दूरसंचार विभाग की चेतावनी! आपके नाम पर जारी SIM से हुआ ‘कांड’..तो सीधे होगी इतने साल की सजा, जान लें नियम
भारत में मोबाइल कनेक्टिविटी के तेजी से बढ़ते उपयोग के बीच SIM कार्ड और IMEI छेड़छाड़ से जुड़े अपराधों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है. इसी को ध्यान में रखते हुए डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DoT) ने नागरिकों को कड़ी चेतावनी जारी की है. सरकार ने साफ किया है कि अब दूसरों के लिए SIM कार्ड लेना, उन्हें देना, या फर्जी डॉक्यूमेंट से SIM लेना, सभी गतिविधियां Telecom Act 2023 के तहत गंभीर अपराध मानी जाएंगी.
SurveyDoT का कहना है कि कई लोग अपने नाम पर SIM लेकर दूसरों को दे देते हैं और बाद में उन्हीं SIM से साइबर फ्रॉड किया जाता है. ऐसे मामलों में असली SIM धारक को भी अपराधी माना जाएगा क्योंकि SIM उसके नाम पर जारी हुआ था.
बढ़ता खतरा, बढ़ी सख्ती: DoT की चेतावनी
DoT ने कहा कि IMEI नंबरों में छेड़छाड़, मॉडिफाइड SIM बॉक्स का इस्तेमाल, क्लोनिंग, या मोबाइल डिवाइस आइडेंटिफायर के साथ किसी भी तरीके से बदलाव करना गंभीर चिंता का विषय है. मंत्रालय ने नागरिकों से Sanchar Saathi ऐप और पोर्टल का उपयोग कर अपने मोबाइल कनेक्शनों और डिवाइस की जांच और सुरक्षा सुनिश्चित करने की सलाह दी है.
सरकार ने स्पष्ट किया कि IMEI छेड़छाड़ केवल टेक्निकल गलती नहीं बल्कि एक कानूनी अपराध है.
टेलीकॉम एक्ट 2023: कितनी सजा होगी?
टेलीकॉम एक्ट, 2023 की धारा 42 के तहत कई गतिविधियों को स्पष्ट रूप से अपराध घोषित किया गया है:
- IMEI छेड़छाड़ अपराध (Section 42(3)(c))
- डिवाइस के IMEI नंबर में बदलाव करना या छेड़छाड़ करना.
- फर्जी डॉक्यूमेंट से SIM लेना अपराध (Section 42(3)(e))
- फर्जी डॉक्यूमेंट, धोखाधड़ी या गलत पहचान से SIM लेना.
- ऐसे डिवाइस रखना जिनमें IMEI बदला जा सके (Section 42(3)(f))
- SIM बॉक्स, मॉडेम या ऐसे मॉड्यूल रखना जो ऑथराइज्ड आइडेंटिफायर को बदल सकें.
सजा
- 3 साल तक की जेल
- 50 लाख रुपये तक का जुर्माना
- या दोनों
अपराध गैर जमानती और संज्ञेय (cognizable) हैं. धारा 42(6) में कहा गया है कि इन अपराधों में मदद करने वाले या बढ़ावा देने वाले पर भी वही सजा लागू होगी.
SIM दूसरों को देना भी अपराध
DoT ने स्पष्ट किया कि “अगर कोई व्यक्ति अपने नाम पर SIM लेता है और उसे किसी दूसरे को दे देता है, और वह SIM साइबर फ्रॉड में इस्तेमाल हो जाता है, तो असली SIM धारक को भी अपराध का हिस्सा माना जाएगा.”
यह नियम उन लोगों पर भी लागू होता है जो:
- कई SIM अपने नाम पर लेकर दूसरों में बांटते हैं
- फर्जी डॉक्यूमेंट से SIM एक्टिवेट करवाते हैं
- साइबर गैंग को SIM उपलब्ध कराते हैं
सरकार की सलाह
DoT ने नागरिकों से कहा कि वे ऐसी एक्टिविटी से दूर रहें:
- बदले हुए IMEI वाले मोबाइल खरीदना या उपयोग करना
- फर्जी पहचान से SIM लेना
- SIM बॉक्स, प्रोग्रामेबल मॉडेम या IMEI बदलने वाले उपकरण रखना
- Calling Line Identity बदलने वाले ऐप का उपयोग
सरकार का कहना है कि इन गतिविधियों में शामिल होना या किसी को इसके लिए SIM देना आपको सीधे अपराधी बना सकता है.
Sanchar Saathi: कैसे करेगा मदद?
Sanchar Saathi ऐप के माध्यम से नागरिक:
- मोबाइल का IMEI नंबर चेक कर सकते हैं
- डिवाइस की असल ब्रांड, मॉडल और निर्माता पहचान सकते हैं
- फर्जी या खोए हुए SIM को ब्लॉक कर सकते हैं
- संदिग्ध नंबर या डिवाइस की रिपोर्ट कर सकते हैं
सरकार का कहना है कि इन डिजिटल टूल्स का उपयोग करना अब पहले से अधिक आवश्यक हो गया है.
मोबाइल कनेक्टिविटी का विस्तार जितना तेजी से बढ़ रहा है, उससे जुड़े खतरे भी उतनी ही गति से बढ़ रहे हैं. सरकार ने साफ संदेश दिया है कि अब हर व्यक्ति अपने नंबर और डिवाइस के लिए खुद जिम्मेदार होगा. गलत IMEI, फर्जी SIM और दूसरों के हाथ में दिया SIM अब सीधा जेल तक ले जा सकता है.
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Sudhanshu Shubham
सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं. View Full Profile