WhatsApp यूजर्स को टारगेट कर रहा था ये जासूसी सॉफ्टवेयर, अब देने पड़ेंगे इतने करोड़, देखें पूरा माजरा

WhatsApp यूजर्स को टारगेट कर रहा था ये जासूसी सॉफ्टवेयर, अब देने पड़ेंगे इतने करोड़, देखें पूरा माजरा

स्पाइवेयर बनाने वाली कंपनी NSO Group को व्हाट्सएप के खिलाफ 2019 में किए गए हैकिंग अभियान के लिए 167 मिलियन डॉलर से अधिक का हर्जाना देना होगा। असल में, मंगलवार को, पांच साल चले कानूनी संघर्ष के बाद, जूरी ने फैसला सुनाया कि NSO Group को 16 करोड़ 72 लाख 54 हजार डॉलर (लगभग ₹1,400 करोड़) की दंडात्मक क्षतिपूर्ति (punitive damages) और लगभग 4 लाख 44 हजार डॉलर (₹3.7 करोड़) की मुआवज़ा क्षतिपूर्ति (compensatory damages) का भुगतान करना होगा।

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व्हाट्सएप की हुई बड़ी कानूनी जीत

यह फैसला व्हाट्सएप के लिए एक बड़ी कानूनी जीत के तौर पर देखा जा रहा है। कंपनी ने अदालत में कहा था कि इस हमले की जांच, समाधान और सुरक्षा अपडेट देने में उसके कर्मचारियों को जो समय देना पड़ा, उसके आधार पर 4 लाख डॉलर से अधिक का मुआवजा मांगा गया था। साथ ही, व्हाट्सएप ने अज्ञात राशि के दंडात्मक हर्जाने की भी मांग की थी।

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व्हाट्सएप के प्रवक्ता Zade Alsawah ने एक बयान में कहा, “हमारा यह कोर्ट केस इतिहास में दर्ज हो गया है, क्योंकि यह पहली बार है जब किसी अवैध स्पाइवेयर के खिलाफ न्याय मिला है, जो हर किसी की सुरक्षा और निजता के लिए खतरा बन चुका था।”

NSO ग्रुप के प्रवक्ता गिल लेनर ने अपील की संभावना से इनकार नहीं किया है।

उन्होंने अपने बयान में कहा, “हम इस फैसले के सभी पहलुओं की सावधानीपूर्वक समीक्षा करेंगे और उचित कानूनी ऑप्शन जिसमें आगे की कार्यवाही और अपील आदि शामिल हो पर विचार करेंगे।”

क्या था पूरा मामला?

यह मुकदमा और पूरी सुनवाई कई खुलासों का कारण बनी, जैसे कि 2019 के स्पाइवेयर हमले के पीड़ितों की लोकेशन और NSO ग्रुप के कुछ ग्राहकों आदि के नाम।

इस मामले को देखा जाए तो इसमें अपील की संभावना अब भी बनी हुई है— हालांकि, इस समय यह मामला एक पांच साल पुराने कानूनी संघर्ष के अंत को दिखा रहा है। यह मामला तब शुरू हुआ था जब व्हाट्सएप ने NSO ग्रुप के खिलाफ मुकदमा दायर किया था।

व्हाट्सएप का आरोप

व्हाट्सएप ने आरोप लगाया था कि NSO ग्रुप ने उसके सर्वर तक अवैध रूप से पहुंच बनाई और एक ऑडियो कॉलिंग से जुड़ी सुरक्षा खामी का फायदा उठाकर लगभग 1,400 लोगों को निशाना बनाया— जिनमें सरकार विरोधी लोग, मानवाधिकार कार्यकर्ता और पत्रकार शामिल थे।

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Ashwani Kumar

Ashwani Kumar

Ashwani Kumar has been the heart of Digit Hindi for nearly nine years, now serving as Senior Editor and leading the Vernac team with passion. He’s known for making complex tech simple and relatable, helping millions discover gadgets, reviews, and news in their own language. Ashwani’s approachable writing and commitment have turned Digit Hindi into a trusted tech haven for regional readers across India, bridging the gap between technology and everyday life. View Full Profile

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