आखिर क्या है USSD Code Scam! एक कोड और अकाउंट खाली, 2026 से पहले हैकर्स ने बनाया नया हथकंडा, बचने के उपाय देखें

आखिर क्या है USSD Code Scam! एक कोड और अकाउंट खाली, 2026 से पहले हैकर्स ने बनाया नया हथकंडा, बचने के उपाय देखें

डिजिटल ठगी के नए नए मामलों के बीच अब 2026 यानि नए साल से पह ही एक नया और बेहद खतरनाक ठगी का तरीका सामने आ रहा है। इसे USSD कॉल फॉरवर्डिंग स्कैम के तौर पर देखा जा रहा है। नेशनल साइबरक्राइम थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट ने इसे लेकर एक नई एडवाइजरी भी जारी कर दी है। इस चेतावनी के अनुसार, साइबर क्रिमिनल बिना इंटरनेट और बिना किसी लिंक के, सिर्फ मोबाइल के बेसिक फीचर का इस्तेमाल करके लोगों के बैंक अकाउंट और सोशल मीडिया अकाउंट तक अपनी पहुँच बना रहे हैं। यह अलर्ट इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) के तहत देशवासियों के लिए जारी कर दिया गया है।

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साइबर क्रिमिनल किन कमियों का उठा रहे फायदा

इस स्कैम में साइबर फ्रॉड करने वाले लोग आम जनता की उन तकनीकी जानकारी की कमी का फायदा उठा रहे हैं, जो कहीं न कहीं उन्हें होनी चाहिए। खास बात यह है कि इसमें किसी ऐप को डाउनलोड करने या किसी वेबसाइट पर जाने की जरूरत नहीं होती, एक अलग तरीके से ही यह स्कैम या साइबर क्राइम करने का नया कान्सेप्ट काम करता है, इसी कारण इसे सबसे ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है।

कैसे काम करता है USSD कॉल फॉरवर्डिंग स्कैम

इस फ्रॉड में भी साइबर क्रिमिनल अपने आपको कूरियर या डिलीवरी एजेंट बताकर किसी को भी कॉल करते हैं। इसके बाद वे कहते हैं कि आपका पार्सल डिले हो रहा है, या लेट हो चुका है, इसके अलावा वह आपसे यह भी कह सकते है कि आपको इस पार्सल की डिलीवरी कन्फर्म करनी होगी। इसी बातचीत में फँसाकर आम लोगों से अचानक ही एक USSD कोड डायल करने को कहा जाता है, जो आमतौर पर *21 से शुरू होता है और उसके बाद ठग का मोबाइल नंबर आता है।

कोड डायल करने के बाद क्या होता है?

जैसे ही कोई व्यक्ति यह कोड डायल करता है, उसके फोन में कॉल फॉरवर्डिंग एक्टिव हो जाती है। इसके बाद बैंक से आने वाली कॉल, OTP वेरिफिकेशन कॉल और WhatsApp या Telegram जैसे ऐप्स की सिक्योरिटी कॉल सीधे इन साइबर क्रिमिनल्स के नंबर पर फॉरवर्ड होना शुरू हो जाती है। इसका मतलब यह है कि ये साइबर ठग अब बिना OTP देखे ही ट्रांजैक्शन अप्रूव कर सकते हैं, पासवर्ड बदल सकते हैं और अकाउंट अपने कंट्रोल में ले सकते हैं।

क्यों पकड़ में नहीं आता यह स्कैम?

साइबर एजेंसियों के मुताबिक, USSD कोड इंटरनेट के बिना काम करते हैं और तुरंत एक्टिव हो जाते हैं। कई बार यूजर्स को यह भी पता नहीं चलता कि उनके फोन में कॉल फॉरवर्डिंग ऑन हो चुकी है। न कोई नोटिफिकेशन आता है और न ही कोई अलर्ट इससे जुड़ा होता है। ऐसे में, पीड़ित समझ ही नहीं पाते हैं कि उनके फोन पर कुछ गड़बड़ हो रही है। हालांकि, जब तक उसे पता चलता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है, और अकाउंट खाली भी हो चुका होता है, इसके अलावा सोशल मीडिया अकाउंट भी लॉक हो चुका होता है या इसका पासवर्ड बदला जा चुका होता है, ऐसा कहा जा सकता है कि जब तक किसी भी पीड़ित को इसके बारे में पता चलता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। अब जबकि इसमें कोई वायरस, ऐप या फर्जी लिंक शामिल नहीं होता, इसलिए एंटीवायरस या स्पैम फिल्टर भी इसे पकड़ नहीं पाते।

साइबर क्राइम से बचने के लिए क्या करें?

साइबर सुरक्षा एजेंसियों ने साफ कहा है कि किसी अनजान व्यक्ति के कहने पर *21, *61, *67 या इस तरह के किसी भी USSD कोड को बिल्कुल भी किसी भी कीमत पर डायल करने से बचें। अगर गलती से कॉल फॉरवर्डिंग ऑन हो गई है, तो तुरंत ##002# डायल करें। इससे आपके फोन की सभी कॉल फॉरवर्डिंग सर्विस बंद हो जाएगी।

अगर आपके साथ किसी भी तरह की साइबर ठगी हो जाए तो आपको उसी समय 1930 नंबर पर कॉल करना चाहिए या राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल पर शिकायत दर्ज करनी चाहिए।

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Ashwani Kumar

Ashwani Kumar

Ashwani Kumar has been the heart of Digit Hindi for nearly nine years, now serving as Senior Editor and leading the Vernac team with passion. He’s known for making complex tech simple and relatable, helping millions discover gadgets, reviews, and news in their own language. Ashwani’s approachable writing and commitment have turned Digit Hindi into a trusted tech haven for regional readers across India, bridging the gap between technology and everyday life. View Full Profile

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