ऑनलाइन वेबसाइट्स के लिए घर से काम करने का ऑफर : कितना सच कितना धोखा?

ऑनलाइन वेबसाइट्स के लिए घर से काम करने का ऑफर : कितना सच कितना धोखा?
HIGHLIGHTS

कई लोकप्रिय वेबसाइट्स ऑनलाइन घर बैठे ऑनलाइन काम कर पैसा कमाने का ऑफर देती हैं? हमने इन ऑफर्स के पीछे की सच्चाई जानना तय किया और पता लगाने की कोशिश की कि घर बड़े थोड़े समय में आसानी से कुछ ऑनलाइन वर्क कर बड़ी कमाई करने के के कंपनियों के वादों में कितनी सच्चाई है? या यह पूरी तरह एक धोखा है?

लखनऊ की रहने वाली संजना घर से काम कर हर दिन 545 डॉलर कमाती है? अगर आप संजना को भाग्यशाली समझ रहे हैं तो हम इनसे भी ज्यादा भागयशाली कहे जा सकने वाले त्रिची के कमल से आपको मिलवाते हैं। घर बैठे ही हर दिन बस थोड़ा इंटरनेट सर्फ कर कमल भी कम से कम 1328 डॉलर (रु. 81, 000) प्रतिदिन कमाते हैं। है न कमाल? भारतीय रुपयों में संजना की यह कमाई रु. 33, 000 जबकि कमल की रु. 81, 000 होती है। यहां हम खास तौर तौर पर जोड़ते हैं कि यह कमाई महीने या साल की नहीं ‘प्रतिदिन’ की है; बिना किसी खास मेहनत के रु. 33, 000 और रु. 81, 000 की कमाई, प्रतिदिन! इस आंकड़े से एक साल में नॉर्मल वर्किंग डेज (250 दिन) को ध्यान में रखते हुए अगर इनकी वार्षिक कमाई जोड़ी जाए क्रंसंजना और कमल के लिए यह क्रमश: रु. 80 लाख और रु. 2 करोड़ होते हैं। शॉक में हैं! दिनरात ऑफिस में मेहनत कर बॉस की डांट खा-खाकर काम करते हुए भी सालाना आप मुश्किल से कुछ लाख कमा पाते हैं और ये घर बैठे लाखों की कमाई कर रहे हैं! तो कॉर्पोरेट वर्ल्ड में ऑफिस जाकर काम करने वालों को कंपनियां बेवकूफ बनाती है? या घर से काम कर कमाई करने में ही कहीं कोई धोखा छुपा है? आइए एक नजर डालें इसकी हकीकत पर:

इंटरनेट ब्राउज़िंग करते हुए कई वेबसाइट्स पर पांच अंकों की रकम के साथ हाथ में चेक पकड़े मुस्कुराते सक्सेसफुल भारतीय चेहरों को दिखाई देते हैं। इसके साथ ही वे आपको भी सक्सेसफुल बनने का ऑफर देते हैं। वे आपको बताते हैं कि उनकी तरह बनना कोई मुश्किल काम नहीं है, न इसके लिए किसी विशेष कुशलता की आवश्यकता है। बड़े ही सहज शब्दों में वे आपसे कहते हैं, "कोई भी ऐसा कर सकता है। यहां तक कि आप भी!"

किसी 16 साल को अपने खाली समय समय में अतिरिक्त पैसा कमाने या भविष्य के लिए सेविंग करने का यह बेहद आसान तरीका लग सकता है, किसी बेरोजगार या जॉब पाने की जद्दोजहद कर रहे फ्रेशर को  यह ऑफर बेहद आकर्षक लग सकता है, यहां तक कि हाउस वाइफ भी इस मौके को अपने लिए पैसा कमाने का सुनहरा अवसर समझ सकती है। पर क्या सचमुच यह इतना आसान है? तथ्यों की गहराई में जाएं तो इसके अंदर छुपा बड़ा धोखा नजर आता हैं।

भारतीय बाजर में में स्कैम्स और पोंजी स्कीम्स

आइए तथ्यों की गहराई में झांकते हैं। ऑनलाइन के ज्यादातर ऑफर्स धोखे ही होते हैं। किसी फ्रॉड एक्टर से हनुमान की कृपा प्राप्त करने के लिए उसके द्वारा खरीदे गए प्रोडक्ट के विषय में उसका अनुभव जानकर धनवान बनने के लिए आप भी उसे खरीद लेते हैं। जबकि कंपनियों की फ्रुड मार्केटिंग स्कीम्स होती हैं और अपना पैसा बर्बाद कर आप ठगा सा महसूस करते हैं।

