रो-रो कर चल रहा WiFi? ये काम करते ही दौड़ने लगेगा नेटवर्क, खत्म हो जाएगी स्लो इंटरनेट की समस्या
घर में वाई-फाई होने के बावजूद कई बार मोबाइल या लैपटॉप पर इंटरनेट की स्पीड उम्मीद के मुताबिक नहीं मिलती. ऐसे में लोग परेशान होकर बार-बार राउटर बदलते हैं या नया सर्विस प्रोवाइडर चुन लेते हैं. लेकिन कई बार इतना सब करने के बाद भी समस्या बनी रहती है और डिवाइस पर सही सिग्नल नहीं आता. जब खर्च करने के बावजूद तेज स्पीड न मिले तो निराश होना तो लाज़मी है. इस परेशानी का हल दो डिवाइस से किया जा सकता है, एक मेश राउटर और दूसरा रेंज एक्सटेंडर. ये दोनों ही आपके वाई-फाई नेटवर्क को बेहतर बनाने में मददगार साबित हो सकते हैं.
Surveyराउटर की लोकेशन
सबसे पहले यह देखना जरूरी है कि वाई-फाई का सिग्नल आपके घर में सही ढंग से पहुंच भी रहा है या नहीं. कई बार समस्या सिर्फ इसलिए होती है क्योंकि राउटर गलत जगह रखा होता है या फिर आपका इंटरनेट प्लान ही धीमा होता है. ऐसे में मेश सिस्टम या एक्सटेंडर लगाने से भी कोई खास फायदा नहीं मिलेगा. इसीलिए बेहतर होगा कि आप किसी फ्री टूल की मदद से घर में सिग्नल की स्ट्रेंथ चेक करें. अगर सिग्नल -67 से -30 dBm के बीच है, तो कनेक्शन अच्छा है. वहीं, अगर यह -70 dBm से नीचे है तो नेटवर्क बूस्ट करने की जरूरत है.
पुराने डिवाइस को भी सुधार सकते हैं
हर बार नया डिवाइस खरीदना जरूरी नहीं होता. कई बार सही प्लेसमेंट से भी सिग्नल मजबूत हो जाते हैं. कोशिश करें कि राउटर घर के सेंटर में रखा हो और दीवारों या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से दूर हो. राउटर की एंटीना को सीधा (वर्टिकल) रखें और इसे किसी ऊंची जगह पर लगाएं. ऐसा करने से सिग्नल पूरे घर में बेहतर तरीके से फैलेंगे. अगर इन उपायों से भी समस्या बनी रहती है, तभी रेंज एक्सटेंडर या मेश राउटर सिस्टम के बारे में सोचें.
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रेंज एक्सटेंडर क्या करता है?
पीसी मैग की एक रिपोर्ट के अनुसार, रेंज एक्सटेंडर मौजूदा वाई-फाई नेटवर्क को बूस्ट करता है और सिग्नल को दोबारा फैलाता है, जिससे कवरेज बढ़ जाता है. हालांकि इसके कुछ नुकसान भी हैं. यह आमतौर पर ‘HomeWiFi’ और ‘HomeWiFi_EXT’ के दो अलग नेटवर्क बना देता है. ऐसे में आपको डिवाइस को बार-बार सही नेटवर्क पर स्विच करना पड़ सकता है. इसके अलावा, इसे सेटअप और मैनेज करना भी थोड़ा झंझट वाला हो सकता है.
मेश राउटर सिस्टम के फायदे
मेश राउटर सिस्टम आपके पुराने राउटर की जगह लेता है. इसमें कई छोटे-छोटे डिवाइस (नोड्स) होते हैं, जो मिलकर एक ही नेटवर्क बनाते हैं. इसकी खासियत यह है कि आपका मोबाइल या लैपटॉप अपने आप उस नोड से जुड़ जाएगा, जहां सिग्नल सबसे मजबूत होगा. इसमें 2.4GHz और 5GHz जैसे मल्टीपल रेडियो बैंड होते हैं, जिससे डेटा फास्ट और स्मार्ट तरीके से ट्रांसफर होता है. मेश सिस्टम को मैनेज करना भी आसान है, क्योंकि इन्हें मोबाइल ऐप के जरिए कंट्रोल किया जा सकता है.
कौन सा विकल्प चुनें?
अगर आपका बजट सीमित है और आपको केवल थोड़ी कवरेज बढ़ाने की जरूरत है, तो रेंज एक्सटेंडर काफी रहेगा. लेकिन अगर आप लंबे समय तक बिना किसी दिक्कत के मजबूत वाई-फाई सिग्नल चाहते हैं, तो मेश राउटर सिस्टम बेहतर विकल्प है. हालांकि यह थोड़ा महंगा होता है, लेकिन इसकी परफॉर्मेंस भी उतनी ही भरोसेमंद होती है.
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Faiza Parveen
फाईज़ा परवीन डिजिट हिंदी में एक कॉन्टेन्ट राइटर हैं। वह 2023 से डिजिट में काम कर रही हैं और इससे पहले वह 6 महीने डिजिट में फ्रीलांसर जर्नलिस्ट के तौर पर भी काम कर चुकी हैं। वह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक स्तर की पढ़ाई कर रही हैं, और उनके पसंदीदा तकनीकी विषयों में स्मार्टफोन, टेलिकॉम और मोबाइल ऐप शामिल हैं। उन्हें हमारे हिंदी पाठकों को वेब पर किसी डिवाइस या सेवा का उपयोग करने का तरीका सीखने में मदद करने के लिए लेख लिखने में आनंद आता है। सोशल मीडिया की दीवानी फाईज़ा को अक्सर अपने छोटे वीडियो की लत के कारण स्क्रॉलिंग करते हुए देखा जाता है। वह थ्रिलर फ्लिक्स देखना भी काफी पसंद करती हैं। View Full Profile