया जाता है?
उत्तर: आमतौर पर, सोने का वजन ग्राम में किया जाता है। भारत में इसे ‘तोला’ में भी तौला जाता है, जो दस ग्राम सोने के बराबर होता है। इसके अलावा, देश के विभिन्न क्षेत्रों में सोने के दस ग्राम माप के लिए अलग-अलग शब्द हैं।
प्रश्न: दिल्ली में सोने में निवेश (इनवेस्टमेंट) करने के तरीके क्या हैं?
उत्तर: आप दिल्ली में सोने में तीन मुख्य तरीकों से निवेश (इनवेस्टमेंट) कर सकते हैं। वे हैं – फिज़िकल सोना (फिज़िकल गोल्ड), सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGBs), और गोल्ड ETFs। अपनी पसंद के अनुसार, आप ऊपर उल्लिखित किसी एक या सभी रूपों में सोने में निवेश (इनवेस्टमेंट) कर सकते हैं।
प्रश्न: दिल्ली में सोना खरीदने के लिए सबसे अच्छे स्थान कौन से हैं?
उत्तर: आप दिल्ली में किसी भी प्रसिद्ध ज्वेलर से फिज़िकल गोल्ड खरीद सकते हैं। हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि आप सोना खरीदते समय निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करें। हमेशा उस सोने की प्रमाणिकता और प्रमाणन की जांच करें, जिससे आपको किसी भी प्रकार का नुकसान न हो।
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Sudhanshu Shubham
सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं. View Full Profile