यूजर्स की जासूसी कर रहा DeepSeek? डेटा प्राइवेसी और साइबर सिक्युरिटी रिस्क को देखते हुए सरकार उठा सकती है ये बड़ा कदम, देखें आपको फायदा या नुकसान

यूजर्स की जासूसी कर रहा DeepSeek? डेटा प्राइवेसी और साइबर सिक्युरिटी रिस्क को देखते हुए सरकार उठा सकती है ये बड़ा कदम, देखें आपको फायदा या नुकसान

सरकार की ओर से जल्दी ही एक बड़ा कदम उठाया जा सकता है। असल में, सरकार जल्द ही चाइनीज़ एआई चैटबॉट, DeepSeek इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के लिए पनप रहे संभावित खतरे को देखते हुए एक अड्वाइज़री जारी कर सकती है। माना जा रहा है कि सरकार को डर है कि यह चीनी AI Chatbot डेटा प्राइवेसी और साइबर सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे पैसा कर सकता है, क्योंकि यह यूजर्स के व्यवहार, डिवाइस डेटा, और यहां तक कि कीस्ट्रोक्स को भी ट्रैक कर सकता है। ऐसे में भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In), जो इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय अधीन काम करने वाली एक संस्था यह जांच कर रही है कि DeepSeek कैसे यूजर डेटा इकट्ठा करने के अलावा इसे प्रोसेस करता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह चीनी चैटबॉट यूजर्स के प्रॉम्प्ट्स पर नज़र रख सकता है, अन्य ऐप्स के साथ इंटरएक्शन को ट्रैक कर सकता है और डिवाइस से अन्य बहुत सी जानकारी भी चुरा सकता है, या आपकी जासूसी भी कर सकता है?

DeepSeek को लेकर सामने आ रही हैं ये चिंताएं

सरकारी अधिकारियों का मानना है कि DeepSeek विभिन्न तरीकों से डेटा को इकट्ठा करने के साथ साथ उसे प्रोसेस भी करता है, जिसमें उपयोगकर्ता के प्रॉम्प्ट्स, डिवाइस की सभी गतिविधि और यहां तक कि सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी शामिल है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह चैटबॉट यह भी ट्रैक कर सकता है कि यूजर्स ने कौन से एआई ऐप्स इंस्टॉल या अनइंस्टॉल किए हैं, जैसे कि ChatGPT या Google Gemini। यह देखकर तो आप भी चिंता में आ गए होंगे।

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एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि भारत को चीनी एआई टूल्स के साथ सावधान रहना चाहिए, क्योंकि अमेरिकी ऑप्शन्स के मुकाबले चीनी कंपनियों के लिए भारतीय नागरिकों का डेटा ज्यादा कामगार हो सकता है, इसे देश को नुकसान पहुंचाने के लिए इस्तेमाल में लिया जा सकता है। ऐसे में यूजर्स का इसे इस्तेमाल करते हुए ज्यादा दावधान रहना बेहद जरूरी है।

गलत सूचना फैला सकता है DeepSeek?

प्राइवेसी के खतरों के अलावा, अधिकारी DeepSeek की क्षमता को लेकर भी चिंतित हैं कि यह गलत सूचना फैला सकता है। अधिकारियों को डर है कि यह एआई चैटबॉट राजनीतिक नैरेटिव्स को प्रभावित करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है। ऐसे में, सरकार की ओर से आने वाली अड्वाइज़री यूजर्स को इसके खतरों से बोहि अवगत कराने का काम करने वाली है।

कुछ देश तो लगा चुके हैं बैन

भारत DeepSeek को लेकर चिंता में है, ऐसा नहीं है, दुनिया के कुछ अन्य देश भी इसे लेकर चिंता में हैं। आपको जानकारी के लिए बता देते है कि संयुक्त राज्य अमेरिका, इटली, और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने पहले ही सरकारी डिवाइसेस पर सुरक्षा जोखिमों के कारण इस एआई टूल पर बैन लगा दिया है। पिछले महीने, भारतीय वित्त मंत्रालय ने एक आंतरिक सलाह जारी की थी जिसमें कहा गया था कि एआई टूल्स, जैसे कि DeepSeek और ChatGPT, जरूरी और गोपनीय सरकारी डेटा से समझौता कर सकते हैं।

इस चेतावनी में यह भी कहा गया कि ऑफिस कंप्यूटरों पर ऐसे एप्लिकेशन का उपयोग एक गंभीर सुरक्षा खतरा पैदा कर सकता है, इसी कारण इन जगहों पर इन टूल्स का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

जहां भारतीय सरकार अपनी जांच जारी रखे हुए है, जल्द ही एक आधिकारिक अड्वाइज़री आ सकती है। जो DeepSeek से होने वाले खतरों के प्रति आपको जागरूक करने वाली है। हालांकि, आधिकारिक तौर पर ऐसा सामने नहीं आया है कि सरकार इस अड्वाइज़री को रिलीज करने वाला है लेकिन अगर ऐसा होता तो सरकारी दफ्तरों और व्यक्तिगत डिवाइसेस पर DeepSeek के उपयोग को बैन किया जा सकता है।

आपको फायदा या नुकसान?

असल में, अगर बाजार में कोई भी AI Tool अगर आता है तो इसे जाहिर है कि सभी को मदद मिलती है, यह आपके काम को आसान बना देता है लेकिन अगर यह आपके डेटा को चुराकर उसे किसी देश के फायदे के लिए दे रहा है, यह मददगार नहीं कहा जा सकता है। ऐसे में आपको सरकार की जांच और आने वाले फैसले से पहले ही इसे इस्तेमाल करना बंद कर देना चाहिए। ऐसा न हो कि आप इसे इस्तेमाल करते रहें और एक दिन ऐसा आए जब यह आपके डेटा का सेंध लगा चुका हो।

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Ashwani Kumar

Ashwani Kumar

अश्वनी कुमार डिजिट हिन्दी में पिछले 9 सालों से काम कर रहे हैं! वर्तमान में अश्वनी कुमार डिजिट हिन्दी के साथ सहायक-संपादक के तौर पर काम कर रहे हैं। View Full Profile

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