5G Trials In India: भारत में 5G टेस्टिंग को मंजूरी, चाइनीज़ कंपनियां नहीं है लिस्ट में

5G Trials In India: भारत में 5G टेस्टिंग को मंजूरी, चाइनीज़ कंपनियां नहीं है लिस्ट में
HIGHLIGHTS

भारत में कई टेलीकॉम कंपनियों को मिली 5G टेस्टिंग की मंजूरी

चीनी कंपनियों को 5G टेस्टिंग में शामिल नहीं किया गया है

इसका मतलब है कि इंडिया में जल्द ही 5G नेटवर्क आपके फोन में आने वाला है

डिपार्टमेंट ऑफ़ टेलीकम्यूनिकेशन की ओर से टेलीकॉम सेवा प्रदाता कंपनियों जैसे भर्ती एयरटेल, रिलायंस जियो इंफोकॉम, वोडाफोन आईडिया और MTNL आदि को देश में 5G टेस्टिंग की मंजूरी दे दी है। आपको बता देते है कि सभी टेलीकॉम कंपनियों की ओर से ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर और तकनीकी प्रोवाइडर्स से साझेदारी की है, जिसमें एरिक्सन, नोकिया सैमसंग और C-DOT आदि शामिल हैं, इनके माध्यम से ही टेलीकॉम कंपनियों के 5G इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जाने वाला है। इनके अलावा आपको बता देते है कि रिलायंस जियो इंफोकॉम की ओर से उसकी खुद की तकनीकी का इस्तेमाल करके 5G ट्रायल्स किया जाने वाला है, इस बात की जानकारी रिलायंस जियो की ओर से सामने आई एक आधिकारिक स्टेटमेंट में दी गई है। 

आपको बता देते है कि DoT की ओर से इन टेलीकॉम कंपनियों को यह मंजूरी प्रायोरिटी और तकनीकी पार्टनर्स को देखकर दी है। आपको बता देते है कि एक्सपेरिमेंटल स्पेक्ट्रम के तौर पर कई बैंड्स को मंजूरी दी गई है, जिसमें मिड-बैंड भी शामिल है, जो 3.2GHz से 3.67GHz है, इसके अलावा मिलीमीटर वेव बैंड जो 24.25GHz से 28.5GHz है, साथ ही सब-गीगा हर्ट्ज़ बैंड जो 700GHz पर काम करता है। इसके अलावा इन टेलीकॉम कंपनियों को इस बात की मंजूरी मिली है कि यह अपने खुद के स्पेक्ट्रम जिसमें 800MHz, 900MHz, 1800MHz और 2500MHz पर भी 5G ट्रायल्स कर सकते हैं। 

DoT के ओर से इंडिया में टेलीकॉम कंपनियों को 5G ट्रायल्स के लिए मंजूरी दे दी है। आपको बता देते है कि यह मंजूरी 6 महीने के लिए दी गई है। आपको बात देते है कि इस समय में 2 महीने का समय उपकरणों की खरीद और सेटिंग के लिए दिया गया है। आपको बता देते हैं कि जो मंजूरी मिली है, उसमे यह भी कहा गया है कि यह ट्रायल्स रूरल और सेमी अर्बन सेटिंग पर किया जा सकता है। 

यहाँ आपको यह भी बता देते है कि इस 5G ट्रायल को इसी नाम से न करके 5Gi तकनीकी के तौर पर टेस्ट किया जाने वाला है। इसके अलावा ITU यानी इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन्स यूनियन ने भी 5Gi तकनीकी को मान्यता दे दी है। यह खासतौर पर इंडिया के लिए ही आई है, क्यूंकि इंडिया में 5G टावर्स की रीच और रेडियो नेटवर्क्स की रीच काफी बड़ी है। आपको बता देते है कि 5Gi तकनीकी का निर्माण IIT Madras, सेण्टर ऑफ़ एक्सीलेंस इन वायरलेस टेक्नोलॉजी CEWiT और IIT हैदराबाद की ओर से किया गया है। 

संचार मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि 5G परीक्षणों के संचालन के उद्देश्यों में 5G स्पेक्ट्रम प्रसार विशेषताओं का परीक्षण करना शामिल है, विशेष रूप से भारतीय संदर्भ में, यहाँ चुना गया उपकरण और विक्रेताओं का मॉडल ट्यूनिंग और मूल्यांकन, स्वदेशी प्रौद्योगिकी का परीक्षण, अनुप्रयोगों का परीक्षण और 5जी फोन और उपकरणों का परीक्षण करना आदि शामिल है।

अगर हम डेटा रेट्स की बात करें तो 5G तकनीकी में इसके 4G के मुकाबले में 10 गुना ज्यादा बढ़ जाने के आसार हैं। इसके अलावा यह 3 गुना स्पेक्ट्रम एफिशिएंसी और अल्ट्रा-लो लेटेंसी को भी इनेबल करता है। अनुप्रयोग कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, यातायात प्रबंधन, स्मार्ट शहरों, स्मार्ट घरों और IoT (इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स) के कई अनुप्रयोगों जैसे क्षेत्रों की एक विस्तृत श्रृंखला में हैं।

DoT ने निर्दिष्ट किया है कि परीक्षण को आइसोलेटेड किया जाने वाला है और इसे TSPs के मौजूदा नेटवर्क के साथ नहीं जोड़ा जाएगा। परीक्षण गैर-वाणिज्यिक आधार पर होंगे और परीक्षण के दौरान उत्पन्न आंकड़े भारत में संग्रहीत किए जाएंगे। 

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