फ्लिप्कार्ट को किस लिए आपके कॉन्टेक्ट्स का एक्सेस चाहिए?

फ्लिप्कार्ट को किस लिए आपके कॉन्टेक्ट्स का एक्सेस चाहिए?
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फ्लिप्कार्ट का नया अपडेट आपसे कई ऐसी जानकारियाँ मांग रहा है जिसके माध्यम से आपको सुरक्षा और गोपनीयता खतरे में आ सकती है. वह आपके कॉन्टेक्ट्स का एक्सेस मांग रहा है, पर क्यों फ्लिप्कार्ट को इसकी जरूरत है?

यहाँ कुछ परेशान होने वाली बात जरुर है, फ्लिकार्ट के उसके एंड्राइड पर एप के नए अपडेट में यूजर्स से उनके कॉन्टेक्ट्स और SMS का एक्सेस मांगा गया है. हालाँकि हमने से बहुत से लोग इस बात को नज़रअंदाज कर देंगे, पर इसके लिए आपको कुछ करना जरुर होगा, और यही हमने फ्लिप्कार्ट से अपने ट्विटर के माध्यम से पूछा है. और फ्लिप्कार्ट का जवाब हमें कुछ प्रभावशाली नहीं लगा उसने घुमा फिराकर ही जवाब दे दिया.

 

 

 

 

ये समस्या क्या है?

ट्विटर पर आये फ्लिप्कार्ट के जवाब से यही पता चलता है कि वह आपकी इस जानकारी को इसलिए मांग रहा है क्योंकि इस ऐप को इस डाटा की जरुरत है. इसके बाद आपके मोबाइल नंबर पर एक सीधा OTP भेजा जाएगा. यह एक अच्छा जवाब कहा जा सकता है, जो गूगल प्ले पेज पर दिया गया है. कंपनी ने यह भी कहा है कि इस जानकारी को आपके कॉन्टेक्ट्स डिटेल्स से भरा जाएगा जहां भी इसकी जरुरत होगी. और यहाँ यहभी कहा गया है कि फ्लिप्कार्ट आपके कॉन्टेक्ट्स का एक्सेस नहीं मांग रहा है. अगर आप इस बात से चौंक गए हैं तो नीचे दिया गया स्क्रीनशॉट एक बार जरुर देख लें.

अब यह दो कारणों से परेशान करने वाला है. अगर फ्लिप्कार्ट को आपके कांटेक्ट डिटेल की जरुरत नहीं है तो वह उनके लिए एक्सेस क्यों मांग रहा है. इसे इसकी जरुरत भी नहीं होनी चाहिए. अगर आप पहले से ही फ्लिप्कार्ट के मेम्बर हैं और आपका अकाउंट वहां पर है तो तो कंपनी ने कंपनी आपको यह सब पहले ही उपलब्ध करा चुकी है, यहाँ इसका मतलब है कि उसे किस तरह की जानकारियाँ चाहिए. और साथ ही अगर प्री-फिल ही इसका एक मात्र कारण है तो सबसे अच्छा तरिका आपसे इस डाटा को मांगना है. और दूसरा कारण यह जिसके कारण हूँ परेशान है वह है, एंड्राइड का चल रहा परमिशन सिस्टम आपको यह आज़ादी नहीं देता कि आप किसी ऐप को किस प्रकार के जानकारी दें और किस प्रकार की नहीं. तो इसका मतलब यही है कि अगर आप इसे अपडेट करते हैं तो आपके कॉन्टेक्ट्स आसानी से फ्लिप्कार्ट के पास चले जायेंगे. इसके साथ ही आपके दोस्तों की और आपके परिवार की जानकारियान और गोपनीयता खतरे में आ सकती है.

क्या यह ऐप बिना इन जानकारियों के भी काम कर सकता है?

इसके साथ ही हमने यह भी जांच करके देखा कि यह ऐप बिना इस जानकारी के काम करता है या नहीं, हमने एक श्याओमी का फ़ोन लिया और जो कि बिल्ट परमिशन मेनेजर के साथ आता है और इसने फ्लिप्कार्ट के इस कॉन्टेक्ट्स डिटेल्स को मांगने पर उसे मना कर दिया. तो इस ऐप ने केवल काम ही नहीं किया, बल्कि जब हम आर्डर चेकआउट पेज पर गए तो सभी जानकारियान यहाँ पहले से ही भर गई या भरी हुई थी ऐसा भी कह सकते हैं. इसके आगे हमने फ्लिप्कार्ट द्वारा मांगी गई सभी जानकारियों को उसे देने के लिए मना कर दिया, तो इसने केवल काम ही नहीं किया बल्कि यह बिना किसी परेशानी के पुरे आर्डर पर काम करने लगा. यह कदम हमने आगे उठाया था, इसे और अच्छी तरह से जांचने के लिए पर इसका भी कोई फायदा नहीं हुआ.

क्या दूसरे भी ऐसा कर रहे हैं?

