क्या आपका फोन सुन रहा है आपकी पर्सनल बातें? अभी चेक करें फोन की ये सेटिंग और कर लें ये काम
क्या फोन सचमुच सुनता है तुम्हारी बातें? हां, लेकिन सिर्फ तब, जब तुम उसे इजाजत दो! आजकल के स्मार्टफोन्स (एंड्रॉयड और iOS) में माइक्रोफोन इस्तेमाल करने के लिए सख्त नियम हैं। मतलब, फोन तभी आपकी बातें सुन सकता है, जब तुमने किसी ऐप को माइक्रोफोन की परमिशन दी हो। लेकिन कुछ ऐप्स, जैसे गूगल या सिरी, “Ok Google” या “Hey Siri” जैसे ट्रिगर वर्ड्स के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। इससे लगता है कि फोन हर वक्त सुन रहा है।
Surveyगूगल और ऐपल दोनों कहते हैं कि वो विज्ञापनों/ऐडस के लिए तुम्हारी बातें नहीं सुनते। फिर भी, माइक्रोफोन का एक्सेस एक बड़ा प्राइवेसी मैटर है, जिसे आपको सावधानी से हैंडल करना चाहिए। मतलब, ये जानना जरूरी है कि कौन से ऐप्स तुम्हारे फोन के माइक्रोफोन को यूज कर रहे हैं, और कब!
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कैसे चेक करें कि कौन से ऐप्स माइक्रोफोन यूज कर रहे हैं?
एंड्रॉयड पर:
- स्टेप्स: सेटिंग्स में जाओ > प्राइवेसी > परमिशन मैनेजर > माइक्रोफोन।
क्या दिखेगा: यहां आपको लिस्ट मिलेगी कि कौन से ऐप्स को माइक्रोफोन का एक्सेस है—”हमेशा परमिशन”, “केवल यूज के दौरान”, या “परमिशन नहीं”।
टिप: अगर कोई फोटो-एडिटिंग ऐप माइक्रोफोन यूज कर रहा है, तो उसकी परमिशन तुरंत हटा दो।
iPhone पर:
- स्टेप्स: सेटिंग्स > प्राइवेसी एंड सिक्योरिटी > माइक्रोफोन।
क्या दिखेगा: यहां हर ऐप के सामने एक टॉगल होगा। चेक करो और जिन ऐप्स को माइक्रोफोन की जरूरत नहीं (जैसे इमेज एडिटर), उनकी परमिशन हटा दो।
टिप: इंस्टाग्राम जैसे ऐप्स को वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए माइक्रोफोन चाहिए, लेकिन बाकी ऐप्स पर नजर रखो।
कैसे पता करें कि कौन सा ऐप माइक्रोफोन यूज कर रहा है?
लेटेस्ट एंड्रॉयड और iOS में प्राइवेसी इंडिकेटर्स का फीचर है। जब कोई ऐप माइक्रोफोन या कैमरा यूज करता है, तो स्क्रीन के कोने में हरी या नारंगी डॉट दिखती है।
- एंड्रॉयड पर: क्विक सेटिंग्स पैनल खींचो, वहां दिखेगा कि कौन सा ऐप माइक्रोफोन या कैमरा यूज कर रहा है।
- iOS पर: कंट्रोल सेंटर खोलो, और डिटेल्स चेक करो कि कौन सा ऐप एक्टिव है।
अन्य टिप: अगर बिना वजह डॉट दिखे, तो तुरंत सेटिंग्स में जाकर चेक करो कि कौन सा ऐप इस तरह की गतिविधि में लिप्त है।
तो, ऐडस इतने पर्सनल क्यों लगते हैं?
गूगल और इंस्टाग्राम पर विज्ञापन ऐसे क्यों दिखते हैं, जैसे तुम्हारी बातें सुनकर बनाए गए हों? कंपनियां कहती हैं कि वो तुम्हारी बातें रिकॉर्ड नहीं करतीं, लेकिन फिर भी तुम्हारे दोस्त के साथ की गई बात का प्रोडक्ट विज्ञापन में दिख जाता है। इसका राज क्या है?
तुम्हारा फोन गूगल या ऐपल के इकोसिस्टम का हिस्सा है। तुम जो सर्च करते हो, जो ऐप्स यूज करते हो, लोकेशन, ब्राउजिंग हिस्ट्री, और यहां तक कि तुम्हारे दोस्तों का सर्कल, ये सब मिलकर तुम्हारा डिजिटल फुटप्रिंट बनाता है। ये डेटा इतना सटीक होता है कि कंपनियों को तुम्हारी बातें सुनने की जरूरत ही नहीं पड़ती। वो पहले से जान लेती हैं कि तुम्हें क्या चाहिए!
अंत में: अपने फोन पर रखो नजर
अगली बार जब इंस्टाग्राम पर कोई पर्सनल विज्ञापन दिखे, तो फोन को कोसने की बजाय अपनी डिजिटल आदतों पर गौर करो। फोन हर वक्त तुम्हारी बातें नहीं सुन रहा, क्योंकि उसे इसकी जरूरत ही नहीं। तुम्हारा सर्च, लोकेशन, और ऐप यूज ही इतना डेटा दे देता है कि विज्ञापन तुम्हारे दिमाग को पढ़ने जैसे लगते हैं। फिर भी, प्राइवेसी के लिए इन बातों का ध्यान रखो:
- माइक्रोफोन की परमिशन सिर्फ जरूरी ऐप्स को दो।
- हरी/नारंगी डॉट पर नजर रखो।
- सेटिंग्स में जाकर समय-समय पर ऐप्स की परमिशन चेक करो।
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Ashwani Kumar
Ashwani Kumar has been the heart of Digit Hindi for nearly nine years, now serving as Senior Editor and leading the Vernac team with passion. He’s known for making complex tech simple and relatable, helping millions discover gadgets, reviews, and news in their own language. Ashwani’s approachable writing and commitment have turned Digit Hindi into a trusted tech haven for regional readers across India, bridging the gap between technology and everyday life. View Full Profile