डॉक्टर से एक साल पहले ही ChatGPT ने बता दी थी ऐसी बात..लेकिन महिला ने नहीं किया भरोसा, सच्चाई सामने पर आई खिसकी जमीन!
AI का इस्तेमाल काफी तेजी से बढ़ रहा है. इससे कई बार ऐसे काम भी हो जाते हैं जिनकी उनकी हमें नहीं होती है. अब एक ऐसा ही मामला आया है. जहां पर AI ने कैंसर को समय रहते पकड़ लिया. घटना पेरिस की है जहां पर Marly Garnreiter की कहानी दिखाती है कि AI टूल्स जैसे ChatGPT अब हेल्थकेयर में चौंकाने वाली भूमिका निभा रहे हैं.
Surveyकई बार तो डॉक्टर्स से भी पहले बीमारी पकड़ लेते हैं. 27 साल की Marly को जनवरी 2024 में अपने पिता की कोलन कैंसर से मौत के बाद रात में पसीना और स्किन में जलन की शिकायत थी. उसने सोचा कि ये दुख और स्ट्रेस की वजह से है. शुरुआती मेडिकल चेकअप्स में सब नॉर्मल दिखा, कोई गंभीर बीमारी का संकेत नहीं मिला. लेकिन, ChatGPT ने कुछ चौंकाने वाली बात बताई.
ChatGPT ने दी थी कैंसर की चेतावनी
जवाब ढूंढने के लिए Marly ने अपने लक्षण ChatGPT को बताए. AI चैटबॉट ने सुझाव दिया कि ये ब्लड कैंसर के संकेत हो सकते हैं, लेकिन Marly ने इस पर ध्यान नहीं दिया. उसने People.com को बताया कि उसने AI को सीरियसली नहीं लिया और दोस्तों ने भी कहा कि मशीन की सलाह पर भरोसा न करें.
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फिर क्रिसमस 2024 के आसपास उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. उसे थकान और सीने में दर्द होने लगा. दूसरी बार डॉक्टर के पास जाने पर स्कैन में उसके बाएं फेफड़े में एक बड़ा मास दिखा. 10 फरवरी 2025 को बायोप्सी से Hodgkin lymphoma की पुष्टि हुई, जो एक रेयर ब्लड कैंसर है और व्हाइट ब्लड सेल्स को प्रभावित करता है.
कीमोथेरेपी और Marly की हिम्मत
Marly ने 1 मार्च 2025 से कीमोथेरेपी शुरू की, जिसमें चार से छह राउंड्स होंगे. डायग्नोसिस से वो गुस्से और निराशा में थी खासकर क्योंकि उसका परिवार पहले ही कैंसर की त्रासदी झेल चुका था. उसने कहा, “मुझे लगा सब अनफेयर है. मैं नहीं चाहती थी कि मेरा परिवार दोबारा ये सब झेले.” कीमो से पहले उसने फर्टिलिटी प्रिज़र्व करने के लिए एग रिट्रीवल कराया, जो उसे भविष्य के लिए उम्मीद देता है.
Marly ने जोर दिया कि अपने शरीर को सुनना जरूरी है. उसने People.com से कहा, “हमें अपने शरीर की बात माननी चाहिए. कई बार हम अपने अंदर की आवाज से कनेक्शन खो देते हैं.”
Hodgkin Lymphoma: कितना गंभीर?
Hodgkin lymphoma रेयर है. UK में हर साल करीब 2,100 केस आते हैं लेकिन अगर जल्दी पकड़ लिया जाए तो इलाज मुमकिन है. Cleveland Clinic के मुताबिक, इसका 5-वर्ष सर्वाइवल रेट 80% से ज़्यादा है. इसके लक्षणों में रात में पसीना, स्किन में खुजली, थकान, बुखार, और पेट में तकलीफ शामिल हैं, जो Marly को भी थे.
AI का रोल: गेम-चेंजर या रिस्क?
Marly के केस में ChatGPT ने डॉक्टर्स से लगभग एक साल पहले ब्लड कैंसर की आशंका जताई थी, जो हैरान करने वाला है. यह हेल्थकेयर में AI की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है. लेकिन Marly ने चेतावनी भी दी कि AI सिस्टम्स अभी इंसानी डॉक्टर्स जितने भरोसेमंद नहीं हैं. The US Sun के मुताबिक, उसने कहा, “AI में वो कंटेक्स्ट और न्यूआन्स की कमी हो सकती है, जो सटीक डायग्नोसिस के लिए जरूरी है.” फिर भी, उसकी स्टोरी AI के पोटेंशियल को हाइलाइट करती है, खासकर उन केसेज़ में जहां ट्रेडिशनल डायग्नोसिस में वक्त लगता है.
भारत में, जहां एडवांस्ड डायग्नोस्टिक्स तक पहुंच हर जगह आसान नहीं है, Marly की स्टोरी AI की संभावनाओं को उजागर करती है. ग्रामीण इलाकों में, जहां स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की कमी है, AI टूल्स शुरुआती लक्षणों को पकड़ने में मदद कर सकते हैं. लेकिन एक्सपर्ट्स साफ कहते हैं कि ChatGPT जैसे टूल्स को डॉक्टर्स की जगह नहीं लेना चाहिए बल्कि उनकी मदद करनी चाहिए. भारत में WhatsApp और Google जैसे प्लेटफॉर्म्स पर AI टूल्स का यूज़ बढ़ रहा है, लेकिन सही डायग्नोसिस के लिए हमेशा डॉक्टर की सलाह जरूरी है.
Sudhanshu Shubham
सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं. View Full Profile