40 से ज्यादा ऐप चलेंगे चुनाव आयोग के इस एक सुपर एप में, वोटर आईडी से लेकर वोटर लिस्ट और अन्य की डिटेल्स मिलेगी चुटकियों में
भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने रविवार, 4 मई 2025 को यह घोषणा की कि वह मतदाताओं के साथ साथ चुनाव से जुड़े अधिकारियों, राजनीतिक दलों आदि के लिए के लिए एक नया, यूजर्स-फ़्रेंडली डिजिटल इंटरफेस विकसित कर रहा है।
Surveyयह नया प्लेटफॉर्म, ECINET, निर्वाचन आयोग के 40 से अधिक मौजूदा मोबाइल और वेब ऐप्लिकेशनों के इन्टीग्रेशन के साथ आने वाला है। इसका मतलब है कि आपको लगभग लगभग 40 से ज्यादा ऐप्स और सेवाओं का लाभ एक ही सुपर एप के माध्यम से मिलने वाला है। यह मौजूदा ऐप्स जैसे Voter Helpline ऐप, Voter Turnout ऐप, cVIGIL, Suvidha 2.0, ESMS, Saksham, और KYC ऐप को अपने में समाहित कर लेने वाला है। इन ऐप्स के अभी तक के टोटल डाउनलोड की बात करें तो यह 5.5 करोड़ है।
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किस कारण आ रहा नया एप?
निर्वाचन आयोग की यह नई पहल विपक्षी दलों द्वारा लगाए गए आरोपों की पृष्ठभूमि में सामने आई है, जिनमें मतदाता सूची में हेराफेरी, मतदाता फोटो पहचान पत्र (EPICs) का डुप्लिकेशन, और मतदाता के प्रेजेंट डेटा आदि में कुछ गड़बड़ियों की शिकायतें आदि शामिल हैं।
सुपर होगा नया एप?
ECINET में एक आकर्षक यूज़र इंटरफेस (UI) और सरल यूज़र एक्सपीरियंस (UX) के साथ आने वाला है, जो चुनाव संबंधी सभी गतिविधियों के लिए एकमात्र प्लेटफॉर्म के तौर पर आने वाले समय में देखा जाने वाला है। आयोग ने एक बयान में कहा कि यह कदम उन उपयोगकर्ताओं की परेशानी को कम करने के लिए उठाया गया है, जिन्हें अभी कई ऐप डाउनलोड करने, अलग-अलग लॉगिन याद रखने और नेविगेट करने में कठिनाई होती है।
हजारों लोगों के परामर्श पर निर्मित किया जा रहा
इस प्लेटफॉर्म पर पहले से ही काम चल रहा है और इसकी सुनिश्चित कार्यक्षमता, सरलता और साइबर सुरक्षा को लेकर इसकी टेस्टिंग भी की जा रहे है। यह मंच 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEOs), 767 जिला निर्वाचन अधिकारियों (DEOs), और 4,123 निर्वाचक नामावली पंजीकरण अधिकारियों (EROs) के साथ विस्तृत परामर्श के बाद विकसित किया जा रहा है।
आसान हो जाएगी डेटा तक पहुँच
यह डिजिटल इंटरफेस उपयोगकर्ताओं को डेस्कटॉप और स्मार्टफोन पर आवश्यक चुनावी डेटा तक आसान पहुंच प्रदान करेगा। डेटा की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए केवल अधिकृत चुनाव आयोग के अधिकारी ही इसमें डेटा दर्ज करेंगे। हालांकि, किसी भी विवाद की स्थिति में क़ानूनी प्रपत्रों में भरे गए मूल डेटा को प्राथमिकता दी जाएगी।
यह नई पहल लगभग 100 करोड़ मतदाताओं और चुनावी तंत्र से जुड़े 10.5 लाख बूथ स्तर के अधिकारी, लगभग 15 लाख राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बूथ एजेंट, 45 लाख मतदान अधिकारी, 15,597 सहायक EROs, 4,123 EROs, और 767 DEOs को लाभ पहुंचाने की उम्मीद है।
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Ashwani Kumar
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