सरकारी अलर्ट के बाद टेलीकॉम कंपनियां ने कसी कमर, लगातार कनेक्टिविटी के लिए इमरजेंसी प्रोटोकॉल शुरू: रिपोर्ट
भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार टेंशन बढ़ती ही जा रही है. इसको लेकर देश में मॉक ड्रिल समेत कई तरह की तैयारियां चल रही हैं. अब Airtel, Jio, Vi और BSNL जैसी भारतीय टेलीकॉम कंपनियां भी कमर कस कर तैयार हो गई हैं.
Surveyकेंद्र सरकार के नए निर्देशों के बाद देशभर की टेलीकॉम कंपनियां आपातकालीन प्रोटोकॉल लागू कर रही हैं. इससे इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर्स (EOCs), खासकर राज्य और जिला स्तर पर, बिना रुकावट कनेक्टिविटी सुनिश्चित हो सकेगा.
संचार मंत्रालय ने 7 मई 2025 को टेलीकॉम कंपनियों को भेजे पत्र में 2020 के स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर्स (SOP) लागू किए, जो आपदा परिदृश्यों में टेलीकॉम सेवाओं के लिए हैं. इसमें सभी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को संभावित आपात स्थितियों को देखते हुएनेटवर्क की मजबूती और समन्वय बढ़ाने का निर्देश दिया गया.
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने विशेष जोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा से 100 किमी के दायरे में मौजूद बेस ट्रांसीवर स्टेशन (BTS) टावर हर समय पूरी तरह चालू रहें. निजी टेलीकॉम कंपनियों के अधिकारियों ने पुष्टि करते हुए कहा कि आपदा-तैयारी का काम शुरू हो चुका है.
एक अधिकारी ने कहा, “मंत्रालय के निर्देश के बाद सभी सिस्टम तैयार हैं और SOP का पालन हो रहा है.” एक अन्य अधिकारी ने बताया, “टेलीकॉम कंपनियों के बीच तुरंत समन्वय हो रहा है, और हम खासकर सीमावर्ती जिलों में अधिकारियों के संपर्क में हैं.” दूरसंचार विभाग (DoT) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सभी टेलीकॉम कंपनियों को सतर्क और पूरी तरह तैयार रहने के लिए कहा गया है.
मंत्रालय के निर्देश और टेलीकॉम की तैयारी
7 मई 2025 के पत्र में, मंत्रालय की आपदा प्रबंधन शाखा ने निजी और सरकारी टेलीकॉम ऑपरेटर्स को देशभर में नेटवर्क निरंतरता बनाए रखने और निर्बाध समन्वय सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. मंत्रालय ने टेलीकॉम कंपनियों से महत्वपूर्ण टेलीकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर, खासकर सीमावर्ती जिलों में, की अपडेटेड लिस्ट तैयार करने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा.
DoT के लाइसेंस्ड सर्विस एरिया (LSA) प्रमुखों को राज्य सरकारों के साथ समन्वय करने का निर्देश दिया गया ताकि संकट के दौरान टेलीकॉम टीमों की लॉजिस्टिक आवाजाही आसान हो और महत्वपूर्ण टेलीकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा हो. मंत्रालय ने पत्र में कहा, “रक्षा मंत्रालय के अनुरोध पर, जरूरी संचार सुविधाओं को तुरंत या निर्दिष्ट दिनों में बिना किसी विफलता के उपलब्ध कराया जाए.”
टेलीकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर की मजबूती
मंत्रालय ने टेलीकॉम कंपनियों को जनरेटर (DG) सेट्स के लिए पर्याप्त डीजल रिजर्व रखने का निर्देश दिया ताकि टेलीकॉम उपकरणों को बिना रुकावट बिजली मिले. इसके अलावा, ऑपरेटर्स को मेंटेनेंस क्रू और क्रिटिकल हार्डवेयर सहित स्पेयर टीमों को रणनीतिक स्थानों पर तैनात करने को कहा गया ताकि जरूरत पड़ने पर सर्विस जल्दी बहाल हो.
संचार उपकरणों, मीडिया पाथ, और बैकअप सिस्टम्स का व्यापक टेस्टिंग भी अनिवार्य किया गया ताकि उनकी कार्यक्षमता सुनिश्चित हो. साथ ही, सभी टेलीकॉम कंपनियों को इंट्रा-सर्कल रोमिंग (ICR) सुविधा का टेस्ट करने और जरूरत पड़ने पर DDG (डिजास्टर मैनेजमेंट) के जरिए नीति के अनुसार एक्टिवेशन के लिए अनुरोध करने का निर्देश दिया गया.
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Sudhanshu Shubham
सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं. View Full Profile