कहा जा सकता है हाँ भी और न भी. पेटीएम आपके कॉन्टेक्ट्स को मांगता है, पर इसने इसके लिए आपको अच्छे से समझाया हुआ है और किस कारन यह इन जानकारियों को मांगता है वह भी क्लियर है. और ऐसा इसलिए भी होता है और जब होता है जब आप किसी दूसरे का फ़ोन रिचार्ज करने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं. उससे पहले नहीं. यह इसलिए होता है क्योंकि आपके कॉन्टेक्ट्स से एक नंबर उठाकर उसे रिचार्ज करना होता है. इसके अलावा अन्य ई-कॉमर्स ऐप्स जैसे अमेज़न, स्नेपडील, जबोंग और मिनट्रा, जिनका बिज़नस भी लगभग फ्लिप्कार्ट जैसा ही है, पर यह आपके कॉन्टेक्ट्स का असेस कभी नहीं मांगते हैं.

तो यहाँ सवाल उठता है फ्लिप्कार्ट ही क्यों? अगर आप चाहते हैं कि आपकी जानकारी भरी जाए, यह आपके लिए हमेशा एक ऑप्शन होता है, और आपको बता दें कि फ्लिप्कार्ट और किसी भी ई-कॉमर्स ऐप को आपकी किसी जानकारी को मांगने का कोई हव नहीं है, जब तक आप उसे उन्हें देना चाहे, और अगर आप न देना चाहे तो यह भी आपकी मर्ज़ी है. जब तक आप उसे खुद नहीं देते वह उसे नहीं ले सकता पर फ्लिप्कार्ट ऐसा कर रहा है.

क्यों फ्लिप्कार्ट की क्लेरिफ़ीकेशन काफी नहीं है?

सबसे पहले हमने फ्लिप्कार्ट की कम्युनिकेशन टीम से एक आधिकारिक क्लेरिफ़ीकेशन के बारे में पूछा, इस मुद्दे को लेकर, पर अभी तक कोई जवाब नहीं आया है. इस लेख को हम अपडेट करेंगे अगर उनकी तरफ से कोई जवाब आता है तो.

इसके बाद हमने, जो हम पहले ही कह चुके हैं कि, “ट्विटर पर उनसे पूछा था तो उनका जवाब था के जानकारियों को भरने के लिए उन्हें इसकी जरुरत है. हम आपके अन्य कॉन्टेक्ट्स पर एक्सेस नहीं कर रहे हैं.” हमने उनसे फिर पूछा और एक संतुष्ट करने वाले जवाब का इंतज़ार किया, पर उन्होंने दोबारा जवाबा ही नहीं दिया. आप हमारी ट्विटर पर हुई बातचित को यहाँ पढ़ सकते हैं. फ्लिप्कार्ट ने हमें एक लिंक भेज दिया जो कि गूगल प्ले का एक लिंक था, और चालाकी से उन्होंने बिटली लिंक बनाकर उसे भेजा. यह फ्लिप्कार्ट का ऐप पेज था, जो कि कम काम कर रहा था और उसे उसने उफोल्ड करके रखा था, इस लिंक में भी हमें वाही जवाब मिला जो हम पहले सुन चुके थे.

“मोबाइल लॉग इन फ्लो में कॉन्टेक्ट्स के द्वारा ऑटो-फिल कांटेक्ट को भरने के लिए हम Me सेक्शन का इस्तेमाल कर रहे हैं, इसके बाद युसर टाइप में आपको मोबाइल नंबर को मैन्युअली भरने की जरुरत नहीं होगी. यह फ़ोन नंबर के माध्यम से आसानी लॉग इन का आसान तरिका होगा.”

हम एक ऐसे जवाब का इंतज़ार कर रहे हैं जिसके बाद हमें संतुष्टि हो जाए कि आपकी जानकारियों का गलत प्रयोग नहीं किया जाएगा. और इस डाटा को यूजर रजिस्ट्रेशन के समय भी तो देता है फिर इसकी जरुरत अब अलग से क्यों पड़ रही है.

फ्लिप्कार्ट ऐसा क्यों कर रहा है?

हालाँकि अगर आप इस खबर को हाल ही फोलो कर रहे हैं तो आपको यह सच नहीं लगेगा, आपको जानना होगा कि भविष्य में अपने बिज़नस मॉडल में फ्लिप्कार्ट एक ऐप में जाने की योजना बना रहा है. और कंपनी ने इसके लिए बीटा प्रणाली को भी आरम्भ कर दिया है. अपने मिनट्रा पोर्टल की तरह, जो अब रक ऐप के रूप में ही उपलब्ध है. ऐप ही एकमात्र ऐसा साधन है जिसके माध्यम से आप अपने यूजर्स से किसी भी प्रकार का डाटा मांग सकते हैं, इसमें किसी तरह कि कोई परेशानी नहीं आती है. यही कारण हो सकता है जो फ्लिप्कार्ट इस तरह की जानकारी मांग रहा है.

Prasid Banerjee

Prasid Banerjee

Trying to explain technology to my parents. Failing miserably. View Full Profile

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