5 चीजें जो एंड्रॉयड फोन लेने से पहले आपको जाननी चाहिए

5 चीजें जो एंड्रॉयड फोन लेने से पहले आपको जाननी चाहिए
HIGHLIGHTS

अपने पुराने फोन के बदले एंड्रॉयड फोन लेने से पहले आपको कुछ बातें अवश्य जाननी चाहिए। हमने इन्हें 5 की लिस्ट में बांट दिया है। क्या हैं वो 5 बातें हम यहां उनकी चर्चा कर रहे हैं।

पूरी दुनिया में एंड्रॉयड सबसे ज्यादा पॉपुलर मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है लेकिन यह इतना भी खास नहीं है जिसे आइओएस, विंडोज फोन या ब्लैकबेरी फोन के बदले लिया जा सके। हालांकि ओएस के साथ यह बहुत बेहतर हुआ है इसके बावजूद इसमें कुछ खामियां हैं जिनके विषय में आपको अवश्य जानना चाहिए।

अगर आप ऐसे किसी बदलाव की सोच रहे हैं तो आपको इन कुछ खास बातों के बारे में अवश्य जानना चाहुए।

1. स्टोरेज का मुद्दा

अधिकांश एंड्रॉयड फोन की इंटरनल स्टोरेज बहुत कम (4 से 16 जीबी) होती है पर माइक्रो एसडी कार्ड को सपोर्ट करता है। इतना ही नहीं इसका 30 से 40% इंटरनल स्टोरेज आप यूज नहीं कर सकते क्योंकि यह सिस्टम के प्रयोग में होता है। इसका अर्थ है यह कि अगर आपके पास 4 जीबी इंटरनल स्टोरेज का एंड्रॉयड फोन है तो आप मात्र 2.8 जीबी ही उपयोग कर सकते हैं। इसलिए इसमें बड़े एप्स या गेम्स इंस्टॉल करना एक सीम्मा तक ही संभव नहीं और बहुत सारे बड़े गेम्स या एप्स इसपर डाउनलोड नहीं किए जा सकती। एप्स खुद-ब-खुद ही इंटरनल स्टोरेज में इंस्टॉल हो जाते हैं और बड-आ स्पेस ले लेते हैं। यहां तक कि अगर आप इसे एसडी कार्ड में मूव भी करते हैं तो भी इसका बहुत थोड़ा डाटा ही ट्रांसफर कर पाएंगे और बाकी का स्पेस इंटरनल स्टोरेज से ही जाता है। उदाहरण के लिए अगर 1.2 जीबी का एसफाल्ट 8: एयरबॉर्न इंस्टॉल करते हैं, तो इसका मात्र 65 एमबी ही आप एसडी कार्ड में ट्रांसफर कर सकते हैं। यही कारण है कि 4 जीबी कें एंड्रॉयड फोन में आप एक साथ रीयल रेसिंग (1.8जीबी) एसफाल्ट 8 इंस्टॉल नहीं कर सकते।

हालांकि म्यूजिक, वीडियोज और फोटोज की बड़ी फाइल्स आप पूरी की पूरी एसडी कार्ड में ट्रांसफर कर सकते हैं। इसलिए अगर आप नया एंड्रॉयड फोन लेने जा रहे हैं तो अपनी पसंद के एप्स या गेम्स डाउनलोडिंग के लिए पूरी कैलकुलेशन के बाद ही उसी जरूरत अनुसार एंड्रॉयड भी चुनें।

2. म्यूजिक

एक वक्त था जब ऑडियो क्वालिटी अलग-अलग फोन के अनुसार अलग-अलग होती थीं। आज हम उस जगह हैं जहां ऑडियो क्वालिटी और म्यूजिक प्लेबैक जैसे फीचर्स बहुत ज्यादा स्टैंडर्ड क्वालिटी के हैं। अगर आप म्यूजिक लवर हैं और अपने फोन का इस्तेमाल अधिकांश समय म्यूजिक सुनने के लिए करते हैं तो आपको फोन खरीदने से पहले इसकी ऑडियो विशेषताओं के बारे में अवश्य रिसर्च करना चाहिए वरना बाद में पछताना भी पड़ सकता है। एंड्रॉयड फोन चुनते समय इसका ध्यान रखना और भी जरूरी हो जाता है क्योंकि अलग-अलग एंड्रॉयड के हार्डवेयर भी अलग-अलग हैं और इसके साथ ही इनकी क्षमताएं भी अलग-अलग हैं।

उदाहरण के लिए हुवावे ऑनर 6 स्मार्टफोन के रूप में एक बहुत बढिया फोन है लेकिन इसकी ऑडियो क्वालिटी और वॉल्यूम दोनों ही अच्छे, न ही डीएसपी या एक्विलाइजर एप की मदद से भी इन्हें बढ़ाया जा सकता है।

अगर आपके लिए भी आपके एंड्रॉयड फोन में ऑडियो क्वालिटी ज्यादा महत्त्व रखता है तो खरीदने से पहले शोरूम पर इसकी जांच कर या आपके आस-पास पहले से अगर वह फोन तो उससे पूछ या उसकी ऑडियो क्वालिटी देख और समझ लें। अगर यह भी न करना चाहें तो इंटरनेट से भी कम से कम दूसरे यूजर्स के फीडबैक जान लेना आपके लिए इस बारे में जान सकने में मददगार साबित होगा।

