क्या है पाकिस्तान में तबाही मचाने वाला Loitering Munition? जानें Operation Sindoor में इस्तेमाल होने वाले ड्रोन की विशेषताएं?

क्या है पाकिस्तान में तबाही मचाने वाला Loitering Munition?  जानें Operation Sindoor में इस्तेमाल होने वाले ड्रोन की विशेषताएं?

भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ करके कामयाबी पाई है, इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पहली बार “लोइटरिंग म्यूनिशन (Loitering Munition) (LMS)” का इस्तेमाल कर पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया, ऐसा ‘टाइम्स नाउ’ ने सूत्रों के हवाले से सामने आया है। इस ऑपरेशन में भारतीय थल सेना, वायु सेना और नौसेना — तीनों सेनाओं ने मिलकर एक coordinated कार्रवाई की, जिसका उद्देश्य पहलगाम में हुए वीभत्स आतंकी हमले का बदला लेना था।

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भारत ने सटीक हमलों (Precision Strikes) के लिए लोइटरिंग म्यूनिशन (Loitering Munition) (LMS) का इस्तेमाल किया ताकि केवल आतंकियों के लॉन्च पैड को चिन्हित कर उन्हें नष्ट किया जा सके। इन हमलों के लिए कोऑर्डिनेट्स भारतीय खुफिया एजेंसियों द्वारा उपलब्ध कराए गए, जिससे यह ऑपरेशन पूरी तरह भारतीय सीमा के भीतर से संचालित किया जा सका।

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क्या होता है लोइटरिंग म्यूनिशन (Loitering Munition) (LMS)?

लोइटरिंग म्यूनिशन (Loitering Munition) (LMS) जिसे सुसाइड ड्रोन, कामिकाज़े ड्रोन (Kamikaze Drones) या एक्सप्लोडिंग ड्रोन भी कहा जाता है, एक ऐसा प्रिसिशन-गाइडेड हथियार है जो टारगेट ज़ोन के ऊपर हवा में मंडराता है और फिर लक्ष्य की पहचान करके उस पर सीधा टकरा कर विस्फोट करता है। यह हथियार अपने आप भी काम करने में सक्षम है, इसके अलावा इसे मैनुअल तौर पर भी इस्तेमाल या संचालित किया जा सकता है।

इसका डिज़ाइन खासतौर पर ऐसे लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए किया गया है जो छिपे हुए हों या थोड़े समय के लिए ही दिखाई दें। पारंपरिक बमों के मुकाबले, ये सिस्टम अधिक लचीलापन और सटीकता प्रदान करते हैं — टारगेट बदलने या मिशन रद्द करने की सुविधा भी इनमें होती है। हालांकि अधिकतर लोइटरिंग म्यूनिशन (Loitering Munition) (LMS) हवाई होते हैं, अब इसी तकनीक को समुद्री (undersea) रूप में भी विकसित किया जा रहा है, जो स्वचालित मानवरहित पनडुब्बी ड्रोन के तौर पर कार्य करेंगे।

यह ऑपरेशन, पहलगाम में हुए “क्रूर आतंकी हमले” के जवाब में किया गया, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी।

Loitering Munition की मुख्य विशेषताएँ:

  • यह छोटा, हल्का और पोर्टेबल होता है।
  • इसे किसी भी ज़मीन या मोबाइल प्लेटफॉर्म से लॉन्च किया जा सकता है।
  • यह लक्ष्य की पहचान कर खुद से हमला करता है।
  • मिशन के दौरान इसे रोका या लक्ष्य बदला भी जा सकता है।
  • यह पारंपरिक मिसाइलों की तुलना में सस्ता और ज्यादा सटीक होता है।

Loitering Munition कैसे काम करता है?

  • इसे लॉन्च करने के बाद यह टारगेट एरिया में उड़ता है।
  • इसके कैमरे और सेंसर दुश्मन की गतिविधियों को स्कैन करते हैं।
  • एक बार लक्ष्य तय होते ही यह सीधा जाकर उस पर हमला करता है।
  • हमला करते समय यह खुद भी नष्ट हो जाता है।

भारत में Loitering Munition उपयोग

हाल ही में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पहली बार इस तकनीक का इस्तेमाल किया। इसमें पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकी ठिकानों को भारतीय सीमा से ही लक्ष्य बनाकर ध्वस्त किया गया। यह हमला पूरी तरह सटीक और सीमित था, जिसमें केवल आतंकी अड्डों को निशाना बनाया गया।

Loitering Munition दुनिया में कहां-कहां होता है इस्तेमाल?

  • अमेरिका (Switchblade drones)
  • इज़राइल (Harop, Hero drones)
  • रूस, चीन, यूक्रेन और अब भारत भी इसका सक्रिय रूप से उपयोग कर रहा है।

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Ashwani Kumar

Ashwani Kumar

Ashwani Kumar has been the heart of Digit Hindi for nearly nine years, now serving as Senior Editor and leading the Vernac team with passion. He’s known for making complex tech simple and relatable, helping millions discover gadgets, reviews, and news in their own language. Ashwani’s approachable writing and commitment have turned Digit Hindi into a trusted tech haven for regional readers across India, bridging the gap between technology and everyday life. View Full Profile

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