अब परेशान नहीं करेगी अमिताभ बच्चन की आवाज में साइबर चेतावनी, दिनभर में बस इतनी बार देगा सुनाई

अब परेशान नहीं करेगी अमिताभ बच्चन की आवाज में साइबर चेतावनी, दिनभर में बस इतनी बार देगा सुनाई

अगर आप भी हर कॉल पर अमिताभ बच्चन की गंभीर आवाज में साइबर सिक्योरिटी वाली ट्यून सुन-सुनकर थक चुके थे तो अब आपके लिए राहत की खबर है. सरकार ने इस कॉलर ट्यून को लेकर एक बड़ा अपडेट जारी किया है, जिसके तहत अब ये आवाज हर कॉल पर नहीं, बल्कि सिर्फ दिन में दो बार ही सुनाई देगी.

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क्या थी परेशानी?

बीते कुछ महीनों से हर बार जब भी कोई कॉल की जाती थी तो सबसे पहले एक चेतावनी बजती थी. इसमें साइबर स्कैम से बचने के लिए बारे में कहा जाता था. यह मैसेज दरअसल एक साइबर सुरक्षा ट्यून थी, जिसे केंद्र सरकार और टेलीकॉम कंपनियों ने मिलकर डिजिटल फ्रॉड से लोगों को सचेत करने के लिए शुरू किया था.

लेकिन धीरे-धीरे ये सावधानी का संदेश लोगों के लिए झुंझलाहट का कारण बन गया. हर आउटगोइंग कॉल पर एक जैसी आवाज और करीब 30 सेकंड तक का इंतजार लोगों को परेशान करने लगा. लोग इसको लेकर लगातार सोशल मीडिया पर शिकायतें करने लगे. ट्विटर पर “#CyberTuneOff” जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे और कई लोगों ने तो सूचना के अधिकार (RTI) के तहत इस ट्यून से जुड़ी जानकारी तक मांग डाली.

अब क्या बदला?

अब केंद्र सरकार ने आदेश दिया है कि यह साइबर कॉलर ट्यून हर कॉल पर न बजकर, सिर्फ दो बार ही सुनाई देगी. यह एक बार सुबह और एक बार शाम को सुनाई देगी. साथ ही, इमरजेंसी सेवाओं जैसे 112, 108, 100 या 102 पर कॉल करते समय यह ट्यून ऑटोमैटिकली स्किप हो जाएगी यानी नहीं बजेगी.

इस अपडेट की जानकारी गृह मंत्रालय के साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) के अधिकारिक ट्विटर/X हैंडल ‘Cyber Dost’ ने शेयर की है. उसने लिखा है कि “रुकिए. सोचिए. एक्शन लीजिए. वो साइबर कॉलर ट्यून जो बार-बार सुनाई देती है. आपकी सुरक्षा के लिए है, स्कैम से बचाती है. अब दिन में सिर्फ 2 बार बजेगी, इमरजेंसी कॉल्स में नहीं. Scam हुआ? Dial 1930”

क्यों लाया गया था यह फीचर?

डिजिटल पेमेंट और ऑनलाइन एक्टिविटी में बढ़ोत्तरी के साथ ही साइबर फ्रॉड के मामले भी तेजी से बढ़े हैं. अकेले भारत में रोजाना हजारों लोग OTP स्कैम, फिशिंग लिंक और फेक कॉल्स का शिकार हो रहे हैं. ऐसे में टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने यह चेतावनी जारी की थी ताकि लोग हर बार कॉल करने से पहले सचेत हो जाएं.

इस ट्यून में बताया जाता था कि “किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें, OTP किसी से साझा न करें और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना 1930 नंबर पर दें.”

कोरोना के वक्त भी हुआ था कुछ ऐसा

यह पहली बार नहीं है जब कॉलर ट्यून किसी राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए इस्तेमाल की गई हो. कोविड-19 के दौर में भी हर कॉल से पहले कोविड से जुड़ी जानकारी दी जाती थी, जिसमें कोरोना टेस्टिंग, वैक्सीनेशन और सावधानी बरतने की सलाह दी जाती थी. उस वक्त भी लोगों ने इसे लेकर विरोध जताया था, जिसके बाद ट्यून को हटाया गया था. अब वही दुहराव साइबर क्राइम ट्यून को लेकर देखने को मिला.

क्या है 1930 हेल्पलाइन?

अगर आप कभी किसी साइबर फ्रॉड जैसे गलत ट्रांजैक्शन, OTP शेयरिंग, फेक कॉल्स के शिकार हो जाते हैं तो तुरंत 1930 नंबर पर कॉल कर सकते हैं. यह हेल्पलाइन 24×7 उपलब्ध है और पुलिस व बैंकिंग सिस्टम से सीधे जुड़ी होती है ताकि आपके पैसे को रियल टाइम में रोका जा सके.

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Sudhanshu Shubham

Sudhanshu Shubham

सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं. View Full Profile

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