3. आजादी का अभिशाप

अक्सर एंड्रॉयड पसंद करने वाले इसमें ‘कई विकल्पों में एक चुनने की ‘आजादी’ देनवाला मानते हैं। अगर आप जानते हैं कि आपके फोन में आपको क्या-क्या चाहिए या इसके फीचर्स आपके लिए कितने काम के हैं तब तो चुनने की यह आजादी वास्तव में वरदान है लेकिन अगर आप नहीं जानते कि इसके फीचर्स आपके लिए किस तरह उपयोगी होंगे या आपकी जरूरत का फोन में किस प्रकार की खूबियां होनी चाहिए तो ऐसे में यही ‘चुनाव की आजादी’ आपके लिए अभिशाप भी बन जाती है। विंडो फोन की तरह ही एंड्रॉयड में भीए कई प्रकार के एप्स हैं जो कुछ एक्टिविटी को ज्यादा बेहतर देने और ज्यादा फंक्शन देने के दावे भी करता है। पर अगर बिना कुछ सोचे अगर आपने सभी एप्स डाउनलोड करने की कोशिश की तो यह आपका पूरा इंटरनल स्पेस ले लेगा। ऐसे में आपका फोन या तो हैंग होने लगता है या क्रैश हो जाता है।

प्ले स्टोर पर आपको बहुत सारे क्लीनर एप्स भी मिल जाएंगे। पर इनमें भी किसी को डाउनलोड करने से पहले उसके बारे में अच्छी तरह पढ़ लें। इसके अलावा आप फोन के क्लीनर एप का भी उपयोग कर सकते हैं। अगर आपकी सभी जरूरतें कर रहा हो तो इससे उपयोग में कोई परेशानी नहीं है।

4. आजादी के फायदे भी हैं

दूसरी तरफ इसमें कुछ ऐसे एप्स भी हैं जिससे आप अपने फोन को कहीं बेहतर तरीके से उपयोग कर सकते हैं। उदाहरण के लिए अगर आपका फोन म्यूजिक प्ले के लिए गूगल प्ले म्यूजिक या अन्य किसी प्रकार के अनजान डिफॉल्ट म्यूजिक एप्स के साथ आता है तो पॉवर एम्प, म्यूजिक मिक्स मैच या एन7 म्यूजिक प्लेयर के साथ इसमें बहुत कुछ खास कर सकते हैं।

पॉवर एम्प एक बहुत बेहतरीन म्यूजिक प्लेयर एप है जिससे आप अपने डिफॉल्ट प्लेयर के बदले इस्तेमाल कर सकते हैं।

अगर आपको आपके फोन का यूएआई जरूरत से ज्यादा उलझा हुआ लगता है या आपको यह पसंद नहीं है तो ‘थीम’ या ‘नोवा लाउंचर’ एप्स की मदद से आप इसका थीम और लुक भी बदल सकते हैं। आईएफटीटीटी (IFTTT) जैसे एप जो आपके फोन के कई साधारण एक्शन्स को बढ़ा देता है।थीम की मदद से आपको अपने फोन का थीम बदलने के लिए कई विकल्प मिलते हैं।

अगर आप रिसर्च करेंगे तो पता चलता है कि एंड्रॉयड के पोटेंशियल की कोई सीमा नहीं है।

5. भटकाव

अगर आपके पुराने नॉन-एंड्रॉयड फोन या पर्सनल कंप्यूटर से जीमेल या गूगल का कोई भी सर्विस अगर आप अपने नए फोन पर लाना चाहते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि यह भी आसानी से स्थानातरित किया जा सकता है। इसके लिए बस इतना करना होगा कि अपने गूगल एकाउंट की डीटेल आपको नए एंड्रॉयड फोन पर डालनी होगी। हालांकि आइफोन जैसे फोन से मैसेज या व्हाट्स एप जैसी हिस्ट्री या नोट्स ट्रांसफर करना थोड़ा पेचीदा होता है। उदाहरण के लिए अगर आप अपने पुराने आइफोन से नए एंड्रॉयड फोन पर मैसेज ट्रांसपर करना चाहते हैं तो आपको कुछ एप्स डाउनलोड करने की जरूरत पड़ती है। आइफोन का बैकअप लेना उतना मुश्किल नहीं है लेकिन फिर भी बेसिक यूजर्स को यह भी थोड़ा पेचीदा लग सकता है।

इसलिए अगर आप बहुत सारे ट्रांसफर करना चाहते हैं तो सबसे पहले इसकी एक लिस्ट बना लें कि आपको अपने पुराने फोन से नए एंड्रॉयड फोन में क्या-क्या ट्रांसफर करना है। इसके बाद इसे ट्रांसफर करने के सबसे आसान तरीके पर विचार करें।

अगर आप एंड्रॉयड के बदले दूसरे ओएस लेने का सोच रहे हैं और इससे जुड़ा कोई सवाल आपको पूछना हो तो नीचे हमारे कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं या ट्विटर (Twitter @postwar) पर भी अपने सवाल पोस्ट कर सकते हैं।

Nikhil Pradhan

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