सरकार ने साइबर फ्रॉडियों पर चलाया चाबुक, ब्लॉक कर दिए 27 लाख मोबाइल फोन, देखें आपके नाम पर कोई दूसरा तो नहीं चला रहा सिम कार्ड

सरकार ने साइबर फ्रॉडियों पर चलाया चाबुक, ब्लॉक कर दिए 27 लाख मोबाइल फोन, देखें आपके नाम पर कोई दूसरा तो नहीं चला रहा सिम कार्ड

पिछले कुछ महीनों में, सरकार ने साइबर फ्रॉड, बैंक फ्रॉड, और ब्लैकमेलिंग जैसी गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए बड़े कदम उठाए हैं। हाल ही में भी कुछ ऐसा ही हुआ है, असल में, जानकारी मिल रही है कि DoT की ओर से देश भर में लगभग 27 लाख मोबाइल फोन ब्लॉक कर दिए गए हैं। ऐसा भी माना जा रहा है कि ये सभी मोबाइल फोन बहुत सी अवैध गतिविधियों से जुड़े थे। यह पहल पिछले 15 महीनों में लागू की गई, क्योंकि SMS, WhatsApp, और वॉयस कॉल्स के जरिए पैसे की धोखाधड़ी और साइबर फ्रॉड आदि में वृद्धि को महसूस किया गया। इसके बाद चक्षु पोर्टल (Chakshu Portal) पर दर्ज शिकायतों के के बाद इन नंबरों को बंद करने का बड़ा फैसला लिया गया है। आपको जानकारी के लिए बता देते है कि यह पोर्टल दूरसंचार विभाग द्वारा मार्च 2024 में शुरू किया गया एक ऑनलाइन शिकायत हल करने वाला बेहतरीन प्लेटफॉर्म है, जहां आप साइबर फ्रॉड से जुड़ी शिकायतें कर सकते हैं। जांच में पाया गया कि साइबर अपराधी इन मोबाइल डिवाइस का दुरुपयोग करते थे और बार-बार फ्रॉड से जुड़े सिम कार्ड बदलते रहते थे।

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मोबाइल फोन ब्लॉक किए गए

दूरसंचार विभाग के एक पोस्ट के अनुसार, इन नंबरों की पहचान और निष्क्रिय करने के बाद भी इन मोबाइल डिवाइसों का उपयोग अन्य नंबरों के साथ संदिग्ध गतिविधियों में हो रहा था। इसके चलते, दूरसंचार विभाग, गृह मंत्रालय, और अन्य संबंधित एजेंसियों ने मिलकर व्यापक जांच की, जिसके बाद इन डिवाइसों को स्थायी रूप से अब ब्लॉक कर दिया गया है। भविष्य में इनके उपयोग को रोकने के लिए सभी प्रभावित मोबाइल फोनों के इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी (IMEI) नंबर ब्लॉक कर दिए गए हैं।

पूर्वी उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा फ्रॉड मामले आए सामने?

डेटा विश्लेषण से पता चलता है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में फ्रॉड और ब्लैकमेलिंग की कोशिशों में सबसे ज्यादा मोबाइल डिवाइस शामिल थे, जहां 2,00,000 से अधिक मोबाइल ब्लॉक किए गए। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लगभग 1,44,000, बिहार और झारखंड में करीब 1,22,000, दिल्ली में लगभग 1,15,000, और मुंबई में करीब 31,000 मोबाइल फोन संदिग्ध गतिविधियों से जुड़े होने के कारण बंद किए गए हैं। कुल मिलाकर, देश भर में ब्लॉक किए गए कुल मोबाइल नंबरों की संख्या लगभग 26.95 लाख है।

चक्षु पोर्टल (Chakshu Portal) की रही अहम भूमिका

चक्षु पोर्टल (Chakshu Portal) की स्थापना साइबर क्राइम और फ्रॉड से संबंधित शिकायतों की बढ़ती संख्या के जवाब में की गई थी। यह नागरिकों को एक संरचित मंच प्रदान करता है, जहां वे फ्रॉड कॉल्स, SMS, या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स (जैसे WhatsApp) पर आने वाले संदिग्ध मैसेज से जुड़े मोबाइल नंबरों की शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

साइबर फ्रॉड से कैसे बचें?

साइबर फ्रॉड से बचने के लिए DoT की सलाह आप देख सकते हैं, समय समय पर इसकी ओर से ग्राहकों को फ्रॉड आदि को लेकर अवगत कराया जाता है।

  • सतर्क रहें: अनजान नंबरों से कॉल्स या मैसेज को संदिग्ध मानें और नजरअंदाज करें।
  • पर्सनल जानकारी किसी के साथ भी शेयर न करें: आधार, बैंक डिटेल्स, या OTP किसी के साथ शेयर न करें।
  • संदिग्ध लिंक्स पर क्लिक करने से बचें: लॉटरी, पुरस्कार, या गिफ्ट का लालच देने वाले मैसेज में लिंक्स पर क्लिक न करें।
  • शिकायत दर्ज करें: संदिग्ध कॉल्स या मैसेज की शिकायत चक्षु पोर्टल (Chakshu Portal) (www.sancharsaathi.gov.in) पर करें।
  • IMEI चेक करें: अगर आपका फोन नेटवर्क खो देता है, तो तुरंत अपने टेलीकॉम ऑपरेटर से संपर्क करें और IMEI स्टेटस चेक करें।

आपके नाम पर कोई और तो नहीं रहा सिम कार्ड?

आइए अब जानते है कि आखिर आपके नाम पर कोई अन्य और अनजान व्यक्ति तो सिम कार्ड नहीं चला रहा है।

  • चेक करने के लिए सबसे पहले टेलीकॉम एनालिटिक्स फॉर फ्रॉड मैनेजमेंट एंड कंज्यूमर (Telecom Analytics for Fraud Management) प्रोटेक्शन पोर्टल (Consumer Protection portal) https://tafcop.dgtelecom.gov.in/ की वेबसाइट पर जाएं।
  • अब अपना संपर्क नंबर (Contact Number/Mobile Number) दर्ज करें।
  • इसके बाद ‘रिक्वेस्ट ओटीपी’ टैब पर क्लिक करें।
  • अब मोबाइल नंबर में ओटीपी नंबर डालें।
  • फिर, आपके आधार नंबर से जुड़े सभी नंबर वेबसाइट पर देखे जा सकते हैं।
  • इन नंबरों से, उपयोगकर्ता उन नंबरों की रिपोर्ट और ब्लॉक कर सकते हैं जिनका अब उपयोग नहीं किया गया है या जिनकी आवश्यकता नहीं है।

सरकार के मौजूदा दिशा-निर्देशों के तहत एक व्यक्ति अपने नाम पर अधिकतम नौ मोबाइल कनेक्शन दर्ज करा सकता है।

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Ashwani Kumar

Ashwani Kumar

Ashwani Kumar has been the heart of Digit Hindi for nearly nine years, now serving as Senior Editor and leading the Vernac team with passion. He’s known for making complex tech simple and relatable, helping millions discover gadgets, reviews, and news in their own language. Ashwani’s approachable writing and commitment have turned Digit Hindi into a trusted tech haven for regional readers across India, bridging the gap between technology and everyday life. View Full Profile

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