UPI पेमेंट करते वक्त रखें ध्यान, Jumped Deposit स्कैम से अकाउंट हो रहे खाली, जानें गलत पिन डालकर बचने का तरीका
UPI ने हमारे पेमेंट करने के अंदाज को बिल्कुल बदल दिया है. इसके जरिए चुटकियों में छोटे दुकानदारों से लेकर बड़े मर्चेंट को पेमेंट कर सकते हैं. लेकिन, इसकी वजह से स्कैम भी काफी तेजी से बढ़े हैं. अब UPI पेमेंट करने वालों को सावधान रहने की जरूरत है. एक स्कैम Jumped Deposit फिर से शुरू हो गया है.
Surveyइस स्कैम में ठग पहले आपको खुद पैसे भेजते हैं ताकि आपका भरोसा जीत सकें, और फिर सहानुभूति का नाटक करके आपका बैंक खाता खाली कर देते हैं. तमिलनाडु पुलिस और साइबर सेल ने इसे लेकर गंभीर चेतावनी जारी की है. यह स्कैम इतना बारीक है कि पढ़े-लिखे लोग भी गच्चा खा रहे हैं.
क्या है ‘Jumped Deposit Scam’?
आमतौर पर स्कैमर्स डरा-धमकाकर या लॉटरी का लालच देकर पैसे मांगते हैं. लेकिन इस स्कैम में वे ‘भरोसा’ जीतने की तकनीक अपनाते हैं. ठग जानबूझकर विक्टिम के खाते में एक छोटी राशि जमा करते हैं. यह राशि 10 रुपये, 50 रुपये या 100 रुपये हो सकती है.
इसका एकमात्र उद्देश्य यह साबित करना है कि “देखो, मैं असली इंसान हूं और मैंने तुम्हें पैसे भेजे हैं.” एक बार जब यूजर को मैसेज आता है कि पैसा क्रेडिट हुआ है, तो उसका दिमाग रिलैक्स हो जाता है और यहीं से खेल शुरू होता है.
शातिर तरीके से बिछाया जाता है जाल
इस स्कैम की कहानी कुछ इस तरह सामने आती है, जिसे समझकर आप खुद को बचा सकते हैं.
स्टेप 1: चारा डालना- आपके फोन पर एक SMS आता है कि आपके खाते में कुछ पैसे (जैसे 50 रुपये) जमा हुए हैं. यह वास्तव में ठग द्वारा भेजा गया असली पैसा होता है.
स्टेप 2: इमोशनल कॉल- इसके तुरंत बाद, आपके पास एक कॉल आता है. सामने वाला व्यक्ति बहुत घबराया हुआ या परेशान होने का नाटक करता है.
कहानी: “सर/मैडम, मैंने अपनी बीमार मां के इलाज के लिए अपने भाई को 5,000 रुपये भेजे थे, लेकिन गलती से एक नंबर गलत दब गया और पैसे आपके पास चले गए. मैंने चेक करने के लिए अभी 50 रुपये और भेजे तो देखा वो भी आपके पास आए हैं. प्लीज मेरे 5,000 रुपये लौटा दीजिए, अस्पताल में बहुत अर्जेंट है.”
स्टेप 3: हेराफेरी- यहीं पर आप गच्चा खाते हैं. या तो ठग आपको एक फर्जी SMS भेजता है जो देखने में बैंक के मैसेज जैसा लगता है, जिसमें लिखा होता है कि 5,000 रुपये क्रेडिट हुए हैं. या फिर, आप हड़बड़ी में अपना बैलेंस चेक नहीं करते और इंसानियत के नाते पैसे लौटाने को तैयार हो जाते हैं.
स्टेप 4: भुगतान लिंक- ठग कहता है, “मैं आपको एक रिक्वेस्ट भेज रहा हूं, आप बस ओके कर दीजिए.” वह आपको एक ‘Collect Request’ भेजता है या एक लिंक देता है. जैसे ही आप उस पर क्लिक करके अपना UPI PIN डालते हैं, आपके खाते से पैसे कट जाते हैं.
नतीजा: बाद में जब आप चेक करते हैं, तो पता चलता है कि आपके पास तो सिर्फ 50 रुपये आए थे, लेकिन आपने उसे अपने पास से 5,000 रुपये दे दिए. और ठग वह अंतर लेकर गायब हो जाता है.
‘Wrong PIN’ ट्रिक
तमिलनाडु पुलिस और साइबर विशेषज्ञों ने इस स्थिति से निपटने के लिए एक बहुत ही नायाब तरीका सुझाया है. अगर आपको बैलेंस चेक करना है या कोई दावा कर रहा है कि उसने पैसे भेजे हैं, और आप लिंक पर क्लिक कर रहे हैं (वैसे तो लिंक पर क्लिक न करें) तो जानबूझकर गलत पिन डालें.
अगर वह वास्तव में आपको पैसे भेजने का लिंक है, तो गलत पिन डालने पर कुछ नहीं होगा. लेकिन अगर वह पैसे काटने का लिंक है, तो गलत पिन डालने पर ट्रांजेक्शन फेल हो जाएगा और आपके पैसे बच जाएंगे. यह तरीका आपको सोचने का समय देता है और फर्जी रिक्वेस्ट को अधिकृत होने से रोकता है.
अपने पैसे की सुरक्षा कैसे करें?
- अपना बैलेंस वेरीफाई करें (Verify Account Balance):
- कभी भी सिर्फ SMS पर भरोसा न करें. आजकल ठग बैंक जैसे दिखने वाले फर्जी SMS भेज सकते हैं.
- हमेशा अपना UPI ऐप (GPay/PhonePe) या बैंक ऐप खोलें और ट्रांजेक्शन हिस्ट्री में जाकर चेक करें कि क्या सचमुच 5,000 रुपये आए हैं? अगर नहीं आए, तो कॉल काट दें.
- ठगी होने जाने की स्थिति में तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें.
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Sudhanshu Shubham
सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं. View Full Profile