सावधान! कार का ये फीचर खराब कर देगा आपके फोन का कैमरा, जान लीजिए वर्ना लगेगा हजारों का फटका!
बचपन में हमें अक्सर चेतावनी दी जाती थी कि “लेजर लाइट (Laser Pointer) को सीधे आंखों में मत डालना, वरना अंधापन हो सकता है.” हम सब जानते हैं कि लेजर बीम कितनी खतरनाक हो सकती है. आपकी आधुनिक कार में लगी एक ‘अदृश्य’ लेजर तकनीक आपके स्मार्टफोन के लिए उतनी ही घातक है.
Surveyयहां हम बात कर रहे हैं LiDAR (लाईडार) सेंसर्स की. आजकल की हाई-टेक कारों (खासकर ऑटोनॉमस और लग्जरी गाड़ियां) में लगा यह सेंसर अदृश्य लेजर किरणें छोड़ता है. इंसानी आंखों को तो इससे कोई नुकसान नहीं होता है, लेकिन अगर आपके स्मार्टफोन का कैमरा इसके सामने आ जाए, तो उसके लेंस और सेंसर हमेशा के लिए ‘फ्राई’ हो सकते हैं. एक छोटी सी गलती और आपका 1 लाख का iPhone या Android फोन कचरा बन सकता है.
आखिर क्या है LiDAR?
आइए सबसे पहले यह समझते हैं कि यह तकनीक क्या है और कैसे काम करती है. आपको बता दें कि LiDAR का पूरा नाम है “लाइट डिटेक्शन एंड रेजिंग”. यह रडार का ही एक एडवांस रूप है, लेकिन रेडियो तरंगों की जगह यह लेजर लाइट का उपयोग करता है.
एक LiDAR सेंसर अपने आसपास लेजर लाइट की तेज बौछारें (Bursts) छोड़ता है. जब यह लाइट किसी वस्तु से टकराकर वापस आती है, तो सेंसर उस समय को मापता है. इस डेटा का उपयोग करके, कार अपने आसपास की दुनिया का एक सटीक 3D नक्शा बनाती है. यह तकनीक सेल्फ-ड्राइविंग कारों और ADAS (ड्राइवर सहायता प्रणाली) के लिए संजीवनी है. यह अंधेरे, बर्फ या धुंध में भी बाधाओं को देख सकती है.
फोन के लिए है खतरनाक
LiDAR से निकलने वाली लेजर लाइटें इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रम में होती हैं. चूंकि ये इन्फ्रारेड होती हैं, इसलिए इंसानी आंखें इन्हें नहीं देख सकती हैं. आप सेंसर के ठीक सामने खड़े हो सकते हैं और आपको कुछ नहीं दिखेगा. लेकिन, आपके स्मार्टफोन का कैमरा सेंसर (चाहे वह iPhone हो या Android) हमारी आंखों से ज्यादा संवेदनशील होता है. कैमरा सेंसर इन इन्फ्रारेड लेजर बीम को कैप्चर सकता है.

जब LiDAR की केंद्रित और पावरफुल लेजर बीम सीधे कैमरे के लेंस में प्रवेश करती है, तो यह सेंसर के पिक्सल को जला देती है. इसे तकनीकी भाषा में “Fried Pixels” या “Burn-in” कहा जाता है. इसका परिणाम यह होता है कि आपकी तस्वीरों और वीडियो में हमेशा के लिए काले धब्बे, पिंक लाइन या ग्रिड पैटर्न दिखाई देने लगते हैं.
वायरल वीडियो के बाद खबरों में आई टेक्निक
यह मुद्दा तब सुर्खियों में आया जब Reddit पर एक वीडियो वायरल हुआ. एक यूजर ने अपनी नई Volvo EX90 कार का वीडियो बनाते समय अपने स्मार्टफोन कैमरे को जूम करके कार के LiDAR सेंसर पर फोकस किया.
जैसे ही कैमरा सेंसर की सीध में आया, फोन की स्क्रीन पर झिलमिलाहट हुई और कैमरा सेंसर तुरंत खराब हो गया. वीडियो में साफ देखा जा सकता था कि कैसे पिक्सल जल गए. इस घटना के बाद, ऑटोमोटिव वेबसाइट The Drive ने Volvo से संपर्क किया. कंपनी के प्रतिनिधि ने इसको कन्फर्म किया.
कंपनी ने सलाह दी कि “आमतौर पर यह सलाह दी जाती है कि कैमरे को सीधे LiDAR सेंसर की ओर न रखें. LiDAR द्वारा उत्सर्जित लेजर लाइट कैमरे के सेंसर को नुकसान पहुंचा सकता है या उसके परफॉर्मेंस को प्रभावित कर सकता है.”
जूम करना क्यों है ज्यादा खतरनाक?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि जोखिम तब सबसे ज्यादा बढ़ जाता है जब आप जूम लेंस का उपयोग करते हैं. जूम लेंस दूर से आ रही लाइट रे को एक छोटे से बिंदु पर केंद्रित कर देता है. यह ठीक वैसा ही है जैसे हम बचपन में मैग्निफाइंग ग्लास से सूरज की रोशनी को केंद्रित करके कागज जलाते थे. जब आप LiDAR सेंसर पर जूम करते हैं, तो लेजर की तीव्रता कई गुना बढ़ जाती है, जिससे सेंसर के जलने की संभावना 100% हो जाती है.
अपने फोन को कैसे बचाएं?
इसका मतलब यह नहीं है कि आप अपनी कार के पास फोटो नहीं खींच सकते, लेकिन आपको सावधानी बरतनी होगी.
- कभी भी अपने फोन के कैमरे को सीधे LiDAR एमिटर (सेंसर) के ठीक सामने न रखें, खासकर बहुत करीब से.
- कार के सेंसर वाले हिस्से पर वीडियो बनाते समय कभी भी जूम इन (Zoom In) न करें.
- थोड़ा दूर रहकर फोटो या वीडियो लें.
इसे वैसे ही समझें जैसे डीजे या कॉन्सर्ट में इस्तेमाल होने वाली लेजर लाइट्स. जैसे वे लेजर्स कैमरा सेंसर खराब कर सकती हैं, वैसे ही कार का LiDAR भी कर सकता है.
Sudhanshu Shubham
सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं. View Full Profile