भारत एंट्री के करीब पहुंचा Starlink, केंद्रीय मंत्री ने बताया कहां अटका मामला, जानें कितनी रहेगी कीमत

भारत एंट्री के करीब पहुंचा Starlink, केंद्रीय मंत्री ने बताया कहां अटका मामला, जानें कितनी रहेगी कीमत

Elon Musk की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी Starlink की भारत में जल्द एंट्री हो सकती है. एक रिपोर्ट के अनुसार, Starlink को जल्द देश में ऑपरेट करने के लिए मंजूरी मिलने वाली है. Starlink के भारत में आने से लाखों लोगों का फायदा होगा. इसका फायदा उनलोगों को ज्यादा होगा जो दूर-दराज के क्षेत्र में रहते हैं और इंटरनेट की पहुंच उन तक नहीं है या काफी स्लो है.

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न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, केंद्रीय संचार राज्य मंत्री चंद्र शेखर पेम्मासानी ने भारत टेलीकॉम 2025 इवेंट के दौरान बताया कि यह प्रक्रिया जटिल है लेकिन अब अपने अंतिम चरण में है. सुरक्षा मानदंड इस फैसले का एक अहम हिस्सा हैं.

चंद्र शेखर पेम्मासानी ने कहा, “Starlink की मंजूरी एक जटिल मुद्दा है. हमें इसे कई पहलुओं से देखना पड़ता है, जिसमें सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है. चूंकि प्रक्रिया अंतिम चरण में है, हम जल्द ही इस पर अपडेट देंगे.” भारत सरकार ने हाल ही में सैटेलाइट कम्युनिकेशन (सैटकॉम) के लिए सख्त सुरक्षा दिशानिर्देश जारी किए हैं, खासकर भारत-पाकिस्तान तनाव और साइबर खतरों के मद्देनजर को देखते हुए ये दिशा-निर्देश दिए गए हैं.

डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन यानी DoT ने Starlink और अन्य सैटकॉम कंपनियों से डेटा स्टोरेज, शेयरहोल्डिंग स्ट्रक्चर और सीमावर्ती इलाकों में टर्मिनल्स की लोकेशन डिटेल्स जैसे मानदंडों का पालन करने को कहा है.

रिमोट इलाकों के लिए कनेक्टिविटी

मंत्री ने स्पष्ट किया कि Starlink का भारत में रोल पारंपरिक टेलीकॉम कंपनियों जैसे Airtel और Jio की तुलना में सीमित होगा. यह मुख्य रूप से उन ग्रामीण और रिमोट इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करेगा जहां फाइबर या सेल्युलर नेटवर्क्स नहीं पहुंच पाते हैं. Starlink का फोकस होम इंटरनेट कनेक्शन पर होगा न कि मोबाइल सर्विस पर.

उन्होंने कहा, “दुनियाभर में Starlink के 50 लाख से भी कम सब्सक्राइबर्स हैं. इसकी स्पीड पारंपरिक 4G/5G नेटवर्क्स से कम है. यह धारणा गलत है कि Starlink भारत में आकर टेलीकॉम मार्केट पर कब्जा कर लेगा.”

Starlink का सबसे ज्यादा फायदा मैरीटाइम ऑपरेशन्स, पहाड़ी क्षेत्रों और ग्रामीण इलाकों में होगा. उदाहरण के लिए, यह लद्दाख, नॉर्थईस्ट, और अंडमान जैसे क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी गैप्स को भर सकता है. BharatNet प्रोजेक्ट में देरी हुई है. यह 6.25 लाख गांवों को ब्रॉडबैंड से जोड़ने का लक्ष्य रखता है. Starlink जैसे सॉल्यूशन्स इन गांवों को तेजी से कनेक्ट कर सकते हैं.

Starlink का सैटेलाइट डिश और इक्विपमेंट लगाना पारंपरिक टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर से 10 गुना महंगा है. भारत में डिश की अनुमानित कीमत 40,000-50,000 रुपये हो सकती है. Starlink का मासिक प्लान Airtel और Jio के किफायती प्लान्स की तुलना में महंगा होगा. ग्लोबली, Starlink का बेसिक प्लान $50-$120 (4,000-10,000 रुपये) प्रति माह है.

Starlink की स्पीड 50-150 Mbps तक हो सकती है, जो 5G नेटवर्क्स (300-1000 Mbps) से कम है. लेटेंसी भी 20-40ms है, जो गेमिंग या रियल-टाइम ऐप्स के लिए कम आकर्षक है. Starlink की मंजूरी में देरी का मुख्य कारण सुरक्षा चिंताएं हैं. DoT ने सैटकॉम कंपनियों के लिए सख्त नियम बनाए हैं. इसमें सारा यूजर डेटा भारत में स्टोर करना, सीमावर्ती इलाकों में सैटेलाइट टर्मिनल्स की लोकेशन ट्रैकिंग, साइबर सिक्योरिटी जैसे नियम शामिल हैं.

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Sudhanshu Shubham

Sudhanshu Shubham

सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं. View Full Profile

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