भारत 2018 में 2 चंद्र मिशन को लॉन्च करने के लिए है तैयार

भारत 2018 में 2 चंद्र मिशन को लॉन्च करने के लिए है तैयार
HIGHLIGHTS

ISRO ने लॉन्च की बनाई है योजना

ISRO ने 2018 की शुरुआत में 2 चंद्र मिशन के शुभारंभ की योजना बनाई है. जिसमें इसरो के चंद्रयान -2 मिशन के साथ-साथ मिशन टीम इंडस भी शामिल होगा.

TOI के मुताबिक,  2018 की शुरुआत में भारत ISRO द्वारा 2 चंद्र मिशन का निरीक्षण करेगा.  पहले मिशन में इसरो का ही चंद्रयान -2 शामिल है, गौरतलब है कि 2008 में चन्द्रयान -1 लॉन्च हुआ था. दूसरा मिशन टीम इंडस का है. इन दोनों अभियानों का शुभारंभ श्रीहरिकोटा में इसरो के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से होने की उम्मीद है।

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इसरो के चंद्रयान -2 मिशन को चंद्रमा की सतह की जांच और उसकी सतह को बेहतर से समझने के उद्देश्य से निर्धारित किया गया है. इसमें एक ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर शामिल है, जो कि भारत में ही इसरो द्वारा द्वारा बनाई गई हैं।

टीम इंडस का उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर 500 मीटर दूरी तक घूमने का है और ये हाई डेफिनेशन इमेज को वापस धरती पर भेजने में सक्षम होना चाहिए. अगर ये प्रोजेक्ट सफल हो जाता है तो टीम इंडस  $30 मिलियन Google Lunar XPRIZE भी जीत जाएगा.

चंद्रयान -2 को इसरो द्वारा बनाया जा रहा है. यह लॉन्च जिओसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च वाहन (GSLV एमके II) की मदद से किया जाएगा. यह चंद्रयान -1 के विपरीत है, जिसमें PSLV का इस्तेमाल किया गया था क्योंकि पूर्व मिशन में अंतरिक्ष यान का का वजन कम था। हालांकि,  टीम इंडस अपने 600 Kg  अंतरिक्ष यान उठाने के लिए PSLV की सेवा का उपयोग कर रहा है.

ISRO के चेयरमैन एएस किरण कुमार ने बताया कि दोनों मिशन वैज्ञानिक और तकनीकी रूप से पूरी तरह से अलग हैं. यहां तक ​​कि दोनों अंतरिक्ष यान में इस्तेमाल किए गए उपकरण भी अलग होंगे. इसलिए तुलना की कोई बात ही नहीं उठती.

इसरो के अनुसार, चंद्रयान -2 लैंडर चंद्रमा पर एक विशिष्ट जगह पर रोवर को तैनात करेगा. ऑर्बिटर, लेंडर और रोवर से चंद्रमा की सतह पर मौजूद खनिज और सतह के  मौलिक अध्ययन की उम्मीद है। चंद्रयान -2 को जीएसएलवी-एमके(GSLV-Mk II) द्वितीय द्वारा 170 x 18,500 किलोमीटर की धरती पार्किंग ऑर्बिट (ईपीओ) में संयुक्त स्टैक के रूप में लॉन्च करने की योजना है।

टीम इंडस के अनुसार, लॉन्च के 12 मिनट के बाद पीएसएलवीवी, पृथ्वी के चारों ओर 880 किमी से 70,000 किमी की कक्षा में अंतरिक्ष यान को इंजेक्ट करेगी। ट्रांस लूनर इंजेक्शन – TLI अंतरिक्ष यान को पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण से बचने में मदद करेगा और इसे हमारे निकटतम आकाशीय पड़ोसी की दिशा में सेट कर देगा। 

सोर्स

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