अमेरिका में बैन हो रहा WhatsApp? नए आदेश के बाद कंपनी दे रही सफाई, जानें कहां लग गया प्रतिबंध
WhatsApp का इस्तेमाल दुनियाभर में करोड़ों लोग करते हैं. लेकिन, हाल ही में ही ईरान ने इसके इस्तेमाल ना करने की हिदायत दी थी. अब अमेरिका में भी WhatsApp पर बैन लगाया जा रहा है. एक बड़ी और चौंकाने वाली कार्रवाई के तहत अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव (निचले सदन) ने WhatsApp को सभी सरकारी डिवाइस से बैन कर दिया है.
Surveyडेटा सुरक्षा और साइबर सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताओं का हवाला देते हुए यह फैसला सोमवार को एक आधिकारिक मेमो के जरिए सभी हाउस स्टाफ को भेजा गया. इस खबर की पुष्टि पहले Axios ने की थी, जिसे बाद में Reuters ने भी प्रमाणित किया. इस प्रतिबंध के पीछे वजह बताई गई है कि WhatsApp में यूजर्स डेटा की सुरक्षा को लेकर पारदर्शिता की कमी है, सेव किए गए डेटा का एन्क्रिप्शन नहीं है और इस ऐप से जुड़े संभावित साइबर जोखिम हैं.
क्या कहा गया है आधिकारिक मेमो में?
हाउस के चीफ एडमिनस्ट्रेटिव ऑफिसर (CAO) के अंतर्गत आने वाले ऑफिस ऑफ साइबर सिक्योरिटी ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि “यदि किसी भी सरकारी डिवाइस में WhatsApp इंस्टॉल है तो संबंधित कर्मचारी को संपर्क कर इसे तुरंत हटवाया जाएगा.”
यह आदेश न केवल मोबाइल डिवाइस बल्कि डेस्कटॉप और वेब ब्राउजर जैसे अन्य प्लेटफॉर्म पर भी लागू किया गया है. साथ ही कर्मचारियों को अनजान नंबरों से आने वाले मैसेज और फिशिंग हमलों के प्रति सतर्क रहने को कहा गया है.
किन ऐप्स को दी गई है अनुमति?
CAO ने WhatsApp की जगह सुरक्षित मैसेजिंग ऐप्स को इस्तेमाल करने की सिफारिश की है. इसमें Signal, Microsoft Teams, Wickr Apple iMessage और FaceTime शामिल हैं. इन सभी मैसेजिंग ऐप को अपेक्षाकृत अधिक सुरक्षित और पारदर्शी माना गया है, खासकर सरकारी और संवेदनशील कामकाज के लिए.
Meta ने दी सफाई
WhatsApp की पैरेंट कंपनी Meta Platforms ने इस कदम पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. Axios को दिए गए बयान में कंपनी के प्रवक्ता Andy Stone ने कहा कि “हम हाउस के चीफ एडमिनस्ट्रेटिव ऑफिसर द्वारा WhatsApp के वर्णन से पूरी तरह असहमत हैं.”
उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि WhatsApp के सभी मैसेज एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड होते हैं यानी न तो WhatsApp और न ही कोई तीसरा व्यक्ति उन मैसेज को पढ़ सकता है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि CAO द्वारा सुझाए गए कुछ विकल्पों में यह स्तर की सुरक्षा भी नहीं है.
अमेरिका में क्यों बढ़ रही है WhatsApp को लेकर चिंता?
इस साल जनवरी में WhatsApp के एक अधिकारी ने खुलासा किया था कि इजराइली स्पायवेयर कंपनी Paragon Solutions ने प्लेटफॉर्म पर कई यूज़र्स, खासकर पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया था. यह मामला WhatsApp की साइबर सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े करता है.
ईरान ने भी WhatsApp को लेकर जताई थी चिंता
कुछ ही दिन पहले, ईरान सरकार ने भी अपने नागरिकों को WhatsApp डिलीट करने की सलाह दी थी. राज्य मीडिया में प्रसारित एक रिपोर्ट में अनाम अधिकारियों के हवाले से कहा गया था कि ऐप कुछ संवेदनशील जानकारियों, जैसे कि यूजर की लोकेशन को इकट्ठा कर इजराइली मिलिट्री तक पहुंचा सकता है. हालांकि इस दावे का कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं दिया गया और Meta ने इन आरोपों का सख्ती से खंडन किया.
गौरतलब है कि अमेरिकी संसद के दो सदनों हाउस और सिनेट के बीच इस ऐप को लेकर मतभेद हैं. जहां हाउस ने WhatsApp पर बैन लगाया है, वहीं सिनेट में अभी तक ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. Meta को उम्मीद है कि भविष्य में दोनों सदन WhatsApp को लेकर एक समान नीति अपनाएंगे.
दुनिया भर में करोड़ों लोग WhatsApp का उपयोग करते हैं, और भारत जैसे देशों में यह मुख्य कम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म बन चुका है. लेकिन अब अमेरिका जैसे बड़े लोकतंत्र में इसकी प्राइवेसी पॉलिसी और डेटा सिक्योरिटी को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले महीनों में अन्य देश इस पर क्या रुख अपनाते हैं.
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Sudhanshu Shubham
सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं. View Full Profile