वर्ष 2000 की शुरुआत में भी एक साधारण से एचटीएमएल वेबसाइट ‘सक्सीड इंडिया’ ने ‘ऑनलाइन पैसे बनाने के सीक्रेट्स बताने वाली ई-किताब’ के नाम पर प्रति-किताब 800 रु. तक लिया। इसमें साइट की मार्केटिंग (पोंजी योजनाएं) में काम करना भी ऑफर किया गया था। इसके लिए यूजर्स को ब्रांडेड उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए और लोगों को जोड़ना था। लोग मार्केटिंग के प्रचार में इस्तेमाल किये गए शब्दजाल से आश्वस्त थे – जैसे गूगल ऐडवर्ड्स और गूगल के द्वारा भुगतान की गई बड़ी राशि के चेक की स्कैन कॉपी देना आदि। साइट अभी भी सक्रिय है लेकिन लोग अब पहले से स्मार्ट हो गए हैं।

आज धोखेबाज न केवल अपने शिकार को लुभाने के लिए सरल पॉप-अप विज्ञापन या स्पैम ईमेल का उपयोग करते हैं बल्कि फोरम और ऑनलाइन क्लासिफाईड पर नौकरियां तक पोस्ट करते हैं। ऐसे मेल्स या विज्ञापन ‘ईमेल प्रोसेसर्स" जैसे कुछ असान काम करने की पेशकश करतें हैं जो वास्तव में एक पोंजी योजना होती है। इसके लिए आपको यहां एक स्टार्ट-अप किट के लिए  भुगतान करना होता है। इससे जुड़ने वाला हर सदस्य इस किट के लिए पैसे देता है।

इंटरनेट साक्षरता बढ़ने का एक बड़ा फायदा यह हुआ है कि ज्यादातर मेल या इंटरनेट यूजर्स इन लुभावने ऑफर्स का मतलब समझने लगे हैं और वे इनके झांसे में नहीं आते। ज्यादातर ऐसे मेल्स ट्रश या स्पैम में ही होते हैं। हालांकि अभी भी कुछ ऐसी बेवसाइट्स हैं जो अपने प्रस्ताव को इतनी अच्छी तरह पेश कर रहे हैं जो कहीं से पोंजी या फ्रौड नहीं लगते। पर जागरुक यूजर्स फिर भी इनके झांसे में नहीं आते।

जब सर्च शुरू किया

हमने घर से काम करने का ऑफर देने वाले सैकड़ों वर्गीकृत विज्ञापन, फोरम पोस्ट खोज निकाले। हमारा मानदंड सरल था- इसमें वे थे जो घर से काम करने वाले ढूंढ रहे हों, वे किसी तरह का पेमेंट न लेते हों, विश्वास में लेने लायक ऑफर्स हों, और जो गूगल सर्च में नजर आते हों।

हमने इसमें ऐसे पोंजी स्कीम्स के लिखने के खास तरीकों पर ध्यान दिया। ज्यादातर के गूगल सर्च में आने वाले होम पेज पर ‘वर्क फ्रॉम होम’ या ‘मेक मनी फ्रॉम होम’ था। आश्चर्यजनक रूप से ये सारे ही एंटी-वायरस प्रोटेक्टेड वेबसाइट्स थे और इनके व्यावसायिक होम पेज की तरह ही थे। इनमें कुछ बेवसाइट्स जो ‘वर्क फ्रॉम होम’ का ऑप्शन बेहद आकर्षक तरीके से पेश कर रहे थे , का जिक्र हम यहां कर रहे हैं: फास्टरुपी & नियोबक्स (FastRupee & Neobux) – नंबर 1 पोंजी वेबसाइट, क्युरियसर एंड क्युरियसर (Curiouser and Curiouser), भारतऑनलाइन-वर्क.कॉम (BharatOnline-Work.com) और मनी.कॉम (MoneyMail.com)।
सबक एक प्रसिद्ध जुमला आपने भी सुना हो शायद – ‘नई बोतल में पुरानी शराब जिसमें बोतल तो बड़ा सलोना होत है लेकिन उसके अंदर जहर ही होता है’। पोंजी का यह केस भी ऐसा ही है। पुराने पोंजी स्कीम्स को ही नया रूप और नाम देकर डिजिटल वर्ल्ड का फायदा उठाया रहा है। जॉब या परेशानियों में आप कमाई का अतिरिक्त जरिया तलाशने लगते हैं और अक्सर ऐसे में इन ठगों को फायदा मिलता है।

हालांकि यह एक तरह से सबको पता होता है कि यह फ्रॉड है बावजूद इसके भारत में आइटी और इंटरनेट कानून की खामियों के कारण ऐसे इन्हें सजा दिलाना या बंद करवाना एक प्रकार से असंभव बन जाता है। अकाउंट होल्डर का नाम जाहिर न करने के कानून से ये अकाउंट सुरक्षित रहते हैं और बिना किसी शिकायत के बैंक अपनी ओर से इनपर कार्रवाई नहीं कर सकता। इसलिए अंत में, इनके झांसे में आनेवाले उपभोक्ता हारकर इन्हें सजा दिलवाने का प्रयास छोड़ देते हैं।

Samir Alam
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