Aadhaar अपडेट के लिए नहीं लगनी होगी लंबी लाइन, मोबाइल ऐप से चेहरा दिखाकर घर बैठें होगा काम, जानें काम की खबर

Aadhaar अपडेट के लिए नहीं लगनी होगी लंबी लाइन, मोबाइल ऐप से चेहरा दिखाकर घर बैठें होगा काम, जानें काम की खबर

अगर आप आधार कार्ड में एक छोटा सा बदलाव कराने के लिए घंटों आधार सेवा केंद्र की लाइन में लगकर परेशान हो चुके हैं, तो आपके लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी है. UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) अब आपकी इस परेशानी को हमेशा के लिए खत्म करने जा रहा है. UIDAI एक ऐसा सिक्योर्ड मोबाइल ऐप डेवलप कर रहा है जो आपके स्मार्टफोन को ही आधार केंद्र बना देगा.

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अब आपको अपना मोबाइल नंबर या जन्मतिथि बदलने के लिए धक्के नहीं खाने पड़ेंगे, बल्कि यह काम घर बैठे आपके चेहरे (Face Authentication) से हो जाएगा. आइए, जानते हैं कि यह नई टेक्नोलॉजी कैसे काम करेगी और कब तक आपको यह राहत मिल सकती है.

क्यों पड़ी इस नए ऐप की जरूरत?

UIDAI के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि विभाग को उत्तर प्रदेश के विभिन्न केंद्रों पर प्रतिदिन औसतन लगभग 1.30 लाख आगंतुक मिलते हैं. यह एक बहुत बड़ी संख्या है! इनमें से, लगभग 1.10 लाख लोग केवल अपने आधार को अपडेट करने के लिए इन केंद्रों पर आते हैं और लगभग 20,000 नए नामांकन (enrolments) के लिए.

HT की रिपोर्ट के अनुसार, UIDAI (क्षेत्रीय कार्यालय, लखनऊ) के उप महानिदेशक प्रशांत कुमार सिंह ने पुष्टि की है कि यह पहल “सक्रिय विकास (active development)” के अधीन है. उन्होंने कहा कि नया सिस्टम उन लाखों लोगों को बड़ी राहत प्रदान करेगा जो हर दिन आधार सेवाओं पर निर्भर हैं. अधिकारियों का कहना है कि इस भारी भीड़ के कारण उनके कार्यालयों पर दबाव काफी बढ़ गया है और यह नई टेक्नोलॉजी नागरिकों के लिए प्रक्रिया को आसान बनाएगी.

अभी क्या है स्थिति और आगे क्या बदलेगा?

फिलहाल स्थिति यह है कि आधार धारक केवल अपना पता (Address) ही ऑनलाइन अपडेट कर सकते हैं. मोबाइल नंबर, जन्म तिथि, बायोमेट्रिक अपडेट या व्यक्तिगत विवरण में सुधार सहित किसी भी अन्य बदलाव के लिए, यूजर्स को भौतिक केंद्रों (Physical Centres) पर जाने की आवश्यकता होती है.

अधिकारियों के अनुसार, यह सीमा लोगों को काम से छुट्टी लेने, लंबी दूरी की यात्रा करने और लंबी कतारों में खड़े होने के लिए मजबूर करती है, विशेष रूप से लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और आगरा जैसे शहरी इलाकों में. लेकिन प्रस्तावित ऐप इस तस्वीर को बदल देगा. यह यूजर्स को फेस-रिकग्निशन-बेस्ड ऑथेंटिकेशन के माध्यम से घर से ही कई अपडेट पूरा करने की अनुमति देगा. यह फीचर लगभग सभी आधुनिक स्मार्टफोन्स में उपलब्ध है.

कैसे काम करेगा यह ‘फेस ऑथेंटिकेशन’?

यह प्रक्रिया बेहद हाई-टेक और सुरक्षित होगी. जैसे ही कोई यूजर फेशियल वेरिफिकेशन (चेहरे की पहचान) के माध्यम से लॉग इन करेगा, ऐप एक सिक्योर डैशबोर्ड खोलेगा. यहां वे आधार केंद्रों पर जाए बिना अपडेट के लिए अनुरोध जमा कर सकते हैं. अधिकारियों ने कहा कि यह तरीका बार-बार बायोमेट्रिक स्कैन की आवश्यकता को समाप्त कर सकता है और एनरोलमेंट ऑपरेटर्स पर निर्भरता कम कर सकता है.

कब तक होगा लॉन्च?

फिलहाल, UIDAI की टीमें ऑफिशियल लॉन्च से पहले प्रोजेक्ट के तकनीकी और सुरक्षा पहलुओं का परीक्षण कर रही हैं. प्राधिकरण संभावित कमजोरियों की जांच कर रहा है जिससे धोखाधड़ी या दुरुपयोग हो सकता है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐप टैम्पर-प्रूफ रहे. हमारी प्राथमिकता आधार डेटा की अखंडता को बनाए रखना है.” हालांकि अभी तक कोई सटीक लॉन्च डेट तय नहीं की गई है, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि प्रोजेक्ट अपने अंतिम चरणों में है और तकनीकी काम पूरा होने के तुरंत बाद लाइव हो सकता है.

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Sudhanshu Shubham

Sudhanshu Shubham

सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं. View Full Profile

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